UPSC एस्पिरेंट्स के लिए गिग इकोनॉमी पर इम्पोर्टेन्ट नोट्स

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UPSC Aspirants ke liye gig economy par important notes

गिग इकोनॉमी एक ऐसी प्रणाली है जिसमें संभावित कर्मचारी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ग्राहकों या ग्राहकों से जुड़े होते हैं। गिग इकोनॉमी को अस्थायी, लचीली या स्वतंत्र बाजार प्रणाली कहा जाता है। दूसरे शब्दों में गिग इकॉनमी को फ्रीलांस इकोनॉमी कहा जाता है। UPSC की परीक्षा में इस विषय पर भी सवाल पूछे जाते हैं, इस एग्जाम अपडेट के माध्यम से आपको गिग इकोनॉमी विषय की संक्षिप्त में जानकारी मिलेगी।

गिग इकोनॉमी किसे कहते हैं?

गिग इकॉनमी एक मुक्त या स्वतंत्र बाज़ार प्रणाली है, जिसमें सामान्य रूप से अस्थायी पद होते हैं और जिसमें संगठन शॉर्ट टर्म जुड़ाव के लिए, स्वतंत्र श्रमिकों या कार्यकर्ता के साथ कॉन्ट्रेक्ट यानि कि अनुबंध करते हैं।

आसान शब्दों में, “गिग इकोनॉमी एक उभरता हुआ आर्थिक मॉडल है, जिसमें पूर्णकालिक कर्मचारियों यानि कि फुलटाईम एम्पलॉई को काम पर रखने के स्थान पर फर्मों में काम करने के लिए, फ्लेक्सिबल पार्टटाईम वर्कर्स को काम पर रखा जाता है।

गिग इकोनॉमी स्ट्रक्चर क्या है?

गिग इकोनॉमी के स्ट्रक्चर में मुख्य रूप से तीन यूनिट्स “कॉर्पोरेशन, एम्प्लॉई और कस्टमर” शामिल होती हैं। इसके स्ट्रक्चर को समझने से पहले आपको यह समझना होगा कि हर एम्प्लॉई के काम करने में अंतर होता है। जिसको निम्नलिखित भागों से समझा जा सकता है, जो कि गिग इकोनॉमी के स्ट्रक्चर को परिभाषित करते हैं-

  1. टेम्प्ररी एम्प्लॉई 
  2. फ्रीलांसर 
  3. प्रोजेक्ट पार्ट टाईम वर्कर

गिग इकोनॉमी से होने वाले लाभ

गिग इकोनॉमी से होने वाले लाभों को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है-

  • गिग इकोनॉमी के अंतर्गत कार्य करने वाले कर्मचारियों को माँग पर कार्य प्राप्त होता है।
  • इसके साथ-साथ आप अन्य काम या कुछ विशेष चीजों को सीखने में भी अपना समय दे सकते हैं।
  • महिलाओं के लिए यह सुरक्षित वातावरण को जन्म देता है।
  • यह आपको अतिरिक्त रूप से कमाई के साधन जुटाने में भी सहायक साबित होता है।

गिग इकोनॉमी से होने वाले नुकसान

गिग इकोनॉमी से होने वाले नुकसानों को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है-

  • यह बाजार में पहले से उत्पन्न समस्याओं का निवारण करने के स्थान पर उन्हें कायम रखता है।
  • कई मुद्दों पर इसको महिलाओं के खिलाफ पक्षपाती भी समझा जाता है।
  • वेतन में असमानता ही इससे होने वाला सबसे बड़ा नुकसान है।
  • इसके माध्यम से मिलने वाली नौकरियों में सुरक्षा और लाभ दोनों ही कम पाए जाते हैं।

गिग इकॉनमी को भारत की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता है। गिग इकोनॉमी UPSC परीक्षा के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण विषय है। इसी प्रकार की अन्य Exam Update के लिए हमारी वेबसाइट के साथ बनें रहे।

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