स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति और समाज की सबसे बड़ी पूंजी है। इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 7 अप्रैल 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन- WHO) की स्थापना की। यह संगठन विश्वभर में लोगों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को सुधारने और बीमारियों की रोकथाम के लिए कार्य करता है। WHO का मुख्य उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को सुरक्षित, स्वस्थ और बेहतर जीवन प्राप्त हो सके। WHO ने अपने 77 वर्षों की यात्रा में अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनसे लाखों लोगों का जीवन सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण बना है। इसी विषय के प्रति जागरूकता बढ़ाने और स्कूल तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में इससे जुड़े प्रश्नों के बार-बार पूछे जाने के कारण, इस लेख में हमने WHO से संबंधित आवश्यक जानकारी शामिल की है, जिसे पढ़कर आप इसकी भूमिका और महत्व आसानी से समझ सकते हैं।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी। यह संयुक्त राष्ट्र की वह संस्था है जो पूरी दुनिया में लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए काम करती है। इसका उद्देश्य है कि हर व्यक्ति सुरक्षित रहे, बीमारियों से बचा रहे और उसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें। WHO देशों, संगठनों और लोगों को आपस में जोड़कर स्वास्थ्य से जुड़े बड़े-बड़े मुद्दों पर काम करता है। इसके लगातार प्रयासों की वजह से दुनिया में शिशु मृत्यु दर काफी कम हुई है, चेचक को खत्म किया जा चुका है और पोलियो को भी लगभग पूरी तरह मिटा दिया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का उद्देश्य
इस संगठन का मुख्य उद्देश्य वैश्विक रोग पर निगरानी और इसका नियंत्रण करना, स्वास्थ्य मानकों की स्थापना करना और स्वास्थ्य प्रणालियों को सशक्त बनाना है। इसका जीवंत उदाहरण COVID‑19, वायरल बुखार, पोलियो और चेचक आदि में वैश्विक स्वास्थ्य खतरे की पहचान करना और इसके रोकथाम की दिशा में कदम बढ़ाना था।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख कार्य
इस संगठन के प्रमुख कार्यों का विश्लेषण निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से किया जा सकता है, जिसके बाद आप इस संगठन के बारे में अधिक जान पाएंगे –
- WHO हेल्थ कवरेज का विस्तार करने के वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व करता है।
- डब्ल्यूएचओ देशों को महामारी, बीमारी के प्रकोप, प्राकृतिक आपदाओं और मानवीय संकटों सहित स्वास्थ्य आपात स्थितियों के लिए तैयारी करने, उनका पता लगाने, प्रतिक्रिया देने और उनसे उबरने में सहायता करने में एक आवश्यक भूमिका निभाता है।
- हेल्थ इमरजेंसी के प्रति विश्व की प्रतिक्रिया को निर्देशित और समन्वयित करते हैं।
- लोगों की देखभाल से लेकर बुढ़ापे तक स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देते हैं।
- ट्रिपल बिलियन लक्ष्य साइंस-आधारित नीतियों और कार्यक्रमों का उपयोग करके सभी के लिए अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए दुनिया के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की रूपरेखा तैयार करते हैं।
- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच।
- उन दवाओं और स्वास्थ्य उत्पादों तक पहुंच सुनिश्चित करना, जिनकी लोगों को आवश्यकता है।
- लोगों और समुदायों के लिए फाइनेंशियल प्रोटेक्शन और सस्टनेबल फाइनेंशिंग का ध्यान देना।
- स्वास्थ्य कर्मियों के लिए वर्कफोर्स ट्रेनिंग और लेबर प्रोटेक्शन।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का इतिहास
यहाँ विश्व स्वास्थ्य संगठन के इतिहास को सरल भाषा में समझाया गया है, जिसके लिए आप निम्नलिखित बिंदुओं को अवश्य पढ़ें –
- वर्ष 1945 में जब राजनयिक संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन) के गठन के लिए मिले, तो जिन चीजों पर उन्होंने चर्चा की उनमें से एक वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की स्थापना थी।
- WHO का संविधान 7 अप्रैल 1948 को लागू हुआ था और इसे अब हम हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाते हैं।
- 19 जून और 22 जुलाई 1946 के बीच न्यूयॉर्क शहर में अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया था।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के संविधान का मसौदा तैयार किया और अपनाया, जिस पर 22 जुलाई 1946 को संयुक्त राष्ट्र के 51 सदस्यों और 10 अन्य देशों के प्रतिनिधियों द्वारा साइन किए गए।
- WHO के संविधान की प्रस्तावना और अनुच्छेद 69 में प्रावधान है कि WHO को संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी होनी चाहिए।
- पहली स्वास्थ्य सभा 24 जून 1948 को जिनेवा में 55 सदस्य देशों में से 53 देशों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ खुली।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारत की भूमिका
विश्व स्वास्थ्य संगठन के इतिहास को अगर देखा जाए तो आप जानेंगे कि इस संगठन को समय-समय पर भारत ने अपना विशेष योगदान दिया है। बता दें कि भारत की स्वास्थ्य प्राथमिकताएं WHO की वैश्विक कार्ययोजना से मेल खाती हैं। इनमें मुख्य रूप से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) को बढ़ावा देना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य व आरोग्य को प्रोत्साहन देना, स्वास्थ्य आपात स्थितियों में तैयारी और वैश्विक नेतृत्व क्षमता को मजबूत बनाना है। इस रणनीति के तहत डिजिटल स्वास्थ्य, गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक पहुंच, हेपेटाइटिस नियंत्रण और आयुष्मान भारत जैसी पहलों को वैश्विक मॉडल के रूप में पेश किया गया है।
इसके साथ ही इस संगठन और भारत सरकार ने गुजरात के जामनगर में एक वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र (WHO‑GCTM) की स्थापना के लिए समझौता किया है। सही मायनों में इस समझौता के अनुसार पारंपरिक जैविक चिकित्सा जैसे – आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी को विज्ञान-सम्मत रूप में वैश्विक मान्यता की पहल पर काम किया जाना है। बता दें कि भारत सरकार और WHO-GCTM पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
FAQs
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस हैं। उन्हें 1 जुलाई 2017 को महानिदेशक के रूप में पहला कार्यकाल शुरू करने के लिए नियुक्त किया गया था।
भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का सदस्य 12 जनवरी, 1948 को बना था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को हुई थी।
आशा है कि इस लेख के माध्यम से आपको विश्व स्वास्थ्य संगठन से संबंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त हुई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान से संबंधित अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।
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