उत्तर: साहस और शक्ति के साथ विनम्रता का होना एक बहुत ही अच्छा गुण है, क्योंकि विनम्रता इन दोनों पर नैतिक अंकुश लगाती है। कई बार व्यक्ति शक्ति और साहस के बल पर उद्दण्डता करने लगता है, जिससे वह दूसरों को बुरा लगने लगता है। ऐसी स्थिति में विनम्रता ही उस पर नियंत्रण रखती है और उसे अहंकार से बचाती है।
हमें इतिहास और साहित्य में कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं जहाँ लक्ष्मण और परशुराम जैसे पराक्रमी और शक्ति-सम्पन्न व्यक्ति विनम्र न होने के कारण अहंकारी दिखे। इसके विपरीत, भगवान राम में साहस, शक्ति के साथ-साथ विनम्रता भी अधिक थी, इसलिए वे अधिक प्रभावशाली और प्रिय दिखते हैं।
इस प्रकार साहस और शक्ति के साथ विनम्रता का होना व्यक्ति के चरित्र को सम्पूर्ण बनाता है और समाज में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाता है। इसलिए कहा जा सकता है कि विनम्रता साहस और शक्ति की सच्ची शक्ति है।
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