भारत में मैनेजमेंट कोर्सेज से ग्रेजुएशन करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब भारत में सभी इंजीनियरिंग कॉलेज भी सभी अंडर ग्रेजुएट मैनेजमेंट कोर्सेज जैसे बैचलर ऑफ़ बिजनेस, बैचलर ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज़ और बैचलर ऑफ़ बिजनेस एडमिस्ट्रेशन (BBA) आदि की पढ़ाई अपने यहाँ करा सकेंगे।
AICTE से लेना होगा अनुमोदन
इंजीनियरिंग कॉलेजों को AICTE यानि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। इस नए प्रोग्राम की शुरुआत आगामी सत्र 2024 – 25 से की जाएगी। इसके संबंध में AICTE की तरफ से एक हैंडबुक भी जारी की गई है। इसमें मैनेजमेंट कोर्सेज को लेकर इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए सभी नए नियमों के बारे में बताया गया है।
GER बढ़ाने के लिए उठाया गया कदम
AICTE द्वारा यह कदम मैनेजमेंट कोर्सेज में GER (ग्रॉस एनरोलमेंट रेट) को बढ़ाने के लिए लिया गया है। शिक्षा मंत्रालय के द्वारा 2035 तक उच्च शिक्षा में पूरे भारत भर में स्टूडेंट्स के नामांकन की दर को 50% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में भारत में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात दर (GER) 27% है।
स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद होगा कदम
AICTE के द्वारा उठाया गया यह कदम स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद है-
- AICTE के इस फैसले से मैनेजमेंट कोर्सेज की सीट्स में इजाफा होगा जिससे अधिक से अधिक स्टूडेंट्स मैनेजमेंट कोर्सेज में ग्रेजुएशन में एडमिशन ले सकेंगे।
- बहुत से मैनेजमेंट कोर्सेज करने के बाद स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन के आधार पर ही अच्छे जॉब ऑफर्स मिल जाते हैं, इससे देश में रोजगार बढ़ेगा और ऐसे स्टूडेंट्स जो जल्दी रोजगार की तलाश में हैं उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होगी।
- इन ग्रेजुएशन कोर्सेज को AICTE की मान्यता मिलने के बाद देश में शिक्षा के नाम पर चल रहे फ़र्ज़ी कॉलेज घोटाले पर लगाम लगेगी जिससे स्टूडेंट्स का भविष्य सुरक्षित बनेगा।
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