आगे नाथ न पीछे पगहा मुहावरे का हिंदी अर्थ (Aage Nath Na Piche Pagha Muhavare Ka Arth) ‘जिसका संसार में कोई न हो’ होता है। जब किसी व्यक्ति का संसार में कोई न हो तब आगे नाथ न पीछे पगहा मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप ‘आगे नाथ न पीछे पगहा मुहावरे का अर्थ’ (Aage Nath Na Piche Pagha Muhavare Ka Arth) का वाक्यों में प्रयोग और अन्य महत्वपूर्ण मुहावरों के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
आगे नाथ न पीछे पगहा मुहावरे का अर्थ क्या है?
आगे नाथ न पीछे पगहा मुहावरे का अर्थ (Aage Nath Na Piche Pagha Muhavare Ka Arth) ‘जिसका संसार में कोई न हो’ होता है।
आगे नाथ न पीछे पगहा मुहावरे का वाक्य में प्रयोग
आगे नाथ न पीछे पगहा मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित हैं:-
- सोहन कहता है, मुझे संपत्ति की कोई जरूरत नहीं क्योंकि मेरे आगे नाथ न पीछे पगहा।
- वियोम अनाथ है उसके तो आगे नाथ न पीछे पगहा।
- राहुल का इस संसार में कोई नहीं है इसलिए वो कहता है आगे नाथ न पीछे पगहा।
- श्याम बहुत अमीर है लेकिन आगे नाथ न पीछे पगहा।
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