भारतीय इतिहास में ऐसे कई युद्ध हुए हैं जिन्होंने इतिहास ही बदल डाला। ऐसा ही एक युद्ध था- कलिंग युद्ध। इसने भारतीय इतिहास के पूरे कालखंड को ही बदल कर रख दिया था। इस युद्ध को भारतीस इतिहास का भीषणतम युद्ध कहा जाता है। कलिंग युद्ध सम्राट अशोक के नेतृत्व में लड़ा गया था। युद्ध की विनाशलीला ने सम्राट को शोकाकुल बना दिया और वह प्रायश्चित्त करने के प्रयत्न में बौद्ध विचारधारा की ओर आकर्षित हुआ। कलिंग युद्ध ने अशोक के हृदय में महान परिवर्तन कर दिया । उसका हृदय मानवता के प्रति दया और करुणा से उद्वेलित हो गया। उसने युद्ध क्रियाओं को सदा के लिए बन्द कर देने की प्रतिज्ञा की। यहाँ से आध्यात्मिक और धम्म विजय का युग शुरू हुआ। तो चलिए जानते हैं कलिंग युद्ध के बारे में विस्तार के साथ।
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कलिंग का युद्ध किसके बीच और क्यों लड़ा गया?
“कलिंग का युद्ध” (kalinga yudh) लड़े जाने के पीछे कई बड़ी वजह रही थी। कलिंग युद्ध के या कलिंग की लड़ाई के कारण निम्नलिखित हैं –
- kalinga yudh मौर्य सम्राट अशोक और कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन के बीच 261 ईo पूo लड़ा गया था।
- मौर्य साम्राज्य के प्रथम सम्राट और अशोक महान के दादा चन्द्रगुप्त मौर्य राज्य विस्तार के समय कलिंग पर हमला किया था लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसी का बदला लेने के लिए सम्राट अशोक ने कलिंग पर आक्रमण किया था। यह कलिंग युद्ध ( kalinga yudh) का मुख्य कारण माना जाता हैं।
- (kalinga yudh) प्रारम्भ होने से पहले सम्राट अशोक ने कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन को एक पत्र लिखा और मौर्य साम्राज्य में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। देश प्रेमी प्रजा का साथ और मजबूत सैन्य शक्ति की वजह से कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था, परिणामस्वरूप सम्राट अशोक ने कलिंग पर आक्रमण कर दिया। यह कलिंग युद्ध का दूसरा बड़ा कारण था।
- भारत के राजनैतिक एकीकरण के लिए कलिंग एक महत्वपूर्ण राज्य था। यह उत्तर और दक्षिण के बीच मुख्य रोड़ा था। दक्षिण क्षेत्र में राज्य विस्तार हेतु यह रास्ते में पड़ता था इसलिए इसको जीतना जरुरी था।
- हिंद महासागर पर कलिंग राज्य का एकाधिकार था और यही वजह थी की ये विदेशी व्यापार को प्रभावित करते थे। अतः मौर्यों के लिए इसे जीतना जरुरी हो गया।
- दक्कन की ओर गंगा घाटी क्षेत्र में व्यापार में कलिंग राज्य ही सबसे बड़ी बाधा यह था।
- सम्राट अशोक को एक आक्रामक राजा के रूप में जाना जाता था ,वह बहुत बड़ा महत्वकांक्षी था इसलिए अपनी ताक़त और शक्ति बढ़ाने के उद्देश्य भी कलिंग युद्ध के कारणों में से एक था।
- सम्राट अशोक अपने राज्य का विस्तार करना चाहता था यह भी कलिंग युद्ध का कारण था।
परिदृश्य और परिणाम
kalinga yudh धौली की पहाड़ियों पर लड़ा गया था। सुबह के सूर्योदय के साथ शंखनाद की धुन पर युद्ध का आगाज हुआ। कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन और सम्राट अशोक की सेनाएँ आमने-सामने थी। पूरा कलिंग युद्ध का मैदान बन चुका था। कलिंग की सेना भी एक डैम व्यवस्थित और ताकतवर थी जो किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं थी, साथ ही कहते हैं कि कलिंग की सेना ही नहीं बल्कि वहां की प्रजा भी देश प्रेमी थी।
दोनों तरफ से घमासान जारी था, एक समय ऐसा लग रहा था कि सम्राट अशोक को कलिंग के राजा अनंत पद्मनाभन की सेना पराजित कर देंगी लेकिन धीरे-धीरे कलिंग के वीर योद्धा वीरगति को प्राप्त हो रहे थे। इसका एक मुख्य कारण सेना की संख्या मौर्य सेना से कम होना भी था। दूर-दूर तक युद्ध मैदान में रक्त धाराएँ बाह रही थी जिसे देखकर हर कोई डर रहा था। राजा होने के बाद भी सम्राट अशोक भी डगमगा गए।
इस युद्ध के परिणामस्वरूप कलिंग की पूरी सेना का सफाया हो गया। लगभग 1.50 लाख कलिंग के सैनिक मारे गए जबकि 1 लाख मौर्य सैनिक भी वीरभूमि को प्राप्त हुए। इस युद्ध के बाद दया नामक नदी खून से बहने लगी। लाखों स्त्रियाँ और पुरुष जान गवाँ बैठे। यह सब नजारा देख कर सम्राट अशोक का सर चकरा गया। उसकी आँखों से लगातार आंसू बाह रहे थे। उसका ह्रदय परिवर्तित हो गया।
इस युद्ध के पश्चात् ही सम्राट अशोक ने शपथ ली कि वह भविष्य में कभी युद्ध नहीं करेगा और पश्चाताप करने के लिए बौद्ध धर्म अपना लिया। साथ ही धम्म की स्थापना भी की जिसके तहत उसने नियम बनाए और उनके अनुसार ही जीवन यापन करने का निर्णय लिया। अशोक के धम्म अथवा धर्म से आशय कल्याणकारी कार्य करना, पाप नहीं करना, मीठी वाणी, दूसरों के प्रति अच्छा व्यवहार, दान, दया आदि हैं। यह परिवर्तन कलिंग युद्ध में विजय के बाद चक्रवर्ती सम्राट अशोक के मन में आया था और इसी वजह से अशोक के धम्म की स्थापना की गई।
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कलिंग युद्ध का इतिहास
- वर्तमान उड़ीसा राज्य प्राचीन काल में कलिंग के नाम से प्रसिद्ध था। पहले यह नंदवंश के शासक महापद्मनंद के साम्राज्य का एक अंग था।
- कुछ समय के लिए मगध साम्राज्य से अलग हो गया था, परंतु अशोक ने गद्दी पर बैंठने के आठवें वर्ष इसे पुन: जीत लिया।
- इस युद्ध में कलिंगवासियों ने अशोक की सेना का असाधारण प्रतिरोध किया।
- कलिंग के एक लाख व्यक्ति मारे गए, डेढ़ लाख बंदी बनाए गए और इससे कहीं अधिक संख्या में, युद्ध से हुए विनाश के कारण, बाद में मर गए।
- इसी विनाश को देखकर अशोक युद्ध के बदले धर्म-विजय की ओर प्रवृत्त हुआ था।
- धौलगिरि नामक स्थान पर जहां अशोक की सेना का शिविर था और बाद में जहाँ उसने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी, अब एक आकर्षक स्तूप, मंदिर और शिलालेख विद्यमान हैं।
- आगे की शताब्दियों में कलिंग ने अनेक परिवर्तन देखे। कभी खारवेल यहाँ के शासक बने तो कभी यह गुप्त साम्राज्य में मिला। 6वीं-7वीं शताब्दी में थोड़े समय के लिए यहाँ की सत्ता हर्षवर्धन के हाथों में भी रही।
- अनन्तवर्मा चोडगंग जो पूर्वी गंग वंश का प्रमुख राजा था।
- उसने कलिंग पर 71 वर्ष (1076-1147 ई.) तक राज्य किया।
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कलिंग युद्ध के परिणाम (Kalinga Yudh ke Parinam)
1. कलिंग युद्ध के पश्चात् मौर्य साम्राज्य का विस्तार हो गया ,तोशाली को कलिंग की नई राजधानी बनाया गया।
2. सम्राट अशोक ने साम्राज्य विस्तारवादी निति का हमेशा के लिए त्याग कर दिया।
3. सम्राट अशोक ने युद्ध और क्रूरता त्याग कर अहिंसा, प्रेम, दान, परोपकार और सत्य का रास्ता अपना लिया।
4. सम्राट अशोक कलिंग युद्ध के परिणाम स्वरुप बौद्ध धर्म को अपना लिया और जीवन भर उसका प्रचार प्रसार किया।
5. अशोक ने धम्म की स्थापन की और पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध बनाए।
6. कलिंग युद्ध को मौर्य साम्राज्य के पतन का कारण भी मन जाता हैं।
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कलिंग युद्ध के प्रमाण (Kalinga Yudh ke Pramaan)
इतिहास की किसी भी विषय वस्तु या सामग्री पर लोग बिना प्रमाण के विश्वास नहीं करते हैं और यह सत्य भी है। वैसे तो भारतीय इतिहास को इतना तोड़ मरोड़ दिया गया है कि लिखित किताबों और इतिहासकारों की बातों पर यकीन करना मुश्किल है, लेकिन जो पुराने लोग इतिहास की कहानियां बताते हैं वह सत्यता के करीब प्रतीत होती हैं।
kalinga yudh की बात की जाए तो कलिंग अभिलेख अर्थात् धोली और जोगढ़ से प्राप्त हुए शिलालेख संख्या 11, 12 एवं 13 कलिंग युद्ध और उसके प्रभावों का वर्णन करते हैं।
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कलिंग युद्ध MCQ
A. 261-62 ईसा पूर्व
B. 326-27 ईसा पूर्व
C. 197-98 ईसा पूर्व
D. 536-37 ईसा पूर्व
उत्तर : A. 261-62 ईसा पूर्व
A. ओडिशा
B. आंध्र प्रदेश
C. छत्तीसगढ़
D. उपरोक्त सभी
उत्तर : D. उपरोक्त सभी
A. गुप्त साम्राज्य
B. मौर्य साम्राज्य
C. यवन साम्राज्य
D. चालुक्य साम्राज्य
उत्तर :B. मौर्य साम्राज्य
A. कलिंग की
B. मौर्य साम्राज्य की
C. युद्ध परिणामहीन रहा
D. साक्ष्य मौजूद नहीं
उत्तर :B. मौर्य साम्राज्य की
A. चन्द्रगुप्त
B. अशोक
C. बृहद्रथ
D. बिंदुसार
उत्तर :B. अशोक
A. अभिलेख-3
B. अभिलेख-7
C. अभिलेख-10
D. अभिलेख-13
उत्तर :D. अभिलेख-13
A. कलिंग युद्ध
B. झेलम युद्ध
C. तराइन युद्ध
D. वितस्ता युद्ध
उत्तर :A. कलिंग युद्ध
A. जैन धर्म
B. शैव धर्म
C. बौद्ध धर्म
D. ईसा धर्म
उत्तर :C. बौद्ध धर्म
A. तीसरे
B. पाँचवे
C. आठवें
D. ग्यारहवें
उत्तर :C. आठवें
A. मगध
B. अवन्ति
C. शुंग
D. इंद्रप्रस्थ
उत्तर :B. अवन्ति
हमेशा आशा है, कलिंग युद्ध के इस ब्लॉग के माध्यम से इस युद्ध के बारे में विस्तार से जानकारी मिल गई होगी। इतिहास के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।
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11 comments
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जी बहुत ही चित्रात्मक वर्णन किया जिससे यह पता चला की वास्तव में सम्राट अशोक कितने महान और दयावान थे l
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