Times Higher Education (THE) के मुताबिक यूके को छात्र वीजा की प्रोसेसिंग पर ‘बहुत बढ़िया’ दर्जा दिया गया है।
THE के इस सर्वे में दुनिया भर में 700 से अधिक शिक्षा एजेंट्स ने भाग लिया। यह सर्वे वीज़ा आवेदन में आसानी, प्रोसेसिंग टाइम, स्वीकृति दर, अस्वीकृति के लिए स्पष्टीकरण और दी गई रहने की अवधि के आधार पर तय हुआ है।
वीज़ा लागत पर ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका के अंक यूके की तुलना में ज्यादा हैं। लेकिन यूके ने वीज़ा प्रोसेसिंग से संबंधित पेपरवर्क पर उन देशों को पीछे छोड़ दिया है।
कंसल्टिंग एजेंसी नैविटास (Navitas) के स्टडी ऑथर और हेड ऑफ स्ट्रेटेजिक इनसाइट्स और एनालिटिक्स, जॉन च्यू कहते हैं कि सर्वे रिजल्ट्स दिखाते हैं कि प्रमुख गंतव्य देश स्टूडेंट वीज़ा की उच्च मांग को कितने अच्छे से हैंडल कर रहे हैं।
ईज़ ऑफ़ वीज़ा एप्लीकेशन में 53 प्रतिशत एजेंट्स ने यूके को ‘बहुत बढ़िया’ की हाईएस्ट रेटिंग दी है। वहीं ऑस्ट्रेलिया को 32 प्रतिशत, और यूएसए और कनाडा को 20 प्रतिशत एजेंट्स ने रेटिंग्स दी हैं।
जॉन च्यू आगे लिखते हैं कि यूके की वीज़ा स्वीकृति दर पर “समान रूप से मजबूत पॉजिटिव व्यूज़” हैं। 60 प्रतिशत रेस्पोंडेंट्स ने यूके को ‘बहुत अच्छी’ रेटिंग दी हैं तो कनाडा और अमेरिका के लिए लगभग 20 प्रतिशत रेस्पोंडेंट्स ने स्वीकृति दरों को बहुत अच्छा बताया है।
सर्वे में ब्रिटेन वीज़ा प्रोसेसिंग में भी अन्य देशों से कहीं आगे है। विश्लेषकों ने यूके को 37 प्रतिशत रेटिंग दी है। वहीं अमेरिका को 24 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया को 17 प्रतिशत और कनाडा को केवल 8 प्रतिशत रेटिंग्स मिली हैं।
यह फाइंडिंग्स तब आई हैं जब हायर एजुकेशन लीडर्स ने चेतावनी दी है कि यदि ऑस्ट्रेलिया अपने बढ़ते वीज़ा बैकलॉग को दूर नहीं करता है तो वह अपने यहां आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को खो सकता है। THE ने हाल ही में रिपोर्ट दी है कि कुछ छात्र जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में आने के लिए वर्षों तक इंतजार किया है, वे जल्द ही ऑस्ट्रेलिआई वीज़ा प्रोसेसिंग की वजह से अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
च्यू आगे यह भी लिखते हैं कि ऑस्ट्रेलिया का नुकसान ब्रिटेन का लाभ हो सकता है। वहीं उन्होंने आगे लिखा कि यूनाइटेड किंगडम अपने वीज़ा प्रोसेसिंग परफॉरमेंस की सकारात्मक धारणाओं से लाभान्वित होने के लिए लगातार कार्य कर रहा है।
च्यू की यह आशंका भी है कि यूके का मजबूत प्रदर्शन “शॉर्ट-लिव्ड” हो सकता है।
बीते मई महीने में सर्वेक्षण किए जाने के कुछ समय बाद, यूके ने कई देशों के लिए प्राथमिकता प्रोसेसिंग को हटा दिया था। च्यू ने आगे कहा कि विशेष रूप से ‘हाई-रिस्क’ मार्केट्स से आवेदनों की अधिक जांच भी प्रतीत होती है। पिछले कुछ समय से यह देखा गया है कि नाइजीरिया और बाकि देशों से यूके में आवेदन की संख्या बढ़ गयी है।
च्यू यह भी लिखते हैं कि आने वाले महीनों में जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू होगी, सभी गंतव्य देशों को इमीग्रेशन प्रोसेसिंग की बढ़ती कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। वे गंतव्य जो उन महत्वपूर्ण प्री-कमेंसमेंट्स विंडोज़ पर स्टूडेंट वीजा को प्राथमिकता देने के तरीके ढूंढ सकते हैं।