Michael Fred Phelps (जन्म – जून 30, 1985 बाल्टिमॉर, मेरीलैंड में) एक अमरीकी तैराक है और 22 ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं (किसी भी ओलंपिक खिलाड़ी की तुलना में सबसे ज्यादा)। वर्तमान मे उनके नाम तैराकी के सात विश्व कीर्तिमान हैं, इन्हें अगर ओलंपिक अतिमानव भी कहा जाए तो भी यह कम होगा। मार्क स्पिट्ज ने 1972 के ओलंपिक गेम्स में 7 गोल्ड मेडल जीतकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था और माइकल फेल्प्स ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में 8 पदक जीतकर वो रिकॉर्ड तोड़ा। चलिए जानते हैं माइकल फेल्प्स के बारे में।
Check Out : Motivational Stories in Hindi
The Blog Includes:
माइकल फेल्प्स का प्रारंभिक जीवन
माइकल फेल्प्स का जन्म 30 जून 1985 को अमेरिका के बाल्टीमोर के मैरीलैंड में हुआ था। फ्लेप्स के माताजी एक अध्यापिका हैं। इनके पिताजी का स्पोर्ट्स से काफी लगाव है। 7 साल की छोटी सी उम्र में ही फ्लेप्स अपनी दो बड़ी बहनों के साथ तैराकी सीखने जाने लगे थे। हालांकि शुरुआती दौर में माइकल को पानी से काफी डर लगता था, खास तौर पर वो सिर पर पानी डालने से बहुत डरते थे। इसी वजह से उनके स्विमिंग कोच ने उन्हें पीठ के तरफ से तैरने को कहा। शुरुआत में फ्लेप्स तैराकी बस शौक के तौर पर सीखने जाते थे।
Check Out : Success Stories in Hindi
फेल्प्स के जीवन से प्रेरणा ले और आगे बढे
- कम उम्र में लक्ष्य निर्धारित करना – आपको अपने लक्ष्य का पता जितनी जल्दी चल जाए और उतनी जल्दी उसके लिए प्रयास शुरू कर दे. माइकल फेल्प्स 7 वर्ष की छोटी आयु में तैराकी शुरू कर दे थी.
- परिवार का सहयोग – माइकल फेल्प्स को तैराकी के लिए उसे अपनी माँ और बहन से सहयोग और प्रेरणा मिली. किसी लक्ष्य को प्राप्त करने में जब परिवार साथ देता हैं तो उसे सुगमता से पाया जा सकता हैं.
- मुसीबात में रास्ता ढूढना – माइकल फेल्प्स हाथ के फैक्चर के बावजूद भी अपनी प्रैक्टिस जारी रखा और अपने पैरो और हाथों को ज्यादा मजबूत तैराकी के लिए किया. मुसीबत में धैर्य से काम ले और समस्या का समाधान ढूढ़े.
- बड़ा लक्ष्य रखना – माइकल फेल्प्स की तरह आपका भी लक्ष्य बड़ा होना चाहिए जो आपको हर पल, हर समय काम करने पर मजबूर कर दे.
- इतिहास रचना – जब आप किसी बहुत बड़ी मुसीबत से लड़ते है और आप लगातार लड़ते रहते है तो निश्चित ही इतिहास रचते हैं.
Check Out : बिल गेट्स की सफलता की कहानी
तैराकी के क्षेत्र में फ्लेप्स का करिअर
सन 1996 में जब फ्लेप्स मात्र 11 वर्ष के थे तब उन्हें अटलांटा में आयोजित हो रहे ओलंपिक मैच को देखने का मौका मिला। इसी दौरान फ्लेप्स ने जब टॉम माल्को और टॉम डोलन की बेहतरीन तैराकी को देखा, तब फ्लेप्स के मन मे भी तैराकी के क्षेत्र में रुझान पैदा हुआ। जिसके बाद ही फ्लेप्स ने तैराकी के क्षेत्र में अपना नाम बनाने का फैसला किया। जब फ्लेप्स तैराकी का अभ्यास किया करते थे उस दौरान ही कोच बॉब बोमन की पारखी नजर फ्लेप्स पर पड़ी और कोच बोमन ने फ्लेप्स के शारीरिक आकार अर्थात लम्बे हाँथ, पैर जो कि तैरने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, को देखकर फ्लेप्स को ट्रेनिंग देने का फैसला किया।
बोमन को फ्लेप्स के अंदर छुपी मेहनत करने एवं किसी भी लक्ष्य को हासिल कर लेने की जो उत्सुकता थी, उसने बहुत प्रभावित किया। और इसीलिए बोमन ने फ्लेप्स को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि मात्र 15 साल की उम्र में ही सन 2000 में फ्लेप्स को अमेरिकी टीम में शामिल कर लिया गया। साथ ही इन्हें सिडनी में आयोजित की गई ओलंपिक स्पर्धा में प्रदर्शन करने का मौका भी मिला। हालांकि इसमें उन्हें कोई पदक नही मिला। बस निराशा ही हाथ लगी।
परन्तु फ्लेप्स ने निराश होने के बजाय इस हार से सबक लेने का फैसला किया। और अपनी त्रुटियों को दूर करके, दुगनी मेहनत से खुद को तैयार करने में लग गए। जिसका परिणाम यह हुआ कि इस खेल के एक वर्ष बाद ही इन्होंने 200 मीटर बटरफ्लाई में विश्व रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद से ही इनका जीत का सिलसिला शुरू हो गया।
माइकल फेल्प्स के जीवन से जुड़ी खास घटना
जैसा कि हम सब जानते हैं कि साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक में माइकल फेल्प्स ने कुल 8 स्वर्णपदक अपने नाम करके एक विश्वरिकार्ड कायम किया था। पर ये कम ही लोग जानते हैं कि इस जीत के 2 वर्ष पहले फ्लेप्स के हांथो में फ्रैक्चर हो गया था, जिसकी वजह से डॉक्टरों ने यह कह दिया था कि वे आगे से तैराकी नही कर पाएंगे।
डॉक्टर ने यह भी बताया कि यदि फ्लेप्स का हाँथ पूरी तरह से ठीक भी हो जाता है तब भी उसमे पहले जैसी ताकत नही रहेगी। यह एक ऐसा समय था जब कोई इंसान वक्त के आगे अपने घुटने टेक देता परन्तु ऐसी मुश्किल घड़ी में भी फ्लेप्स ने अपना हौसला नही छोड़ा और उन्होंने अपने जीवन का जो लक्ष्य निर्धारित किया था उससे पीछे नही हटे। फ्लेप्स ने यह फैसला किया कि वह तैराकी से अपना कदम पीछे नही हटाएंगे। इसके लिए उन्होंने यह निर्धारित किया कि वह अपने हांथो से अधिक पैरों का इस्तेमाल तैराकी के लिए करेंगे।
फ्लेप्स का यही हौसला था जिसने 2008 की बीजिंग ओलंपिक में इतिहास रचने में उनकी मदद की और परिणाम आज हम सबके सामने है।
माइकल फेल्प्स द्वारा अर्जित की गई उपलब्धियां
माइकल फेल्प्स ने अपना नाम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तैराक के रूप में प्रसिद्ध किया है। यह विश्व के एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक में 28 पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। इनसे पहले किसी भी खिलाड़ी ने इतने पदक नही जीते हैं। ओलम्पिक में 23 स्वर्णपदक जीतने का रिकॉर्ड भी फेल्प्स ने अपने नाम पर दर्ज कर लिया है। इसके अलावा एक ही ओलम्पिक में 8 स्वर्णपदक जीतने वाले फ्लेप्स विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं।
माइकल फेल्प्स ने जिस तरह से विपरीत परिस्थितियों को हराकर इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज कराया है वह दुनिया के हर युवा के लिए एक मिसाल है। हम सबको इनसे प्रेरणा लेकर सदैव अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अग्रसर रहना चाहिए। माइकल फेल्प्स के जीवन से हमे यह सीख मिलती है कि यदि इंसान अपने मन मे किसी बात का दृढ़ निश्चय कर लेता है तो परिस्थितियां कैसी भी हो इंसान को आगे बढ़ने से नही रोक सकती हैं।
माइकल फेल्प्स के बारे में रोचक तथ्य
- माइकल फेल्प्स का जन्म 30 जून 1985 को रीलैंड के रोजर फोर्ज (अमेरिका) में हुआ था I
- माइकल फेल्प्स ने अमेरिका में 29 जून को 200 मीटर की बटरफ्लाई प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही ब्राज़ील (जुलाई 2106) में आयोजित हो रहे ओलिंपिक के लिए पांचवी बार क्वालीफाई कर लिया है, ऐसा करने वाले वे दुनिया में पहले तैराक बन गए हैं I
- माइकल फेल्प्स ने पहला ओलंपिक पदक 2004 के एथेंस ओलंपिक में प्राप्त किया था I
- 4. फेल्प्स ने ओलंपिक में अब तक 18 स्वर्ण पदक सहित कुल 22 पदक जीते हैं I
- 5. फेल्प्स के पैरों में 15 डिग्री का एक अतिरिक्त झुकाव है जो कि उन्हें ज्यादा तेजी से तैरने में मदद करता है I
- 6. वर्तमान मे उनके नाम तैराकी के सात विश्व रिकार्ड हैं।
- 7. फे़ल्प्स को अपने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खिताबों और विश्व कीर्तिमानों, के परिणामस्वरूप वर्ष 2003, 2004, 2006 और 2007 में वर्ष का सर्वश्रेष्ठ विश्व तैराक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया I
- 8. बहुत कम लोग यह जानते हैं कि, माइकल फेल्प्स का 2008 बीजिंग ओलम्पिक से 2 साल पहले दाहिना हाथ टूट (fractured) गया था. डॉक्टर्स ने उसको पानी में जाने से मना कर दिया था I
- 9. माइकल फेल्प्स (Michael Phelps) अमेरिका के तैराक हैंI उनको असल प्रसिद्धि तब मिली, जब उनहोंने 2008 बीजिंग ओलम्पिक में मार्क स्पिट्ज (Mark Spitz) का 36 साल पुराना 1972 म्युनिख ओलम्पिक में तैराकी के 7 गोल्ड मेडल जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा , और तैराकी में 8 गोल्ड मेडल जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया I
- 10. माइकल फेल्प्स के पूरी जिन्दगी के सपने चूर-चूर हो रहे थे I उसने फैसला किया कि, “मैं पानी में जाऊंगा, तैरने में हाथों का नहीं पैरों का इस्तेमाल करूंगा.” उसके सभी शुभचिंतकों ने मना किया कि, ”तुम्हारा मुकाबला अड़ोस-पड़ोस के लोगों से नहीं है, बल्कि पूरे वर्ल्ड के तैराकों से है.” फिर भी उसने अपनी प्रैक्टिस जारी राखी. बीजिंग ओलम्पिक में 8 गोल्ड मेडल जीते. 8 में से 1 इवेंट, 100 मीटर बटरफ्लाई स्ट्रोक को उसने 1 सेकंड के 100 वें हिस्से के अंतर से जीता. यह रेस उसने पैर के ही लास्ट स्ट्रोक के कारण जीती. पैरों से लगातार प्रेक्टिस करने के कारण उसके पैर बहुत मजबूत हो चुके थे I
आशा करते हैं कि माइकल फेल्प्स का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। हमारे Leverage Edu में आपको ऐसे कई प्रकार के ब्लॉग मिलेंगे जहां आप अलग-अलग विषय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।