वर्तमान समय में अगर किसी के साथ कोई भी घटना घटित होती है तो हमारे पास अगले दिन ही उसकी खबर आ ही जाती है। ऐसा सिर्फ समाचार पत्रों के द्वारा ही संभव हो सकता है। आज के समय समाचार पत्र के बिना जीवन की कल्पना करना बहुत ही कठिन है। समाचार पत्र की पहली और आवश्यक वस्तु है जिसे हम सुबह उठकर सबसे पहले देखते हैं। यह हमें पूरे विश्व में हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी देकर वर्तमान समय से जुड़े रखने में हमारी मदद करता है। तो आइए जानते हैं समाचार पत्र पर निबंध के बारे में विस्तार से।
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समाचार पत्र क्या होता है?
समाचार पत्र या अख़बार, समाचारों पर बेस्ड एक पब्लिकेशन होती है। इसमें मुख्य तौर पर सामयिक घटनायें, राजनीति, खेल-कूद, व्यक्तित्व, विज्ञापन इत्यादि जानकारियां कागज पर छपी होती हैं। समाचार पत्र कम्युनिकेशन के मीडियम्स के साधनो में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
समाचार पत्र पर बड़े तथा छोटे निबंध (100 शब्द)
समाचार पत्र दूरसंचार के माध्यमों में से एक है। रेडियो, टेलीविज़न और समाचार पत्र हमारे जीवन की विशेष ज़रूरतें है। समाचार पत्र का अपना स्थान है जिसे हम नकार नहीं सकते है। प्रातःकाल की शुरुआत समाचार पत्र से होती है। सुबह दिन के चाय के साथ समाचार पत्र मनुष्य के हाथ में न हो तो उनका दिन अच्छे से नहीं गुजरता है। समाचार पत्र के माध्यम से हम देश-विदेश की सारी छोटी बड़ी जानकारी प्राप्त कर लेते है।हिंदी भाषा के लोकप्रिय समाचार पत्रों के नाम है दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान टाइम्स, पंजाब केसरी, नवभारत टाइम्स आदि। समाचार पत्र साप्ताहिक, मासिक, वार्षिक और दैनिक 4 प्रकार के होते है। अखबार मनुष्य को दुनिया में होने वाली सामजिक , आर्थिक, खेल -कूद, मनोरंजन और साहित्यिक हर प्रकार के वर्ग की जानकारी प्रदान करता है। दूरदर्शन और आकाशवाणी की तुलना में समाचार पत्र गहन अध्ययन कर विश्तृत रूप से समाचार पत्रों को ग्राहकों तक पहुंचाते है।
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छोटे निबंध (300 शब्द)
अखबार हमें अपने देश में हो रही सभी घटनाओं के साथ ही संसार में हो रही घटनाओं से भी अवगत कराते हैं। यह हमें खेल, नीतियों, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग, फिल्म (चलचित्र), भोजन, रोजगार आदि के बारे में बिल्कुल सटीक जानकारी देता है।आज के समय में समाचार पत्र जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। समाचार पत्र की शक्ति असीम होती है।
जिस दिन भी हम समाचार नहीं पढ़ते हैं, हमारा वह दिन सूना-सूना प्रतीत होता है। आज के समय में संसार के किसी भी कोने का समाचार सारे संसार में कुछ ही पलों में बिजली की तरह फैल जाता है। मुद्रण कला के विकास के साथ समाचार पहुँचने के लिए समाचार-पत्रों का प्रादुर्भाव हुआ। आज के समय में रोज पूरे संसार में समाचार-पत्रों द्वारा समाचारों का विस्तृत वर्णन पहुंच रहा है। वर्तमान समय में संसार के किसी भी कोने में कोई भी घटना घटित हो जाए दूसरे दिन उसकी खबर हमारे पास आ जाती है।दैनिक हिंदुस्तान, नवभारत टाईम्स, दैनिक ट्रिब्यून, पंजाब केसरी हिंदी भाषा में प्रकाशित कुछ प्रसिद्ध समाचार पत्र होते हैं। इसी तरह से अंग्रेजी में बहुत से ऐसे प्रसिद्ध समाचार पत्र हैं जो पूरे भारतवर्ष में पढ़े जाते हैं। आज के समय में समाचार पत्रों का उद्योग एक स्थानीय उद्योग बन चुका है क्योंकि इससे लाखों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े होते हैं।
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समाचार पत्र कई प्रकार के होते हैं। समाचार पत्रों को दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, वार्षिक आदि भागों में बांटा जाता है। दैनिक समाचार पत्रों में हर तरह के समाचार को प्रमुखता दी जाती है। अन्य पत्रिकाओं में समसामयिक विषयों पर विभिन्न लेखकों के लेख, किसी भी घटना की समीक्षा, किसी भी गणमान्य जन का साक्षात्कार प्रकाशित होता है। बहुत सी पत्रिकाएँ साल में एक बार विशेषांक निकालती हैं जिसमें साहित्यिक, राजनैतिक, धार्मिक, सामाजिक, पौराणिक विषयों पर ज्ञानवर्धक, सारगर्भित सामग्रियों का वृहंद संग्रह होता है।
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समाचार पत्र पर बड़े तथा छोटे निबंध (500 शब्द)
समाचार पत्र सूचना क्रांति का एक प्रमुख अंग है, वर्तमान में लोगों के सुबह की शुरुआत अखबार पढ़ते हुए होती है. हमारे भारत देश में समाचार पत्र कई भाषाओं जैसे – हिंदी अंग्रेजी तमिल पंजाबी कन्नड़ तेलुगू महाराष्ट्र उर्दू इत्यादि है और आजकल तो क्षेत्रीय भाषाओं में भी समाचार पत्र उपलब्ध है।समाचार पत्र सूचनाओं का भंडार होता है इसमें हमें देश विदेश, व्यापार, राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, रोजगार शेयर मार्केट, फसलों के भाव, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, विज्ञान, अंतरिक्ष, फिल्म उद्योग, भोजन और देश-विदेश में घटने वाली छोटी से छोटी घटना का विवरण होता है।
समाचार पत्र का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है और इनको पढ़ने वालों की संख्या में भी बढ़ती हो रही है क्योंकि इसको बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी पढ़ना पसंद करते है, सभी के लिए इसमें कुछ ना कुछ सूचनाएं दी हुई होती है।व्यापारी वर्ग के लोग इसे इसलिए पढ़ते हैं क्योंकि उन्हें प्रतिदिन के बाजार भाव पता लग जाते हैं और देश दुनिया में बाजार की स्थिति कैसी है यह भी पता लगता है साथ ही व्यापारी लोग अपनी व्यावसायिक उन्नति के लिए अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करवा सकते है इससे उनको बहुत लाभ प्राप्त होता है।
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विद्यार्थियों के लिए समाचार पत्र बहुत ही महत्व की वस्तु है क्योंकि इसमें विज्ञान राजनीति शिक्षा और विभिन्न योजनाओं की जानकारी संबंधी बातें छपी हुई होती है साथ ही बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट भी अखबारों में प्रकाशित होता है।रोजगार ढूंढ रहे युवाओं के लिए अखबार बहुत महत्व की चीज है क्योंकि देश-विदेश में जितनी भी कंपनियां हैं वे सभी भर्ती के लिए अखबारों में सूचना देती है जो कि युवाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सूचना होती है।
आज से 3 शताब्दी पहले तक समाचार पत्र का नाम तक नहीं था उस समय लोग एक दूसरे तक सूचना पहुंचाने के लिए संदेश वाहक, कबूतर के माध्यम से संदेश पहुंचाते थे. लेकिन सूचना पहुंचने में कई दिनों या फिर कभी कभी तो महीनों का समय लग जाता था तब तक तो नई सूचना आ जाती थी।शीघ्र सूचना की प्राप्ति के समाचार पत्र का उद्गम हुआ, समाचार पत्र का जन्म 16 वी शताब्दी में इटली के बेसिन नगर में हुआ इसके बाद इसका विस्तार उत्तरोत्तर बढ़ता गया. धीरे-धीरे लोगों ने इसकी उपयोगिता कालो का मानना शुरू कर दिया और अन्य देशों में भी इसका विस्तार होने लगा। 17 वी शताब्दी के प्रारंभ में इंग्लैंड में भी इसका उपयोग होने लगा इसके बाद तो जैसे समाचार पत्रों को पंख लग गए प्रत्येक देश के नागरिकों को समाचार पत्र पढ़ना अच्छा लगने लगा फिर तो इसकीचहू और ख्याति फैल गई।
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भारत देश एक गरीब और गुलाम देश था इसलिए यहां पर समाचार पत्र आने में वक्त लगा लेकिन 18वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा भारतवर्ष में भी इसका पर्दापर्ण कर दिया गया क्योंकि भारत जैसे देश में सूचनाएं पहुंचाने के लिए अंग्रेजों के पास कोई साधन नहीं था।
हमारे भारत देश में कई प्रकार के समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं लेकिन उनमें से कुछ प्रमुख हैं जिनको सभी लोग पढ़ना पसंद करते हैं उनके नाम इस प्रकार हैं – द टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम, द इकोनॉमिक्स टाइम्स, द हिंदू, दैनिक भास्कर, अमर उजाला, लोकमत, दैनिक जागरण, राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी, इंडियन एक्सप्रेस इत्यादि प्रमुख अखबार है।
आशा करते हैं कि आपको समाचार पत्र पर निबंध का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। ऐसे ही अन्य तरह के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu पर बने रहें।
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How many types of newspaper
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अवनीश जी, भारत में 2 प्रकार के समाचार पत्र होते हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. दैनिक
2 साप्ताहिक
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How many types of newspaper
अवनीश जी, भारत में 2 प्रकार के समाचार पत्र होते हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. दैनिक
2 साप्ताहिक