पढ़िए क्रिसमस डे के मौके पर ईसा मसीह के वचन

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ईसा मसीह के वचन

त्योहार चाहे कोई भी क्यों न हो, उनका उद्देश्य मानव के जीवन में खुशियों को लाना ही होता है। त्योहार ही मानव को ज्ञान, सुख और समृद्धि का अनुभव कराते हैं। क्रिसमस दुनिया भर में मनाये जाने वाला ऐसा त्योहार है, जिसको ईसाई धर्म के लोगों द्वारा पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस क्रिसमस के शुभावसर पर आपको इस त्योहार को मनाये जाने का कारण और ईसा मसीह के वचन से मिलने वाली प्रेरणा के बारे में भी जान लेना चाहिए। इस ब्लॉग के माध्यम से आपको ईसा मसीह के वचन पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त होंगे, जिनसे आपको प्रेरणा मिलेगी।

क्यों मनाया जाता है क्रिसमस?

ईसा मसीह के वचन पढ़ने से पहले आपको क्रिसमस को मनाए जाने के पीछे के कारण की जानकारी अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहिए। क्रिसमस के पीछे की पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था, जिन्होंने ईसाई धर्म की स्थापना भी की थी। हर वर्ष ईसा मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस डे के रूप में दुनिया भर में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। यह ईसाई धर्म के लोगों का सबसे प्रमुख त्योहार है, जो कि हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन ईसाई धर्म के अनुयाई चर्चो को लाइट और झालरों से सजाते हैं, साथ ही मोमबत्ती जलाकर विशेष प्रार्थना भी करते हैं।

ईसा मसीह के वचन

ईसा मसीह के वचन आपको मानवता के लिए प्रेरित कर सकते हैं, जिनमें से कुछ वचन निम्नलिखित हैं-

  1. “अपने दिनों में बूढ़ा व्यक्ति सात दिन के बच्चे से जीवन के स्थान के बारे में पूछने में संकोच नहीं करेगा, और वह जीवित रहेगा।”
  2. “जो तुम्हारे सामने है उसे जान लो, और जो तुमसे छिपा है वह तुम्हारे सामने स्पष्ट हो जाएगा।”
  3. “झूठ मत बोलो क्योंकि सब कुछ सच्चाई के मद्देनजर प्रकट किया गया है।”
  4. “वह मत करो जिससे तुम्हें नफरत है क्योंकि ऐसा कुछ भी छिपा नहीं है जो प्रकट न हो जाए।”
  5. “जो कोई इन शब्दों का अर्थ जान लेगा, वह मृत्यु का स्वाद नहीं चखेगा।”
  6. “मनुष्य एक समझदार मछुआरे की तरह है जिसने अपना जाल समुद्र में डाला और उसे छोटी मछलियों से भरे समुद्र से खींच लिया।”
  7. “मेरी तुलना करो, और मुझे बताओ कि मैं किसके जैसा हूं।”
  8. “जो कुछ तुम्हारे मुँह में जाता है, वह तुम्हें अशुद्ध नहीं करेगा। बल्कि जो कुछ तेरे मुंह से निकलता है वह तुझे अशुद्ध कर देगा”
  9. “शायद लोग सोचते हैं कि मैं पृथ्वी पर शांति स्थापित करने आया हूं परन्तु वे नहीं जानते कि मैं पृय्वी पर आग, तलवार, युद्ध: उपद्रव फैलाने आया हूं।”
  10. “मैं तुझे वह दूँगा जो किसी आँख ने नहीं देखा, और जो किसी कान ने नहीं सुना, और जो किसी हाथ ने नहीं छुआ, और जो मनुष्य के मन में नहीं सूझा।”

विद्यार्थियों के लिए ईसा मसीह के वचन

विद्यार्थियों के लिए ईसा मसीह के वचन पढ़ने का अवसर भी आपको इस पोस्ट में मिल जायेगा। विद्यार्थियों के लिए ईसा मसीह के वचन निम्नलिखित हैं-

  1. “जो खोजता है उसे तब तक खोजना नहीं छोड़ना चाहिए जब तक वह पा न ले।”
  2. “जब तुम अपने आप को जान लोगे, तब तुम पहचाने जाओगे, और तुम जानोगे कि तुम जीवित पिता की संतान हो।”
  3. “यदि तुम स्वयं को नहीं जानते, तो तुम गरीबी में हो, और तुम गरीबी हो।”
  4. “धन्य है वह जो अस्तित्व में आने से पहले था।”
  5. “जिस आवश्यकता की तुम प्रतीक्षा करते हो (लालसा से) वह अवश्य मिलेगी।”
  6. “तुम्हारे बीच एक बुद्धिमान व्यक्ति होना चाहिए!”
  7. “यदि तुम संसार से विमुख नहीं हो, तो तुम्हें राज्य नहीं मिलेगा।”
  8. “ऊँचे पहाड़ पर बना किलेबंद शहर गिर नहीं सकता, न ही छिप सकता है।”
  9. “आप अपनी छतों से वही घोषणा करेंगे जो आप अपने कान से सुनेंगे।”
  10. “यदि कोई अन्धा किसी अन्धे की अगुवाई करे, तो दोनों गड्ढे में गिर पड़ेंगे।”

समाज के लिए ईसा मसीह के वचन

समाज के लिए ईसा मसीह के वचन पढ़ने का अवसर भी आपको इस पोस्ट में मिल जायेगा। समाज के लिए ईसा मसीह के वचन निम्नलिखित हैं-

  1. “यदि कोई अन्धा किसी अन्धे की अगुवाई करे, तो दोनों गड्ढे में गिर पड़ेंगे।”
  2. “किसी मजबूत व्यक्ति के घर में प्रवेश करना (और) बलपूर्वक कब्ज़ा करना संभव नहीं है जब तक कि वह अपने हाथ न बांध ले।”
  3. “सुबह से शाम और शाम से सुबह तक इस बात की चिंता मत करो कि तुम क्या पहनोगे।”
  4. “जो कोई पिता की निन्दा करेगा, उसका अपराध क्षमा किया जाएगा।”
  5. “एक व्यक्ति के लिए दो घोड़ों पर चढ़ना और दो धनुष तानना असंभव है।”
  6. “एक नौकर के लिए दो स्वामियों की सेवा करना असंभव है। अन्यथा वह एक का सम्मान करेगा और दूसरे का अपमान करेगा।”
  7. “यदि दो लोग एक ही घर में आपस में मेल कर लें, तो वे पहाड़ से कहेंगे, हट जाओ, तो वह हट जाएगा।”
  8. “मैं वह हूं जो उसी से आया हूं जो (हमेशा) एक ही है। मुझे उसमें से कुछ दिया गया जो मेरे पिता का है।”
  9. “धन्य है वह व्यक्ति जिसने संघर्ष किया है। उसे जीवन मिल गया है।”
  10. “धन्य हैं गरीब. क्योंकि स्वर्ग का राज्य तुम्हारा है।”

ईसा मसीह के उपदेश

ईसा मसीह के वचन के माध्यम से आपको मानवता को प्रेरित करने वाले उपदेश पढ़ने को मिल जायेंगे। जो कि निम्नलिखित हैं-

  1. “मैं अपने रहस्य उन लोगों को बताता हूं जो [मेरे] रहस्यों के योग्य हैं।”
  2. “आपका दाहिना हाथ जो कुछ भी करता है, आपके बाएं हाथ को पता नहीं चलना चाहिए कि वह क्या कर रहा है।”
  3. “दूसरों से वैसा ही व्यवहार करो जैसा तुम चाहते हो वो तुमसे व्यवहार करें।”
  4. “दान जैसा अच्छा काम लोगों को दिखा कर नहीं पर चुपके से करना चाहिए।”
  5. “जो सब कुछ जानता है, यदि उसमें एक चीज़ की कमी है, तो उसमें (पहले से ही) हर चीज़ की कमी है।”
  6. “यदि आप इसे अपने भीतर अस्तित्व में लाते हैं, (तब) जो आपके पास है वह आपको बचाएगा।”
  7. “छवियाँ मानवता के लिए दृश्यमान हैं, लेकिन उनके भीतर का प्रकाश छवि में छिपा हुआ है।”
  8. “जिसने संसार पाया है (और) धनवान हो गया है, उसे संसार का त्याग कर देना चाहिए।”
  9. “दूसरों पर कोई दोष लगाने से पहले अपने दोष को देखें।”
  10. “अभागा है वह शरीर जो शरीर पर निर्भर रहता है।”

ईसा मसीह के वचन in English

बाइबल में लिखित ईसा मसीह के वचन का मूल संस्करण अंग्रेजी में पढ़ने का अवसर आपको इस पोस्ट में मिल जायेंगे, जो कि निम्नलिखित हैं-

  1. “Whoever finds the meaning of these words will not taste death.”
  2. “The one who seeks should not cease seeking until he finds.”
  3. “Come to know what is in front of you, and that which is hidden from you will become clear to you.”
  4. “I have cast fire upon the world, and see, I am guarding it until it blazes.”
  5. “No matter where you came from, you should go to James the Just, for whose sake heaven and earth came into being.”
  6. “When you see one who was not born of a woman, fall on your face (and) worship him. That one is your Father.”
  7. “I will give you what no eye has seen, and what no ear has heard, and what no hand has touched, and what has not occurred to the human mind.”
  8. “I will choose you, one from a thousand and two from ten thousand And they will stand as a single one.”
  9. “I stood in the middle of the world, and in flesh I appeared to them.”
  10. “Love your brother like your life!”

आशा है कि इस पोस्ट के माध्यम से आपको ईसा मसीह के वचन पढ़ने का अवसर मिला होगा, जो कि आपको सदा प्रेरित करेगी। इसी प्रकार के कोट्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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