राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ के अशोक चक्र के बारे में कितना जानते हैं आप, जिसकी हर तीली देती है महत्वपूर्ण संदेश

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अशोक चक्र

विश्व के प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र का अपना ध्वज होता है और यह उस देश की आज़ादी का प्रतीक है। भारत का भी राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारे देश की स्वतंत्रता का प्रतीक है। ध्वजारोहण के दौरान तिरंगा आकर्षण का केंद्र रहता है और इस दौरान यह हमारे देश की संस्कृति का प्रतिनिधित्व भी करता है। राष्ट्रीय ध्वज में 3 रंगों के अलावा अशोक चक्र की 24 तीलियां दिखती हैं और तिरंगे के हर रंग के साथ ही उसके बीच में बने अशोक चक्र का भी खास संदेश है जिसके बारे में UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू में भी पूछा जाता है। इसलिए इस ब्लाॅग में अशोक चक्र के बारे में विस्तार से जानेंगे।

अशोक चक्र के बारे में

भारत के राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर की पट्टी केसरिया रंग की है, जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाती है। सफेद मध्य पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य को इंगित करती है। अंतिम पट्टी हरे रंग की है जो भूमि की उर्वरता, वृद्धि को दर्शाती है। इन तीनों पट्टियों के बीच में अशोक चक्र है।  इसका डिज़ाइन उस पहिये जैसा है जो अशोक के सारनाथ सिंह स्तंभ के अबेकस पर दिखाई देता है। इसका व्यास सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर है और इसमें 24 तीलियां हैं।

अशोक चक्र को जैन धर्म, हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म में मौजूद ‘धर्म का पहिया’ नामक धार्मिक रूपांकनों (religious motif) से प्रेरणा मिलती है। भारतीय ध्वज के रचनाकारों ने बाद में अशोक चक्र की प्रत्येक बात को अलग महत्व दिया है जो भारत के आगे बढ़ने के मूल्यों का प्रतीक है।

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अशोक चक्र का इतिहास क्या है?

अशोक चक्र तिरंगा में 24 तीलियों से सुशोभित एक पहिया है। इसे ‘व्हील ऑफ ड्यूटी’ के नाम से भी जाना जाता है। अशोक चक्र को 22 जुलाई, 1947 को अपनाया गया था। आपको बता दें कि महात्मा गांधी ने पिंगली वेंकैया को लाल और हरे रंग के बैनर पर झंडा डिजाइन करने का काम सौंपा था। चरखे का विचार लाला हंसराज ने रखा था। ‘चरते हुए पहिये’ को अशोक चक्र कहा जाता है क्योंकि यह अशोक के कई शिलालेखों पर दिखाई देता है, जिनमें से सबसे प्रमुख अशोक का शेर शीर्ष है। यह प्रतीक प्रमुख रूप से राष्ट्रीय ध्वज के केंद्र में उपयोग किया जाता है, जो सफेद पृष्ठभूमि पर गहरे नीले रंग में दिखाई देता है। 

अशोक चक्र कहां से लिया गया है?

ऐसा माना जाता है कि अशोक चक्र को सारनाथ (वाराणसी) स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया है। आपको बता दें कि यह स्तंभ सम्राट अशोक के समय उनके धम्म (नैतिकता के नियम) के प्रचार-प्रसार के लिए बनवाया गया था। सम्राट अशोक ने लोगों को दया और प्रेम का संदेश दिया था जोकि भारत के मूल चरित्र में है।

अशोक चक्र

अशोक चक्र का रंग क्या है?

भारत के राष्ट्रीय ध्वज में पट्टियों का रंग केसरिया, सफेद और हरा होता है, लेकिन बीच की पट्टी में अशोक चक्र का रंग नीला होता है। अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं।

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अशोक चक्र की 24 तीलियों का क्या मतलब है?

अशोक चक्र की 24 तीलियां मानव के 24 गुणों को दर्शातीं हैं। यहां अशोक चक्र की 24 तीलियों का अर्थ बताया जा रहा हैः

तीलीअर्थ
1सतीत्व – सादा जीवन जीने की प्रेरणा देता है
2स्वास्थ्य – शारीरिक और मानसिक स्वस्थता बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है
3शांति – पूरे देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने का प्रयास करता है
4बलिदान – देश और समाज के लिए कोई भी बलिदान देने की इच्छा
5नैतिकता – व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में उच्च नैतिक मानकों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता
6सेवा – आवश्यकता पड़ने पर देश और समाज की सेवा करने की तत्परता
7क्षमा – मनुष्यों और अन्य प्राणियों के प्रति क्षमाशील रवैया अपनाना
8प्रेम – देश एवं सभी प्राणियों के प्रति स्नेह एवं प्रेम की भावना
9मित्रता – सभी नागरिकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित करना
10बंधुत्व – देश के भीतर भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना
11संगठन- राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता को सुदृढ़ बनाना
12कल्याण – देश और समाज की कल्याणकारी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी
13समृद्धि – देश के विकास में सक्रिय योगदान
14उद्योग – देश को उसकी औद्योगिक प्रगति में सहायता करना
15सुरक्षा – हर समय देश की रक्षा करने की इच्छा
16जागरूकता – सच्चाई के प्रति सचेत रहना और अफवाहों पर विश्वास करने से बचना
17समानता – समानता पर आधारित समाज की स्थापना का प्रयास करना
18अर्थ – व्यापक भलाई के लिए धन का इष्टतम उपयोग
19नीति- देश की नीतियों पर विश्वास रखना
20न्याय – सभी के लिए न्याय और निष्पक्षता की वकालत करना
21सहयोग – टीम वर्क और सहयोग को प्रोत्साहित करना
22कर्त्तव्य – उत्तरदायित्वों का ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से पालन
23अधिकार – दुरुपयोग के बिना अपने अधिकारों का जिम्मेदारीपूर्ण प्रयोग
24बुद्धि – सीखने और शिक्षा के माध्यम से ज्ञान और समझ की खोज

अशोक चक्र से जुड़े रोचक तथ्य

अशोक चक्र से जुड़े रोचक तथ्य इस प्रकार हैंः

  • अशोक चक्र को कर्तव्य चक्र के नाम से भी जाना जाता है।
  • अशोक चक्र को झंडे के तिरंगे के बीच में देखा जा सकता है। 
  • अशोक चक्र में चौबीस तीलियां हैं और इसे 22 जुलाई, 1947 को अपनाया गया था।
  • राष्ट्रीय ध्वज के केंद्र में अशोक चक्र का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। 
  • दिलचस्प बात यह है कि अशोक चक्र की प्रत्येक तीली जीवन के एक सिद्धांत का प्रतीक है। 
  • चक्र को ‘समय का पहिया’ भी कहा जाता है क्योंकि इसकी तीलियां दिन के चौबीस घंटों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
  • अशोक चक्र को जैन, हिंदू और बौद्ध धर्म के धार्मिक रूपांकनों के आधार पर तैयार किया गया है। 
  • भारतीय ध्वज के निर्माताओं ने बाद में अशोक चक्र की तीलियों को एक अलग अर्थ दिया। प्रत्येक तीली एक मूल्य का प्रतिनिधित्व करती है कि भारत प्रगति करता रहेगा।

FAQs

अशोक चक्र हमें क्या संदेश देता है?

अशोक चक्र की तीलियां प्रगति, निरंतरता और विकास का संदेश देती है।

अशोक चक्र के नीचे क्या लिखा होता है?

अशोक चक्र के नीचे सत्यमेव जयते लिखा होता है।

अशोक चक्र को कब अपनाया गया था?

22 जुलाई 1947 को।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको अशोक चक्र के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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