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उत्तर – गोपियों के अनुसार अनीति यह है कि पहले कृष्ण ने उन्हें प्रेम के मधुर बंधन में बाँधा, और अब वे प्रेम की रीति छोड़कर योग साधना का उपदेश देने लगे हैं। उनका मानना है कि प्रेम करके उसे निभाना धर्म है, लेकिन प्रेम करके उसे त्याग देना और विरक्ति दिखाना ही अनीति है।
अन्य प्रश्न
- मन की मन ही माँझ रही। गोपियों की मन की इच्छा मन में ही क्यों रह गई?
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- गोपियों ने स्वयं को अबला क्यों कहा है?
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- गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलहाने दिए हैं?
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- गोपियों को उद्धव द्वारा दिया गया योग संदेश कैसा लगता है और क्यों?
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- ‘हरि हैं राजनीति पढ़ि आए’ इस पद में गोपियाँ कृष्ण के किस रूप का वर्णन कर रही हैं?
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