UPSC Question : भील जनजाति क्या है और कहां पाई जाती है?

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भील जनजाति

प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। इस ब्लाॅग में हम भील जनजाति जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।

जनजाति के बारे में

भारत के विभिन्न राज्यों में जनजातियां पाई जाती हैं। जनजातियों में लोगों का एक समूह एक निश्चित और भौगोलिक क्षेत्र (shared geographical area) में एक साथ रहता है और काम करता है। एक जनजाति की एक समान संस्कृति, बोली और धर्म होता है। किसी भी जनजाति का नेतृत्व एक मुखिया करता है। 

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भील जनजाति क्या है?

भीलों को भारत की सबसे पुरानी जनजातियों में से एक माना जाता है। एक समय वे राजस्थान, गुजरात, मालवा, मध्य प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में शासक थे। वे महान मुंडा जाति और भारत की एक जंगली जनजाति का एक क्रॉस सेक्शन हैं। 

भीलों को पश्चिमी भारत की द्रविड़ नस्लीय जनजाति में से एक के रूप में पहचाना जा सकता है और वे ऑस्ट्रोलॉइड जनजातियों के समूह से संबंधित हैं। इस जनजाति के लोग द्रविड़ मूल की भाषा बोलते हैं।

2011 की जनगणना के अनुसार त्रिपुरा में कुल भील आबादी 3,105 है। यह जनजाति मध्य भारत से मुख्य रूप से बिहार और मध्य प्रदेश से त्रिपुरा में स्थानांतरित हुई है। गुजरात में 2001 में भील जनजाति की जनसंख्या 34,41,945 थी।

भील जनजाति

भील की अर्थव्यवस्था चाय बागान, ब्रिकफील्ड और कृषि के साथ है। त्रिपुरा में उनकी प्रमुख सांद्रता मुख्य रूप से बेलोनिया के अकिनपुर, खोवाई उप-मंडल के बागान बाजार में है। वे उत्तरी त्रिपुरा में चाय बागानों में काम करते हुए भी पाए जाते हैं।

भील धर्म से हिंदू हैं। देश के अन्य हिस्सों में भील अच्छी तरह से साक्षर हैं और आधुनिक जीवन शैली का आनंद लेते हैं।

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भील जनजाति का इतिहास क्या है?

भील जनजातियों के अस्तित्व का एक लंबा इतिहास है। भीलों को तीर-धनुष बहुत पसंद है और ऐसा माना जाता है कि उनका नाम द्रविड़ भाषा के शब्द बिल्लू से आया है जिसका अर्थ है धनुष और बाण। इनका उल्लेख पुराने साहित्य में रामायण (शबरी के सन्दर्भ में) और महाभारत में एकलव्य के सन्दर्भ में है। संस्कृत साहित्य में भील जनजाति कथा-सरित-सागर (600 ई.) में मिलती है। 

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भील जनजाति की संस्कृति और जीवन शैली क्या है?

भारत में हर जनजाति की अपनी संस्कृति और जीवन शैली है, यहां हम भील जनजाति की जीवन शैली और संस्कृति जानेंगेः

  • भील सामाजिक दृष्टि से काफी मजबूत होते हैं और एक-दूसरे का सहयोग करते हैं।
  • इस जनजाति के लोग चित्रकारियों के माध्‍यम से अपनी कहानी बताते हैं।
  • भील बांसुरी और ढोल की पारंपरिक धुन के साथ नृत्य और संगीत के भी शौकीन हैं। 
  • सभी पारिवारिक और सामुदायिक समारोहों में डांस करते हैं।
  • भील जनजाति के लोग मृतकों का अंतिम संस्कार अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों और मान्यताओं के अनुसार करते हैं।

FAQs

भील जनजाति कहाँ पाई जाती है?

गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और राजस्थान में भील जनजाति पाई जाती है।

राजस्थान में सर्वाधिक भील कहाँ पर है?

राजस्थान की सबसे बड़ी भील जनजाति बांसवाड़ा जिले में निवास करती है।

भील जनजाति कितनी बड़ी है?

रिपोर्ट्स और आंकड़ों के अनुसार, भील जनजाति भारत की तीसरी बड़ी जनजाति और मध्य प्रदेश की पहली बड़ी जनजाति है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको भील जनजाति पता चल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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