उत्तर- गोपियाँ वाक्-चातुर्य में अत्यंत प्रवीण हैं। उनके संवादों में तर्क, भावुकता, सरलता और गहराई का अद्भुत समन्वय दिखाई देता है। वे श्रीकृष्ण के प्रति अपने अटूट प्रेम, आत्मीयता और निश्छल भावना के कारण इतनी प्रभावशाली बन जाती हैं कि ज्ञानी उद्धव भी उनके तर्कों के सामने निरुत्तर हो जाते हैं।
गोपियों के वाक्-चातुर्य की प्रमुख विशेषताएँ हैं—प्रेम से प्रेरित तर्कशीलता, अनुभवजन्य ज्ञान, सहज भाषा और आत्मिक भाव। वे केवल शास्त्रीय ज्ञान नहीं, बल्कि हृदय से उत्पन्न ज्ञान को प्रस्तुत करती हैं। यही कारण है कि उनका प्रेमयुक्त संवाद उद्धव जैसे ज्ञानी को भी भीतर तक झकझोर देता है।
सच्चे प्रेम में इतनी शक्ति होती है कि वह तर्क और बुद्धि की सीमाओं को पार कर हृदय को स्पर्श करता है। गोपियाँ अपने वाक्-चातुर्य से यह सिद्ध कर देती हैं कि हृदय से निकली बात, मस्तिष्क से कही बात से अधिक प्रभावशाली होती है।
अन्य प्रश्न
- गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है?
- उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है?
- गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलहाने दिए हैं?
- उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया है?
- मरजादा न लही’ के माध्यम से कौनसी मर्यादा न रहने की बात की जा रही है?
- कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है?
- गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है?
- प्रस्तुत पदों के आधार पर गोपियों का योग-साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट करें।
- गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए?
- गोपियों को कृष्ण में ऐसे कौन-से परिवर्तन दिखाई दिए जिनके कारण वे अपना मन वापस पा लेने की बात कहती हैं?
60,000+ students trusted us with their dreams. Take the first step today!

One app for all your study abroad needs
