आजकल ज्यादातर प्रतियोगी परीक्षाओं और स्कूली परीक्षाओं में वाक्यांश के लिए एक शब्द से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। RPSC, पटवारी, 12 ग्रेड, पुलिस, स्कूल टीचर, NTPC, SSC, स्टेनोग्राफर, प्रतियोगी परीक्षा आदि कई प्रकार की परीक्षाओं में वाक्यांश के लिए एक शब्द के प्रश्न पूछे जाते हैं। वाक्यांश के लिए एक शब्द यानी एक वाक्य का अर्थ।
हिन्दी में कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक विचारों की अभिव्यक्ति के लिए वाक्यांश के लिए एक शब्द का प्रयोग बहुत उपयोगी होता है। ऐसे शब्दों को अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द भी कहा जाता है। इसलिए हम 200+ महत्वपूर्ण Vakyansh ke liye ek shabd इस ब्लॉग में लेकर आए हैं।
वाक्यांश के लिए एक शब्द किसे कहते हैं?
जब किसी वाक्य को कम से कम शब्दों में प्रकट किया जाता है और वह शब्द वाक्यांश के अर्थ को पूरी तरह सिद्ध करता हो तो उसे Vakyansh ke liye ek shabd कहते हैं, अर्थात अनेक शब्दों के लिए एक शब्द को प्रयुक्त करना ही वाक्यांश के लिए एक शब्द कहलाता है।
यह भी पढ़ें: लोकोक्तियाँ हिंदी में
वाक्यांश किसे कहते हैं?
अपनी बातों को सही और छोटे रूप में रखना एक कला होती है। भाषा को सुंदर, प्रभावशाली और आकर्षक बनाने के लिए हर भाषा में ऐसे शब्द होते हैं जो किसी एक वाक्य के स्थान पर प्रयोग किए जा सकते हैं। हिंदी भाषा में भी कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोलकर हम भाषा को प्रभावशाली और आकर्षक बना सकते हैं। अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द का प्रयोग करके भाषा की सुंदरता और भावों की गम्भीरता को रखते हुए लिख सकते हैं। अतः जब अनेक शब्दों के स्थान पर केवल एक शब्द का प्रयोग किया जाता है तो उसे वाक्यांश के लिए एक शब्द कहा जाता है।
यह भी पढ़ें: उपसर्ग और प्रत्येय क्या है?
वाक्य और वाक्यांश में अंतर?
वाक्य और वाक्यांश में अर्थ के आधार पर तथा रूप के आधार पर बहुत अंतर होता है। यहाँ हम वाक्य और वाक्यांश में अंतर बता रहे हैं।
वाक्य | वाक्यांश |
शब्द का वह सार्थक रूप है जिससे एक विचार की स्पष्ट एवं पूर्ण अभिव्यक्ति होती हो, उसे वाक्य कहते हैं। | शब्द समूह का वह सार्थक रूप जिससे एक विचार की स्पष्ट एवं पूर्ण अभिव्यक्ति होती हो, उसे वाक्यांश कहते हैं। |
वाक्य शब्दों का सार्थक समूह होता है। | वाक्यांश शब्दों का समूह होता है। |
वाक्य एक पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। | वाक्यांश एक या एक से अधिक भावनाओं को व्यक्त करता है। |
वाक्य में क्रिया होती है। | वाक्यांश में क्रिया नहीं होती बल्कि ज़्यादातर वाक्यांश कृदन्त या सम्बन्धबोधक अव्यय होते हैं। |
वाक्यांश के लिए एक शब्द के उदाहरण
- जिस पुस्तक में आठ अध्याय हो — अष्टाध्यायी
- जिसका भाषा द्वारा वर्णन असंभव हो — अनिर्वचनीय
- अत्यधिक बढ़ा–चढ़ा कर कही गई बात — अतिशयोक्ति
- सबसे आगे रहने वाला — अग्रणी
- जो पहले जन्मा हो — अग्रज
- जो बाद मे जन्मा हो — अनुज
- जो इंद्रियों द्वारा न जाना जा सके — अगोचर
- जिसका पता न हो — अज्ञात
- आगे आने वाला — आगामी
- अण्डे से जन्म लेने वाला — अण्डज
- जो छूने योग्य न हो — अछूत
- जो छुआ न गया हो — अछूता
- जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके — अच्युत
- जो अपनी बात से टले नही — अटल
- आवश्यकता से अधिक बरसात- अतिवृष्टि
- बरसात बिल्कुल न होना — अनावृष्टि
- बहुत कम बरसात होना — अल्पवृष्टि
- इंद्रियोँ की पहुँच से बाहर — अतीन्द्रिय/इंद्रियातीत
- सीमा का अनुचित उल्लंघन — अतिक्रमण
- जो बीत गया हो — अतीत
- जिसकी गहराई का पता न लग सके — अथाह
- आगे का विचार न कर सकने वाला — अदूरदर्शी
- जो आज तक से सम्बन्ध रखता है — अद्यतन
- आदेश जो निश्चित अवधि तक लागू हो — अध्यादेश
- जिस पर किसी ने अधिकार कर लिया हो — अधिकृत
- वह सूचना जो सरकार की ओर से जारी हो — अधिसूचना
- विधायिका द्वारा स्वीकृत नियम — अधिनियम
- अविवाहित महिला — अनूढ़ा
- वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो — अध्यूढ़ा
- दूसरे की विवाहित स्त्री — अन्योढ़ा
- गुरु के पास रहकर पढ़ने वाला — अन्तेवासी
- पहाड़ के ऊपर की समतल जमीन — अधित्यका
- जिसके हस्ताक्षर नीचे अंकित है— अधोहस्ताक्षरकर्ता
- महल का वह भाग जहाँ रानियाँ निवास करती हैँ — अंतःपुर/रनिवास
- जिसे किसी बात का पता न हो — अनभिज्ञ/अज्ञ
- जिसका आदर न किया गया हो — अनादृत
- जिसका मन कहीँ अन्यत्र लगा हो — अन्यमनस्क
- जिसके पास कुछ न हो अर्थात् दरिद्र — अकिँचन
- जो कभी मरता न हो — अमर
- जो सुना हुआ न हो — अश्रव्य
- जिसको भेदा न जा सके — अभेद्य
- जो साधा न जा सके — असाध्य
- जो चीज इस संसार मेँ न हो — अलौकिक
- जो बाह्य संसार के ज्ञान से अनभिज्ञ हो — अलोकज्ञ
- जिसे लाँघा न जा सके — अलंघनीय
- जिसकी तुलना न हो सके — अतुलनीय
- जिसके आदि (प्रारम्भ) का पता न हो — अनादि
- जिसके आने की तिथि निश्चित न हो — अतिथि
- कमर के नीचे पहने जाने वाला वस्त्र — अधोवस्त्र
- जिसके बारे में कोई निश्चित न हो — अनिश्चित
- जिसका आदर न किया गया हो — अनादृत
- जिसका मन कहीं अन्यत्र लगा हो — अन्यमनस्क
- जो धन को व्यर्थ ही खर्च करता हो — अपव्ययी
- आवश्यकता से अधिक धन का संचय न करना — अपरिग्रह
- जो किसी पर अभियोग लगाए — अभियोगी
- जो भोजन रोगी के लिए निषिद्ध है — अपथ्य
- जिस वस्त्र को पहना न गया हो — अप्रहत
- न जोता गया खेत — अप्रहत
- जो बिन माँगे मिल जाए — अयाचित
- जो कम बोलता हो — अल्पभाषी / मितभाषी
- आदेश की अवहेलना — अवज्ञा
- जो बिना वेतन के कार्य करता हो — अवैतनिक
- जो व्यक्ति विदेश मे रहता हो — अप्रवासी
- जो सहनशील न हो — असहिष्णु
- जिसका कभी अन्त न हो — अनन्त
- जिसका दमन न किया जा सके — अदम्य
- जिसका स्पर्श करना वर्जित हो — अस्पृश्य
- जिसका विश्वास न किया जा सके — अविश्वस्त
- जो कभी नष्ट न होने वाला हो —अनश्वर
- जो रचना अन्य भाषा की अनुवाद हो —अनूदित
- जिसके पास कुछ न हो अर्थात् दरिद्र —अकिँचन
- जो कभी मरता न हो — अमर
- जो सुना हुआ न हो — अश्रव्य
- ऊपर कहा हुआ- उपर्युक्त
- ऊपर आने वाला श्वास- उच्छवास
- ऊपर की ओर जाने वाली- उर्ध्वगामी
- ऊपर की ओर बढ़ती हुई साँस- उर्ध्वश्वास
- उपचार या ऊपरी दिखावे के रूप में होने वाला- औपचारिक
- उच्च न्यायालय का न्यायाधीश- न्यायमूर्ति
- उपकार के प्रति किया गया उपकार- प्रत्युपकार
- ऊपर कहा हुआ- उपर्युक्त
- ऊपर लिखा गया- उपरिलिखित
- उतरती युवावस्था का- अधेर
- उत्तर दिशा- उदीची
- उच्च वर्ण के पुरुष के साथ निम्न वर्ण की स्त्री का विवाह- अनुलोम विवाह
- उसी समय का- तत्कालीन
- किसी पद का उम्मीदवार- प्रत्याशी
- कीर्तिमान पुरुष- यशस्वी
- कम खर्च करने वाला- मितव्ययी
- कम जानने वाला- अल्पज्ञ
- कम बोलनेवाला- मितभाषी
- कम अक्ल वाला- अल्पबुद्धि
- कठिनाई से समझने योग्य- दुर्बोध
- कल्पना से परे हो- कल्पनातीत
- किसी की हँसी उड़ाना- उपहास
- कुछ दिनों तक बने रहने वाला- टिकाऊ
- किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहना- अतिशयोक्ति
- कठिनाई से प्राप्त होने वाला – दुर्लभ
- किसी पद का उम्मीदवार- प्रत्याशी
- किसी विषय को विशेष रूप से जानने वाला- विशेषज्ञ
जाने शुध्द व अशुध्द वाक्य क्या है?
- किसी काम में दूसरे से बढ़ने की इच्छा या उद्योग- स्पर्द्धा
- क्रम के अनुसार- यथाक्रम
- कार्य करने वाले- कार्यकर्ता
- करने योग्य- करणीय, कर्तव्य
- किसी कथा के अंतर्गत आने वाली दूसरी कथा- अंतःकथा
- कर या शुल्क का वह अंश जो किसी कारणवश अधिक से अधिक लिया जाता है- अधिभार
- किसी पक्ष का समर्थन करने वाला- अधिवक्ता
- किसी कार्यालय या विभाग का वह अधिकारी जो अपने अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों की निगरानी रखे- अधीक्षक
- किसी सभा, संस्था का प्रधान- अध्यक्ष
- किसी कार्य के लिए दी जाने वाली सहायता- अनुदान
- किसी मत या प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया- अनुमोदन
- किसी व्यक्ति या सिद्धांत का समर्थन करने वाला- अनुयायी
- किसी कार्य को बार-बार करना- अभ्यास
- किसी वस्तु का भीतरी भाग- अभ्यन्तर
- किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा- अभीप्सा
- किसी प्राणी को न मारना- अहिंसा
- कुबेर की नगरी- अलकापुरी
- किसी छोटे से प्रसन्न हो उसका उपकार करना- अनुग्रह
- किसी के दुःख से दुखी होकर उस पर दया करना- अनुकम्पा
- किसी श्रेष्ठ का मान या स्वागत- अभिनन्दन
- किसी विशेष वस्तु की हार्दिक इच्छा- अभिलापा
- किसी के शरीर की रक्षा करने वाला- अंगरक्षक
- किसी को भय से बचाने का वचन देना- अभयदान
- केवल फल खाकर रहने वाला- फलाहारी
- किसी कलाकार की कलापूर्ण रचना- कलाकृति
- करने की इच्छा- चिकीर्षा
- कुबेर का बगीचा- चैत्ररथ
- कुबेर का पुत्र- नलकूबर
- कुबेर का विमान- पुष्पक
- कच्चे मांस की गंध- विस्र
- कमल के समान गहरा लाल रंग- शोण
- काला पीला मिला रंग- कपिश
- केंचुए की स्त्री- शिली
- कुएँ की जगत- वीनाह
- किसी के पास रखी हुई दूसरे की सम्पत्ति- थाती / न्यास
- केवल वर्षा पर निर्भर- बारानी
- कलम की कमाई खाने वाले- मसिजीवी
- कुएँ के मेढ़क के समान संकीर्ण बुद्धिवाला-कूपमंडुक
- कालापानी की सजा पाया कैदी- दामुल कैदी
- किसी काम में दखल देना- हस्तक्षेप
- कुसंगति के कारण चरित्र पर दोष- कलंक
- कुछ खास शर्तों द्वारा कोई कार्य कराने का समझौता- संविदा
- खाने से बचा हुआ जूठा भोजन- उच्छिष्ट
- खाने योग्य पदार्थ- खाद्य।
- खाने की इच्छा- बुभुक्षा।
- खून से रंगा हुआ- रक्तरंजित।
- खेलना का मैदान- क्रीड़ास्थल।
- घास छीलने वाला- घसियारा।
- घास खाने वाले- तृण भोजी।
- घूस लेने वाला/रिश्वत लेने वाला- घूसखोर/रिश्वतखोर।
- घुलने योग्य पदार्थ- घुलनशील।
- घृणा करने योग्य- घृणास्पद।
- दूर की सोचने वाला- दूरदर्शी
- दुसरे देश से अपने देश में समान आना- आयात
- दूसरों की बातों में दखल देना- हस्तक्षेप
- दिल से होने वाला- हार्दिक
- दया करने वाला- दयालु
- दूसरों पर उपकार करने वाला- उपकारी
- दूसरों के दोष को खोजने वाला- छिद्रान्वेषी
- दूसरे के पीछे चलने वाला- अनुचर
- दुखांत नाटक- त्रासदी
- दर्द से भरा हुआ- दर्दनाक
- देखने योग्य- दर्शनीय
- दूसरों की बातों में दखल देना- हस्तक्षेप
- दिल से होने वाला- हार्दिक
- दो बार जन्म लेने वाले- द्विज
- दुःख देनेवाला- दुःखद
- दर्शन के योग्य- र्शनीय
- दिन पर दिन- दिनानुदिन
- द्रुपद की पुत्री- द्रौपदी
- द्रुत गमन करनेवाला- द्रुतगामी
- दाव (जंगल) का अनल (आग)- दावानल
- दूसरों के गुणों में दोष ढूँढने की वृत्ति का न होना- अनसूया
- दोपहर के बाद का समय- अपराह्न
- देश के लिए अपने प्राण देने वाला- शहीद
- द्वार या आँगन के फर्श पर रंगों से चित्र बनाने या चौक पूरने की कला- अल्पना
- दूसरे के हित में अपने आप को संकट में डालना- आत्मोत्सर्ग
- देश में विदेश से माल आने की क्रिया- आयात
- दूसरों की उन्नति को न देख सकना- ईष्र्या
- दूसरों के दोषों को खोजना- छिद्रान्वेषण
- दिन रात ठाढ़े (खड़े) रहने वाले साधु- ठाढ़ेश्वरी
- दस वर्षो का समय- दशक
- दाव (जंगल) में लगने वाली आग- दावानल
- दिन पर दिन- दिनोदिन
- दो बार जन्म लेने वाला- द्विज
- देने की इच्छा- दित्सा
- दैव या प्रारब्ध संबंधी बातें जानने वाला- देवज्ञ
- दिन के समय अपने प्रिय से मिलने जाने वाली नायिका- दिवा अभिसारिका
- दशरथ का पुत्र- दशरथि
- देखने की इच्छा- दिदृक्ष
- दण्ड दिये जाने योग्य- दण्डनीय
- दो भाषाएं बोलने वाला- द्विभाषी
- दो वेदों को जानने वाला- द्विवेदी
- देवताओं पर चढ़ाने हेतु बनाया गया दही, घी, जल, चीनी, और शहद का मिश्रण-मधुपर्क
- दूसरे के स्थान पर काम करने वाला- स्थानापन्न
- दैहिक, दैविक व भौतिक ताप या कष्ट- त्रिताप
- दीवार पर बने हुए चित्र- भित्तिचित्र
- दूसरे के मन की बात जानने वाला- अन्तर्यामी
- दूसरे के अन्दर की गहराई ताड़नेवाला- अन्तर्दर्शी
- दूध पिलाने वाली धाय- अन्ना
- देह का दाहिना भाग- अपसव्य
- दर्पण जड़ी अँगूठी, जिसे स्त्रियाँ अँगूठे में पहनती हैं- आरसी
- दो दिशाओं के बीच की दिशा- उपदिशा
- दो बातों या कामों में से एक- वैकल्पिक
- दूर से मन को आकर्षित करनेवाली गंध- निर्हारी
- दुःख, भय आदि के कारण उत्पत्र ध्वनि- काकु
- द्वीप में जन्मा- द्वैपायन
- दक्षिण दिशा- अवाची
- दो या तीन बार कहना- आम्रेडित
- दागकर छोड़ा गया साँड़- अंकिल
- दूसरे के हाथ में गया हुआ- हस्तांतरित
वाक्यांश के लिए एक शब्द के अन्य उदाहरण
- आकाश के पिंडों का विवेचन करने वाला शास्त्र – खगोलशास्त्र
- जिस ग्रहण में सूर्य या चंद्र का पूर्ण बिंब ग्रसित हो जाता है – खग्रास
- जो व्यक्ति अपने हाथ में तलवार लिए रहता है – खड्गहस्त
- दूसरों के मत का विरोध करना – खण्डन
- वह स्त्री जिसका पति अन्य स्त्री के साथ रात को रहकर प्रातः लौटे – खण्डिता
- खाने के योग्य वस्तु – खाद्य
- आकाश में विचरण करने वाले जंतु – नभचर
- शरीर का व्यापार करने वाली स्त्री – गणिका
- जो अशिष्ट व्यवहार करता हो – गँवार
- जो बहुत समय तक ठहर सके – चिरस्थायी
- चौथे दिन आने वाला बुखार – चौथिया
- चक्र के रूप में घूमती हुई चलने वाली हवा – चक्रवात
- आश्चर्य में डाल देने वाला कार्य – चमत्कार
- वह कृति जिसमें गद्य एवं पद्य दोनों मिश्रित हो – चम्पू
- जिसके सिर पर चन्द्रकला हो – चन्द्रचूड़
- लंबे समय तक जीवित रहने वाला – चिरञ्जीवी
- बहुत समय से परिचित – चिरपरिचित
- चिर निद्रा को प्राप्त हुआ – चिरनिद्रित
- चिंता करने योग्य बात – चिन्तनी
- सावधान करने के लिए दिया गया संकेत – चेतावनी
- सभी प्रकार की चिंताओं को दूर करने वाली एक मणि – चिन्तामणि
- जो गुप्त रूप से निवास कर रहा हो – छद्मवासी
- जहां सैनिक निवास करते हो – छावनी
- जो दूसरों में केवल दोषों को ही खोजता हो – छिद्रान्वेषी
- छिपकर आक्रमण करने वाला – छापामार दल
- पत्थर को गढ़ने वाला औज़ार – छैनी
- एक स्थान से दूसरे स्थान पर चलने वाला – जंगम
- जो जल बरसाता हो – जलद
- जो जल से उत्पन्न होता हो – जलज
- जो जीव जंतु जल में रहते हो – जलचर
- जो चमत्कारी क्रियाओं का प्रदर्शन करता है – जादूगर
- जो अकारण ज़ुल्म ढाका हो – ज़ालिम
- जिंदा रहने की इच्छा – जिजीविषा
- जिसने इन्द्रियों को वश में कर लिया हो – जितेन्द्रिय
- जिसने आत्मा को जीत लिया हो – जितात्मा
- जो जीतने के योग्य हो जेय जेठ का पुत्र – जेठोत
- अपनी इज़्ज़त को बचाने के लिए किया गया अग्नि प्रवेश – जौहर
- वह पहाड़ जिसके मुंह से आग निकले – ज्वालामुखी
- लंबे और बिखरे बालों वाला – झबरा
- बहुत गहरा तथा बहुत बड़ा प्राकृतिक जलाशय – झील
- जहां सिक्कों की ढलाई होती है – टकसाल
- अधिक देर तक रहने वाला या चलने वाला – टिकाऊ
- विवाह का संबंध तय करने के लिए वर को वस्त्र आदि वस्तुएं प्रदान करने की रस्म – टीका
- बर्तन बनाने वाला – ठठेरा
- जो छोटे कद का हो – ठिगना
- जनता को सूचना देने हेतु बजाया जाने वाला वाद्य – ढिंढ़ोरा
- जो किसी भी गुट में नहीं हो – तटस्थ
- जो किनारे से सटे हुए हो – तटवर्ती
- जो किसी कार्य या चिंतन में डूबा हुआ हो – तल्लीन
- जो चोरी-छिपे माल लाता और ले जाता हो – तस्कर
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द – कक्षा 4
- वाक्यांश: ऊपर कहा हुआ
एक शब्द: उपर्युक्त - वाक्यांश: आकाश में उड़ने वाला
एक शब्द: नभचर - वाक्यांश: जिसका अंत न हो
एक शब्द: अनंत - वाक्यांश: तेज बुद्धि वाला
एक शब्द: कुशाग्रबुद्धि - वाक्यांश: जो समाचार भेजता हो
एक शब्द: संवाददाता - वाक्यांश: कल्पना से परे हो
एक शब्द: कल्पनातीत - वाक्यांश: जो बिना वेतन के कार्य करे
एक शब्द: अवैतनिक - वाक्यांश: जो उपकार मानता है
एक शब्द: कृतज्ञ - वाक्यांश: दोपहर के बाद के समय
एक शब्द: अपराहन - वाक्यांश: किसी की हँसी उड़ाना
एक शब्द: उपहास - वाक्यांश: दोपहर से पहले का समय
एक शब्द: पूर्वाह्न - वाक्यांश: उपर लिखा गया
एक शब्द: उपरिलिखित - वाक्यांश: जिसे छूना वर्जित हो
एक शब्द: अछूत - वाक्यांश: जिसे किसी का डर न हो
एक शब्द: निडर - वाक्यांश: नगर में रहने वाला
एक शब्द: नागरिक - वाक्यांश: आलोचना करने वाला
एक शब्द: आलोचक - वाक्यांश: चार भुजाओं वाला
एक शब्द: चतुर्भुज - वाक्यांश: ईश्वर में आस्था रखने वाला
एक शब्द: आस्तिक - वाक्यांश: जो परीक्षा में पास न हो
एक शब्द: अनुत्तीर्ण - वाक्यांश: जो कहा न जा सके
एक शब्द: अकथनीय - वाक्यांश: जो गिना न जा सके
एक शब्द: अगणित - वाक्यांश: जिसका कोई शत्रु ही न जन्मा हो
एक शब्द: अजातशत्रु - वाक्यांश: जिसके समान कोई दूसरा न हो
एक शब्द: अद्वितीय - वाक्यांश: जिसकी कोई उपमा न हो
एक शब्द: अनुपम
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द – कक्षा 3
वाक्यांश | शब्द |
मांस खाने वाला | मांसाहारी |
प्रतिदिन होने वाला | दैनिक |
देखने योग्य | दर्शनीय |
गाँव में रहने वाला | ग्रामीण |
शहर में रहने वाला | शहरी |
जो विज्ञान जनता है | वैज्ञानिक |
जहाँ इलाज किया जाता हो | अस्पताल |
जहाँ पुस्तके पढने के लिए रखी जाती हो | पुस्तकालय |
जो जूते ठीक करता है | मोची |
जो रोग से ग्रस्त है | रोगी |
जो मिठाई बनाता है | हलवाई |
लेख लिखने वाला | लेखक |
जो दूसरों के साथ भलाई करे | परोपकारी |
भारत में रहने वाला | भारतीय |
आलस करने वाला | आलसी |
सोने-चांदी की चीज़ें बनाने वाला | सुनार |
बहुत मेहनत करने वाला | परिश्रमी |
किसी से भी न डरने वाला | निडर |
जिसके माता–पिता न हो | अनाथ |
जो पढ़ा -लिखा न हो | अनपढ़ |
जो अक्षर (पढ़ना- लिखना) जानता है | साक्षर/शिक्षित |
देखने (दर्शन) वाले लोग | दर्शक |
पढ़ने वाला व्यक्ति | पाठक |
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द – कक्षा 7
- रात्रि में चलने वाला – निशाचर
- जो कभी न मरे – अमर
- जो ईश्वर को मानता हो। – आस्तिक
- जो ईश्वर को न मानता हो। – नास्तिक
- जिसके समान दूसरा कोई न हो। – अद्वितीय
- जिसके टुकड़े न हो सकें। – अखंड
- जो मांस खाता हो। – मांसाहारी
- जो मांस न खाता हो। – शाकाहारी
- जिस स्त्री का पति मर चुका हो – विधवा
- जिस पुरुष की पत्नी मर चुकी हो – विधुर।
- दोपहर का समय – मध्याह्न
- दोपहर के पहले का समय – पूर्वाह्न
- दोपहर के बाद का समय। – अपराह्न
- जिसकी कोई उपमा नहीं हो – अनुपम
- जो बिना बुलाये आ जाए। – अनिमंत्रित
- जो ऋण-मुक्त हो गया हो। – उऋण
- नियम-अनुशासन न मानने वाला। – उच्छृखल
- किये हुए उपकार को मानने वाला – कृतज्ञ
- आकाश को. चूमने वाला। – गगनचुंबी
- जो जन्म से नेत्रहीन हो। – जन्मांध
- जिसकी आशा नहीं की जा सके – अप्रत्याशित
- जो खाने योग्य न हो। – अभक्ष्य
- जो पहले कभी घटित नहीं हुआ हो – अभूतपूर्व
- थोड़ा ज्ञान रखने वाला। – अल्पज्ञ
- जिसका वर्णन नहीं किया जा सके – अवर्णनीय
- जिस पर विश्वास नहीं किया जा सके – अविश्वसनीय
- जिसका उपचार नहीं किया जा सके – असाध्य
- जो क्षमा करने योग्य नहीं हो – अक्षम्य
- जो जाना नहीं जा सके – अज्ञेय
- लेखक द्वारा स्वयं की लिखी हुई जीवनी – आत्मकथा
- अपने आप अपनी हत्या करना। – आत्महत्या
FAQs
कम से कम शब्दोँ मेँ अधिकाधिक अर्थ को प्रकट करने के लिए ‘वाक्यांश या शब्द–समूह के लिए एक शब्द’ का विस्तृत ज्ञान होना आवश्यक है। ऐसे शब्दोँ के प्रयोग से वाक्य–रचना मेँ संक्षिप्तता, सुन्दरता तथा गंभीरता आ जाती है। भाषा में कई शब्दों के स्थान पर एक शब्द बोल कर हम भाषा को प्रभावशाली एवं आकर्षक बनाते है।
दो या उससे अधिक पदों का आकांक्षायुक्त सार्थक योग वाक्यांश है, यथा–’रोटी खाने के बाद मैंने केला खाया’ में ‘रोटी खाने के बाद’ वाक्यांश है । वाक्यखंड पदों का वह समूह है जिससे मात्र आंशिक भाव प्रकट होता है
जो आँखों के सामने हो उसे ‘प्रत्यक्ष’ कहते हैं।
क्योंकि प्रत्यक्ष में अव्ययीभाव समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए अव्ययीभाव समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है
कम शब्दों में अपनी भावनाओं को व्यक्त करना वाक्यांश कहलाता है
उम्मीद है आपको हमारा यह ब्लॉग Vakyansh ke liye ek shabd पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ।
-
Jo rashi rann Ke roop me do gayi ho.
-
हेलो श्रीनिवास आपका आभार, ऐसी ही और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर बनें रहें।
-
-
Jaroori karyo ke liye vyay karne wala
-
हैलो अंकित, आप हमारा ब्लाॅग- वाक्यांश के लिए एक शब्द- पढ़कर जानकारी हासिल कर सकते हैं।
-
6 comments
Balako ka samuh iska uttar kya hoga
बैशाखी जी, बच्चों के एक समूह को “झुंड,” कहा जा सकता है।
Jo rashi rann Ke roop me do gayi ho.
हेलो श्रीनिवास आपका आभार, ऐसी ही और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर बनें रहें।
Jaroori karyo ke liye vyay karne wala
हैलो अंकित, आप हमारा ब्लाॅग- वाक्यांश के लिए एक शब्द- पढ़कर जानकारी हासिल कर सकते हैं।