प्रमुख सुर्खियां
- बायोस्फीयर रिज़र्व UNESCO द्वारा प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्यों के लिए प्रदान की गई एक उपाधि है। इसके अंतर्गत विशाल स्थलीय और जलीय क्षेत्र आते हैं।
- इसका उद्देश्य आरक्षित क्षेत्र के संरक्षण के साथ साथ उसका आर्थिक विकास करना भी होता है।
- इसका उद्देश्य यह साबित कारन है कि किस प्रकार मनुष्य और जीव एक दूसरे के लिए ज़रूरी होते हैं और एक साथ रह सकते हैं।
किसी क्षेत्र को बायोस्फीयर रिज़र्व घोषित किए जाने के लिए आवश्यक पॉइंट्स
- उस स्थल का संरक्षित और अशांत होना आवश्यक है।
- सम्पूर्ण क्षेत्र जैव भौगोलिक ईकाई के बराबर होना चाहिए।
- वह क्षेत्र जिसमें आदिवासी समुदाय के लोग पारम्परिक तरीके से रह रहे हों, जिन्हें संरक्षित किया जाना आवश्यक हो।
बायोस्फीयर रिज़र्व का ढांचा
कोर एरिया : इसके अंतर्गत स्थानीय पौधे और पशु आते हैं।
बफर जोन : कोर क्षेत्र के आसपास के क्षेत्र को बफर जोन कहते हैं। इसका प्रयोग नियंत्रित और अहिंसक कार्यों के लिए किया जाता है। इसके अंतर्गत जानवरों की चराई, मछली पालन आदि आते हैं। इसमें कुछ शैक्षिक और शोध कार्य भी किए जाते हैं।
संक्रमण क्षेत्र : यह बायोस्फीयर रिज़र्व का सबसे बाहरी हिस्सा होता है। इसमें फसलें उगाना, मनोरजन गतिविधियां शामिल होते हैं। प्रतिबंधित जंगल के साथ साथ यहाँ आदिवासियों की बस्तियां भी बनी होती हैं।
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