NABARD UPSC in Hindi: UPSC मेंस एग्जाम के लिए NABARD टॉपिक पर महत्वपूर्ण शार्ट नोट्स

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NABARD UPSC in Hindi

UPSC मेंस एग्जाम की दृष्टि से नाबार्ड का टॉपिक बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रतिवर्ष UPSC की परीक्षा में नाबार्ड से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यहाँ UPSC के कैंडिडेट्स के लिए नाबार्ड टॉपिक पर कुछ महत्वपूर्ण नोट्स दिए जा रहे हैं, क्योंकि ये नोट्स छोटे हैं इसलिए इन्हें याद करना आसान है। NABARD UPSC in Hindi नोट्स नीचे दिए गए हैं।

नाबार्ड के बारे में 

नाबार्ड के बारे जानने के लिए कुछ पोइंट्स नीचे दिए गए हैं:

  • नाबार्ड एक विकास बैंक है जो देश के ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग गतिविधियों को चलाता है।  यह कृषि और ग्रामीण विकास के लिए लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने वाला प्रमुख संस्थान है।  
  • कृषि के अलावा यह छोटे और कुटीर उद्योगों को भी आर्थिक सहयोग प्रदान करता है।  
  • NABARD की स्थापना राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम 1981 के अंतर्गत की गई थी।  

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NABARD के प्रमुख  कार्य 

यहाँ NABARD UPSC in Hindi के प्रमुख कार्य नीचे दिए जा रहे हैं :

  • NABARD ग्रामीण इलाकों में किसानों को लोन मुहैया कराने का कार्य करता है।  
  • NABARD छोटे और कुटीर उद्योगों को भी लोन उपलब्ध कराता है।  
  • यह को ऑपरेटिव बैंकों को भी नियंत्रित करता है। 
  • NABARD जिला स्तर पर भी ऋण योजनाओं को तैयार करने का काम करता है।  
  • इसका एक उद्देश्य केंद्र सरकार  की विकास योजनाओं को तैयार करना और उन्हें लागू करना भी है।  

इतिहास 

यहाँ NABARD के इतिहास के बारे में बिंदुओं में बताया गया है :

  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास हेतु संस्थागत ऋण का महत्त्व सरकार के नियोजन के प्रारंभिक दौर से ही स्पष्ट हो जाता है। इसी क्रम में वर्ष 1979 में तात्कालिक योजना आयोग के सदस्य श्री बी. सिवरामन की अध्यक्षता में भारत सरकार के आग्रह पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिये संस्थागत ऋण की व्यवस्था की समीक्षा करने हेतु एक समिति का गठन किया।
  • इस समिति ने ग्रामीण आर्थिक विकास का मसौदा तैयार किया।  
  • इसके फलस्वरूप वर्ष 1982 में राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम 1981 के तहत नाबार्ड की स्थापना की गई।  
  • इसकी शुरुआती paid up capital राशि 1 अरब थी जिसमे आरबीआई और भारत सरकार की आधी आधी हिस्सेदारी थी।  

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शासन प्रणाली 

NABARD की शासन प्रणाली के बारे में नीचे समझाया गया है :

निदेशक बोर्ड 

  • बोर्ड निदेशक द्वारा नाबार्ड के मामलों को नियंत्रित किया जाता है। बोर्ड निदेशक की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा नाबार्ड अधिनियम के तहत की जाती है। निदेशकों का चुनाव रिज़र्व बैंक के अलावा अन्य शेयरधारकों, केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित अन्य संस्थाओं एवं केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।

नाबार्ड के निदेशक बोर्ड में निम्नलिखित सदस्य शामिल होते हैं : 

  • चेयरमैन 
  • तीन निदेशक जो अपने अपने विषयों को देखते हैं : ग्रामीण व्यवस्था, ग्रामीण विकास, ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग।  
  • इसके अलावा ऐसा व्यक्ति भी नाबार्ड का सदस्य बन सकता है जिसे पूर्व में ग्रामीण बैंक या को ऑपरेटिव बैंक में काम करने का अनुभव हो।  
  • रिज़र्व बैंक के निदेशकों में से 3 निदेशक 
  • इसके अलावा केंद्र सरकार के ऑफिसर्स में से भी 3 अधिकारियों को निदेशक के रूप में चुना जाता है।  
  • राज्य सरकार के ऑफिसर्स में से भी 4 अधिकारियों को निदेशक के रूप में चुना जाता है।  

कार्यकारी समिति का गठन 

NABARD कार्यकारी समिति का गठन इस प्रकार से किया जाता है :

  • बोर्ड निदेशक के द्वारा एक कार्यकारी समिति का गठन किया जाता है जिसमे निदेशकों और कार्यकारी निदेशकों की संख्या तय की जाती  है।  
  • कार्यकारी समिति ऐसे कार्य जिन्हें बोर्ड द्वारा सौंपा जा सकता है, की देखरेख करनी होती है।  

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