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इसका सही उत्तर है (b) कड़वी ककड़ी जैसा अप्रिय, क्योंकि यह उनकी आशा को तोड़ता है।
विस्तार से:
गोपियों को उद्धव द्वारा दिया गया योग-संदेश कड़वी ककड़ी जैसा कटु और असहनीय लगता है। यह संदेश उन्हें अप्रिय इसलिए लगता है क्योंकि वे श्रीकृष्ण के प्रेम और मिलन की आशा लगाए बैठी थीं, परंतु इसके स्थान पर उन्हें तर्क और वैराग्य का उपदेश सुनने को मिला। यह संदेश उनके प्रेम-भाव को समझने के बजाय उसे नकारता है, जिससे उनके मन में निराशा और पीड़ा और भी बढ़ जाती है।
अन्य प्रश्न
- मन की मन ही माँझ रही। गोपियों की मन की इच्छा मन में ही क्यों रह गई?
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- गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलहाने दिए हैं?
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