Essay on Suryakant Tripathi Nirala in Hindi : हिंदी के महान साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध 

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Essay on Suryakant Tripathi Nirala in Hindi

हिंदी के प्रसिद्द कवि और साहित्यकार निराला को महाकवि भी कहा जाता है। वे हिंदी के सबसे लोकप्रिय कवियों में से एक भी माने जाते हैं। महाकवि निराला का जन्म 21 फरवरी 1899 के दिन हुआ था। उनकी पहली कविता जन्मभूमि थी। कविता के अलावा उन्होंने कई निबंध भी लिखे। उनका पहला निबंध बंग भंग का उच्चारण था। छात्रों से परीक्षाओं में अक्सर सूर्यकांत त्रिपाठी पर निबंध लिखने के लिए पूछ लिया जाता है। यहाँ दिया जा रहा है। इसकी मदद से छात्र परीक्षा में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला पर निबंध (Essay on Suryakant Tripathi Nirala in Hindi) लिख सकते हैं। 

सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Suryakant Tripathi Nirala in Hindi)

यहाँ सूर्यकांत त्रिपाठी निराला पर 100 शब्दों में निबंध दिया गया है-

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हिंदी साहित्य के छायावादी युग के प्रमुख रचनाकारों में से एक हैं। उनका जन्म 21 फरवरी 1899 को हुआ था। वे कल्पना और असल जीवन के मिश्रण के लिए जाने जाते हैं। 

निराला जी ने कविताएं, कथाएं, उपन्यास और निबंध जैसी विभिन्न विधाएँ लिखीं। उनकी प्रसिद्द रचनाओं में परिमल, गीतिका, राम की शक्ति पूजा और आत्म की आहुति आदि कथाएं प्रमुख रही हैं। 

निराला जी अपनी कविताओं में प्रकृति, जीवन, प्रेम, दर्शन और सामाजिक मुद्दों जैसे विषयों का वर्णन किया है। उनकी लेखन शैली सरल होने के साथ साथ प्रभावशाली भी थी। वे हिंदी साहित्य के एक महान हस्ताक्षर थे। उनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं। 

15 अक्टूबर 1961 को उनका निधन हो गया। वे तो इस संसार को छोड़कर चले गए लेकिन उनकी रचनाएं सदा के लिए हिंदी साहित्य में अमर रहेंगी।  

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सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” पर 200 शब्दों में निबंध (Essay on Suryakant Tripathi Nirala in Hindi)

यहाँ सूर्यकांत त्रिपाठी निराला पर 200 शब्दों में निबंध दिया गया है-

हिंदी के महान कवि और लेखक सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जिन्हें महाप्राण निराला के नाम से भी जाना जाता है, छायावादी युग के एक क्रांतिकारी कवि और गद्यकार थे। उनका जन्म 21 फरवरी 1899 को हुआ था। उन्होंने अपनी रचनाओं में यथार्थ और कल्पना का अनोखा मिश्रण किया था। उनकी प्रसिद्द रचनाओं में परिमल, गीतिका, राम की शक्ति पूजा और आत्म की आहुति आदि कथाएं प्रमुख रही हैं। 

निराला जी की कविताओं में जीवन, प्रेम, दर्शन और प्रकृति आदि संसार के सभी विषयों का समावेश देखने को मिलता है। उनकी भाषा शैली बहुत ही सरल और प्रभावशाली थी। 

वे हिंदी साहित्य के प्रथम कवि थे जिनके द्वारा मुक्त छंद का प्रयोग किया गया। उनकी रचना “राम की शक्ति पूजा” में मुक्त छंद का प्रयोग किया था। यह कविता मुक्त छंद के प्रयोग का एक उत्तम उदाहरण है। 

निराला जी केवल एक कवि नहीं बल्कि एक क्रांतिकारी भी थे। उन्होंने समाज की कुरीतियों और अन्याय के खिलाफ भी लिखा। उन्होंने समाज में हो रहे शोषण के खिलाफ भी खूब लिखा। गरीबों के लिए उनके दिल में विशेष प्रेम और करुणा थी। वे अक्सर सड़क पर किसी दीन हीन को देखकर अपना कम्बल, गर्म चादर और टोपा आदि उतारकर दे दिया करते थे। निराला के इसी दयाभाव के कारण ही उन्हें कुछ लेखकों के द्वारा “दीनबंधु निराला” की संज्ञा भी दी गई थी। 

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को लिखने के साथ साथ खाना पकाने और खाने का भी बहुत शौक था। वे अक्सर अपनी लखनऊ वाली कोठी पर कवि सम्मलेन आयोजित किया करते था और उसमें आने वाले कवियों को अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाते थे। 

15 अक्टूबर 1961 को उन्होंने इस संसार से विदा ले ली। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का हिंदी साहित्य के इतिहास में कभी अस्त नहीं होगा।  

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सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on Suryakant Tripathi Nirala in Hindi)

यहाँ सूर्यकांत त्रिपाठी निराला पर 500 शब्दों में निबंध दिया गया है-

प्रस्तावना 

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जिन्हें राष्ट्र कवि के रूप में भी जाना जाता है, उनका जन्म 21 फरवरी 1899 को उत्तर प्रदेश के मीरगंज  में हुआ था। उन्हें राष्ट्रकवि के रूप में भी जाना जाता है। वे हिंदी साहित्य के महान कवियों में से एक हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में समाज, धर्म, प्रेम और राष्ट्रीय मुद्दों को स्थान दिया।  

निराला की लेखन शैली 

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने अपनी लेखन शैली को “नई कविता” के रूप में परिभषित किया। इनमें उन्होंने रूढ़िवादी नियम के उलट अपनी स्वतंत्र विचारधारा को प्रकट किया। उनकी काव्य रचनाओं में रस, भावना, और यथार्थ का अनोखा संगम था। उनकी यह बात उन्हें अन्य साहित्यकारों से अलग बनाती है। उन्होंने आधुनिक भारतीय समाज की विविधताओं को अपनी कविताओं में स्थान दिया है। 

निराला की प्रमुख रचनाएं 

निराला जी की कविताओं में यदि उनके प्रमुख काव्य संग्रहों की बात की जाए तो उनमें “रहस्य”, “अग्निऔर पानी”, “सरोज संग्रह” और अंगारे मुख्य रचनाएं मानी जा सकती हैं। 

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के जीवन का एक दुखद अध्याय भी है। उन्हें जीवन में बड़ी आर्थिक कठनाइयों का भी सामना करना पड़ा। उनकी विचारधारा में धर्म, आत्मा और समाज का विशेष स्थान था। 

उपसंहार 

अंत में यह कहा जा सकता है कि सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला” एक महान कवि होने के साथ साथ एक महान व्यक्ति भी थे। उन्होंने अपनी लेखन कला के द्वारा समाज को आगे बढ़ाने और प्रेरणा देने का काम किया। उनकी कविताओं में उन्होंने विचारशीलता, मानवता, यथार्थ भाव और साहित्य कुशलता का अद्भुत समावेश किया था। उनकी रचनाएं आज भी आधुनिक जीवन में भी महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और उतनी ही प्रासंगिक मालूम होती हैं। वास्तव में सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला” एक अद्वितीय प्रतिभा थे जिनके जैसा अब कोई दूसरा नहीं हो सकता। 

उनकी कविताओं में आत्मविश्वास, आत्मा की खोज, और मानवता के महत्व को उजागर किया गया है। उनके शब्दों में एक अद्वितीय रूप से ध्वनित होती हैं, जो सुनने वाले के मन में गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। उनके कविताओं में धर्म, प्रेम, और साहित्य की अद्वितीय एकता होती है।

निराला की कविताओं में रस, भाव, और ध्वनि की अद्वितीय संगति होती है, जो उन्हें एक अद्वितीय कवि बनाती है। उनकी कविताओं में सामाजिक और राष्ट्रीय विषयों का सुंदर वर्णन होता है, जो उन्हें भारतीय साहित्य के एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनाता है।

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविताओं में उन्होंने अपने विचारों को एक अद्वितीय रूप से प्रकट किया, जो उन्हें आधुनिक भारतीय साहित्य के एक अग्रणी कवि बनाता है। उनकी कविताओं में जीवन के विभिन्न पहलुओं का सुंदर वर्णन होता है, जो सुनने वाले को गहरी सोच पर आमंत्रित करता है।

इस प्रकार, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का योगदान भारतीय साहित्य में अमर रहेगा, और उनकी कविताओं का प्रभाव आज भी हमारे समाज के ऊर्जावान मन में गहरा है।

FAQs 

सूर्यकांत त्रिपाठी का विशेष नाम क्या है?

सूर्यकांत त्रिपाठी का विशेष नाम निराला है।  

निराला जी का प्रिय विषय क्या है?

निराला जी का प्रिय विषय छायावाद है। 

निराला शब्द का अर्थ क्या होता है?

निराला शब्द का अर्थ अनोखा होता है। 

आशा है कि आपको Essay on Suryakant Tripathi Nirala in Hindi की पूरी जानकारी मिल गई होगी। यह जानकारी आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसी प्रकार के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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