गाज़ियाबाद में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अगले वर्ष से स्टूडेंट्स 12वीं क्लास तक पढ़ सकेंगी। अब तक ये स्कूल केवल आठवीं कक्षा तक ही थे। इसके बाद आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए स्टूडेंट्स को दूसरे स्कूलों की ओर रुख करना होता था। इस वजह से बहुत सी छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती थीं। इस कारण से इन विद्यालयों को अब 12वीं क्लास तक अपग्रेड करने का फैसला लिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा अधिकारियों ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूलों को 12वीं क्लास तक बढ़ाने का फैसला गर्ल स्टूडेंट्स में बढ़ते स्कूल ड्रॉपआउट रेट को देखते हुए लिया गया है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को 12वीं क्लास तक अपग्रेड करने के कारण छात्राओं के बीच शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और वे बिना अपनी पढ़ाई बीच में छोड़े अपना स्कूल पूरा कर सकेंगी।
गाजियाबाद जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इन स्कूलों में 12वीं तक कक्षाओं को बढ़ाने के लिए नए कमरे बनाने की आवश्यकता पड़ेगी, जिसे लेकर कंस्ट्रक्शन वर्क शुरू कर दिया गया है।
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लोनी के कस्तूरबा गांधी स्कूल में हॉस्टल का होगा विस्तार
गाजियाबद के लोनी क्षेत्र में स्थित कस्तूरबा गाँधी विद्यालय के हॉस्टल का भी विस्तार किए जाने की योजना पर काम चल रहा है। वर्तमान में इस विद्यालय में 100 विद्यार्थियों के रहने की क्षमता है जिसे बढ़ाकर दुगना यानी 200 स्टूडेंट्स तक कर दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में सरकार की ओर से लगभग 20 लाख रुपए के फंड को मंज़ूरी दे दी गई है। इसके अतिरिक्त लोनी स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नई लाइब्रेरी, प्लेग्राउंड और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सुविधाएं आदि भी विकसित की जाएंगी।
कस्तूरबा गांधी विद्यालय क्या होते हैं?
भारत में केन्द्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान को बढ़ावा देने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना के निर्देशन में देशभर में 750 आवासीय स्कूल खोलने का प्रावधान किया है। इस योजना का शुभारम्भ 2006-07 में किया गया। इन विद्यालयों में कम से कम 75% सीटें अनुसूचित जाति व जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्गों की बालिकाओं के लिए आरक्षित है बाकि 25% गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं के लिए है।
2004 में पेश की गई थी योजना
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को सार्थक बनाने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अब 12वीं तक की पढ़ाई होती है। यह योजना अगस्त 2004 में भारत सरकार द्वारा पेश की गई थी। शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदायों और गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की लड़कियों के लिए शैक्षिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की शुरुआत की गई थी।
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