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उत्तर: यहाँ गोपियाँ कृष्ण द्वारा उद्धव के माध्यम से भेजे गए योग-संदेश को अपनी व्याधि (रोग) मानती हैं। क्योंकि यह संदेश उनके लिए अपरिचित, अस्वीकृत और अप्रिय था। उन्होंने कभी इस प्रकार का संदेश न सुना था, न देखा था और न ही इसका कोई अनुभव किया था। इसलिए वे इसे कड़वी ककड़ी की भाँति अरुचिकर समझती हैं, जो उनके हृदय को चोट पहुंचाने वाली बात है। इसीलिए वे इस योग-संदेश को अपने लिए मनोवैज्ञानिक रोग या व्याधि मानती हैं, जिसने उनके प्रेम और भावनात्मक संतुलन को बिगाड़ दिया है।
अन्य प्रश्न
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