विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 2024-25 शैक्षणिक सत्र में पीएचडी में प्रवेश के लिए एक नई घोषणा की है। यूजीसी के अनुसार अब पीएचडी में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) के अंक मान्य होंगे। इस निर्णय का उद्देश्य प्रवेश प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है, क्योंकि वर्तमान में कई विश्वविद्यालय पीएचडी उम्मीदवारों के लिए अलग प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। नेट स्कोर से प्रवेश होने पर, उम्मीदवारों को अब अलग अलग परीक्षाओं में बैठने की जरूरत नहीं होगी।
यूजीसी द्वारा यह निर्णय, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप, एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद 13 मार्च को आयोजित 578वीं यूजीसी बैठक में किया गया था।
वहीं बता दे कि यूजीसी-नेट एग्जाम का आयोजन साल में दो बार किया जाता है। इस एग्जाम के माध्यम से जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) प्रदान करने और मास्टर डिग्री वाले उम्मीदवारों के लिए सहायक प्रोफेसरों का चयन करने के लिए किया जाता है।
जून 2024 से नेट अभ्यर्थियों को तीन कैटेगरी में पात्र घोषित किया जाएगा
• कैटेगरी-1 (i) पीएचडी. में प्रवेश जेआरएफ के साथ और (ii) सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति।
• श्रेणी 2 – (i) पीएचडी. में प्रवेश के जेआरएफ के बिना और (ii) सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति
• श्रेणी 3-पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्र, जेआरएफ या सहायक प्रोफेसर के लिए पात्र नहीं
UGC के बारे में
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया और विश्वविद्यालय में शिक्षा, परीक्षा और अनुसंधान के रेगुलेशन के समन्वय और रखरखाव के लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा भारत सरकार की कांस्टीट्यूशनल बॉडी बन गया। यह यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को ग्रांट देता है।इसी और अन्य प्रकार की Leverage Edu न्यूज़ अपडेट्स के साथ बने रहिए।