रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र सरकार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंटिफिक एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) को इंडियन हायर एजुकेशन कमीशन (HESC) लाने की योजना बना रही है।
NEP 2020 ने HESC को नियोजित इंटीग्रेटेड हायर एजुकेशन रेगुलेटर के रूप में प्रस्तावित किया। एनडीए प्रशासन ने भारतीय उच्च शिक्षा परिषद विधेयक 2018 में प्रस्तुत किया था, लेकिन यह NEP 2020 की शुरुआत के साथ समाप्त हो गया था। शिक्षा मंत्रालय अब इंडियन हायर एजुकेशन कमीशन की शक्तियों और प्रोविज़न पर विचार कर रहा है।
भारत में, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इम्पोर्टेंस (INI) वर्तमान में संसद के अपने अलग-अलग एक्ट्स द्वारा नियंत्रित होते हैं। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन का इन संस्थानों पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, CU को अभी भी बजट और ग्रांट्स के लिए UGC की मंजूरी की आवश्यकता होती है, जबकि IIT, IIM और NIT जैसे INI पैसे के लिए सीधे मंत्रालय से डील करते हैं।
भारत में वर्तमान में 160 INI हैं, जिनमें ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS), IIT, IIM, NIT और IISER की ब्रांचेज शामिल हैं। ये INI अपनी स्वयं की परीक्षाएं चलाते हैं, डिग्री प्रदान करते हैं, सरकार द्वारा फंडेड होते हैं, और अपने स्वयं के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा देखे जाते हैं।
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