उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने स्टूडेंट्स के लिए बड़ी पहल की है। विभाग की ओर बताया गया है कि 2024 यानी अगले साल से लगभग 45,000 सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 8 के 50 लाख से अधिक स्टूडेंट्स को कोडिंग, कम्प्यूटेशन लथिंकिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मूल बातें सिखाई जाएंगी। यह कोर्स 2024-25 एकेडमिक सेशन से शुरू किया जाएगा।
यह कोर्स राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा विकसित किया गया है और यह साइंस सब्जेक्ट का एक हिस्सा होगा। SCERT ने पहले ही तीनों कक्षाओं के लिए किताबें तैयार कर ली हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही लॉन्च करेंगे।
टेक्नोलाॅजी की समझ रखने वाले लोगों के लिए कोडिंग और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग अब छात्रों के ओवरआल डेवलपमेंट को लेकर फायदेमंद साबित होगी। कोर्स में कक्षा 6 के छात्र माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, प्रोग्रामिंग, पायथन और कंप्यूटर साइंस की अन्य मूल बातें सीखेंगे। कक्षाओं के छात्र 7-8 नेटवर्किंग और साइबर सुरक्षा, माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, डेटा और AI सीखेंगे।
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NEP-2020 के तहत कक्षा 6 से कोडिंग अनिवार्य
इस कोर्स को शुरू करने के पीछ का उद्देश्य है कि कोडिंग प्लेटफ़ॉर्म अब स्कूल स्तर पर सीखने का पार्ट बन गया है। आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में टेक्नोलाॅजी के महत्व देखते हुए NEP-2020 के तहत कक्षा 6 से कोडिंग अनिवार्य कर दी गई है। SCERT के डायरेक्टर पवन सचान ने कहा कि कम उम्र में कोडिंग शुरू करने और टेक्नोलाॅजी के प्रति जागरूकता बढ़ाने से युवाओं को एक नई दुनिया की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों और संगठनों के साथ चल रहा काम
स्कूल शिक्षा डायरेक्टर जनरल विजय किरण आनंद ने कहा कि NEP के आदेश का पालन करते हुए, SCERT भविष्य के लिए सामग्री और कोर्स की शुरुआत, शिक्षकों के प्रशिक्षण व कोडिंग और AI के लिए रोजाना मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों और संगठनों के साथ काम कर रहा है। इससे सरकारी स्कूल के छात्र अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
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