प्रमुख सुर्खियां
- वित्त वर्ष 2021 – 2022 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश सिंगापुर और अमेरिका क द्वारा किया गया।
- मॉरीशस, नीदरलैंड और स्विट्ज़रलैंड भी सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वाले दशों में शामिल रहे।
- UNCTAD विश्व निवेश रिपोर्ट (WIR) 2022 के द्वारा वर्ष 2022 में Foreign Direct Investment के सेक्टर में विश्व में 7वां स्थान दिया।
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के क्षेत्र में दुनिया के टॉप देश
देश | FDI प्रतिशत |
मॉरीशस | 98% |
अमेरिका | 94% |
नीदरलैंड | 86% |
स्विट्ज़रलैंड | 31% |
सिंगापुर | 1% |
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के द्वारा कोई भी विदेशी निवेशक भारत में निवेश कर सकता है।
- इसकी मदद से कोई भी विदेशी कम्पनी भारत में निवेश कर सकती है।
- यह भारत के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को समर्थन देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदम
- भारत ने PSU कंपनियों, रिफाइनरियों और टेलीकॉम क्षेत्रों में FDI को बढ़ाने के लिए इससे जुड़े नियमों में ढील दी है।
- भारत ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत आदि अभियानों के द्वारा FDI को बढ़ावा देने की कोशिश की है।
- बहुत सी इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम जगत की कंपनियां चीन को छोड़कर भारत में अपने प्लांट लगा रही हैं। भारत सरकार ने उन्हें बेहतरीन सुविधाएं और व्यापारिक वातावरण देने का वादा किया है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रमुख घटक
- इक्विटी कैपिटल : इसका सम्बन्ध किसी निवेशक द्वारा अपने देश से बाहर किसी दूसरे देश में उद्यम शेयरों में निवेश किए जाने से है।
- इंट्रा कंपनी ऋण : इसमें निवेशकों और उद्यमियों के मध्य दीर्घकालिक अथवा अर्धकालिक निधियों का उधार शामिल होता है।
- पुनर्निवेशित आय : इसमें प्रत्यक्ष निवेशकों की आय का वह भाग होता है जिसे किसी कंपनी के सहयोगियों द्वारा लाभांश के रूप वितरित नहीं किया जाता है। यह आय प्रत्यक्ष निवेशकों को नहीं मिलती है। इसे सहयोगियों द्वारा दोबारा निवेश किया जाता है।
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