उत्तराखंड सरकार नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के तहत मेडिकल की पढ़ाई में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब से उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में मेडिकल की पढ़ाई कराई जाएगी। इस व्यवस्था को इसी सत्र से लागू कर दिया जाएगा। 27 अगस्त 2023 को एचएनबी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफ़ेसर हेमचन्द्र पांडे की तरफ से देहरादून में आयोजित प्रेसवार्ता में मीडिया को इस बात की सूचना दी गई।
स्वैच्छिक होगा हिंदी कोर्स का चयन, ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों को मिलेगा लाभ
एचएनबी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफ़ेसर हेमचन्द्र पांडे ने बताया कि हिंदी कोर्स का चयन स्वैच्छिक होगा। यह पूरी तरह से स्टूडेंट्स की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वे MBBS की पढ़ाई हिंदी माध्यम से करना चाहते हैं या अंगरेजी माध्यम से। उन्होंने आगे बताया कि इस व्यवस्था का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले और हिंदी माध्यम से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले स्टूडेंट्स को विशेष रूप से मिलेगा।
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हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में एक साथ कराई जाएगी मेडिकल की पढ़ाई
प्रोफ़ेसर हेमचन्द्र पांडे ने बताया कि एक ही कक्षा में हिंदी औऱ इंग्लिश दोनों भाषाओं में MBBS की पढ़ाई साथ साथ कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि हमने हिंदी के सिलेबस को प्रैक्टिकल रखने की कोशिश की है। MBBS की किताबों में बहुत से ऐसे शब्द हैं जिन्हें अंगरेजी में ही रखा गया है। जैसे हार्ट को ह्रदय न लिखकर हार्ट ही रखा गया है और लिवर को याकृत न लिखकर लिवर ही रखा गया है। इससे छात्रों को मेडिकल के कंसेप्ट्स को समझने में आसानी होगी।
पिछले वर्ष से ही शुरू कर दी गईं थीं मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने की तैयारियां
इस मौके पर उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि हिंदी माध्यम से MBBS की पढ़ाई कराने की तैयारियां एक साल पहले से ही शुरू कर दी गई थीं जो कि अब अपने अंतिम चरण में हैं। इस सत्र से ही हिंदी मीडियम से मेडिकल की पढ़ाई शुरू भी कर दी जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि MBBS की पढ़ाई हिंदी में लागू करने के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
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