युवाओं को सही मार्गदर्शन देने के लिए भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिसके अंतर्गत सरकार बहुत जल्द नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) के स्मूथ इम्प्लीमेंटेशन के लिए एक हाई लेवल पैनल का गठन करेगी।
इस फैसले के पीछे सरकार का उद्देश्य भारत में एकेडमिक एजुकेशन और स्किल को इंटीग्रेट करना है। सरकार ने अपनी मंशा जगजाहिर करते हुए कहा कि NCrF अगस्त 2023 से लागू होगा।
गौरतलब है कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हाई-लेवल कमिटी को आधार-सक्षम स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन और एक अकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट खाते की गोपनीयता बनाए रखने से संबंधित मुद्दों का समाधान करना होगा, जिसमें छात्रों का डेटा सुरक्षित होगा।”
हाल ही में सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद को NCrF के तहत भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए अपने स्तर पर समितियों की स्थापना करने का निर्देश दिया। इसके अलावा कंसर्नड ऑटोनोमस बॉडीज का उपयोग करने का सुझाव दिया।
NCrF को इस साल अप्रैल में सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया था, शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण को आठ स्तरों में विभाजित करता है, जिसके लिए क्रेडिट आवंटित किए जाते हैं। इनमें से किसी एक का पीछा करने वाले उम्मीदवार क्रेडिट अर्जित करेंगे, जो कभी भी कक्षा 5 और Phd के बीच उम्मीदवारों की गतिशीलता की अनुमति देगा।
NCrF एक मेटा-फ्रेमवर्क है जिसमें नेशनल स्कूल एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSEQF), नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF) और नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSEQF) शामिल हैं।
NCrF के मुख्य घटकों में पूर्ण एकेडमिक एजुकेशन के आधार पर अर्जित क्रेडिट, व्यावसायिक शिक्षा, ट्रेनिंग/स्किल कार्यक्रम से गुजरने के आधार पर अर्जित क्रेडिट, प्रासंगिक अनुभव और अर्जित पेशेवर स्तर सहित प्रासंगिक अनुभवात्मक शिक्षा के आधार पर अर्जित क्रेडिट अंक शामिल हैं।
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