भारत इस बार अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कई बदलाव किए हैं, इस गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति और राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद घोड़ा गाड़ी में सवार होकर राष्ट्रपति भवन से इरविन एम्फीथिएटर (मेजर ध्यानचंद स्टेडियम मे जाकर राष्ट्रपति को दी जाने वाली 21 तोपों की सलामी ली थी।
21 तोपों की सलामी क्या है?
गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के दिन 21 तोपों की सलामी के लिए गणतंत्र दिवस परेड के समय राष्ट्रपति और राष्ट्रीय ध्वज के लिए ‘राष्ट्रीय सलामी’ के नारे पर राष्ट्रपति के बॉडी गार्ड्स (PBG) के कमांडेंट अपनी तलवार को नीचे रखते हैं और राष्ट्रगान बजते समय 21 तोपों की सलामी दी जाती है। आपको बता दें की इसके अतिरिक्त, गणतंत्र दिवस पर सात तोपों द्वारा सलामी दी जाती है, जो 2.25 सेकंड के अंतराल पर तीन राउंड फायर करती हैं और 52 सेकंड का राष्ट्रगान बजाया जाता है। कहा जाता है की जब तक 21वीं राउंड फायर न हो जाए तबतक जय जय हे गाया या बजाया जा रहा हो। हर नए राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण के बाद और गणतंत्र दिवस पर 21 तोपों की सलामी से सम्मानित किया जाता है।
वहीं हर वर्ष की तरह गणतंत्र दिवस परेड कमेंट्री के साथ सभी दूरदर्शन चैनलों पर प्रसारित की जाएगी। आप अपने मोबाइल, पीसी या स्मार्ट टीवी पर इस परे़ड की लाइव स्ट्रीम करने के लिए दूरदर्शन या भारतीय प्रेस ब्यूरो के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को भी देख सकते हैं।
FAQs
21 तोपों की सलामी दी जाती हैं.
पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की उपस्थिति में नई दिल्ली में मनाया गया था।
हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस का जश्न उद्घाटन समारोह और दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू होता है, उसके बाद ध्वजारोहण और सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं।
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को लागू हुए भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
उम्मीद है अब आप जीके में आने वाले इस सवाल जो कि गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति को कितने तोपों की सलामी दी जाती हैं? का जवाब जान गए हैं। इसी तरह के जीके और ट्रेंडिंग इवेंट्स से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।