भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े उत्साह और गौरव के साथ मनाया जाता है। इस राष्ट्रीय पर्व के मुख्य आकर्षण में से एक है राजपथ पर आयोजित भव्य परेड, जिसमें विभिन्न देशों के गणमान्य व्यक्तियों को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। सवाल यह है कि भारत में गणतंत्र दिवस परेड में यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधियों को कितनी बार आमंत्रित किया गया है? इसका उत्तर जानने के लिए हमें इतिहास के पन्नों को पलटना होगा।
अब तक, यूनाइटेड किंगडम के पांच प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों ने गणतंत्र दिवस परेड की शोभा बढ़ाई है। इनमें से प्रत्येक उपस्थिति भारत-ब्रिटेन के ऐतिहासिक और कूटनीतिक संबंधों का प्रतीक रही है। इस ब्लॉग में हम आपको उन पांच अवसरों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जब यूके के प्रतिनिधि इस विशेष आयोजन का हिस्सा बने।
वर्ष | प्रतिनिधि |
1956 | आर ए बटलर (एक्सचेकर के काउंसलर) |
1959 | प्रिंस फिलिप (एडिनबर्ग के ड्यूक) |
1961 | क्वीन एलिज़ाबेथ द्वितीय |
1964 | लॉर्ड लुइस माउंटबेटन (चीफ ऑफ द डिफेंस स्टाफ) |
1993 | जॉन मेजर (पूर्व प्रधानमंत्री) |
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1956: आर. ए. बटलर
भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1956 में पहली बार यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधि आर. ए. बटलर (एक्सचेकर के काउंसलर) गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए। यह भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ते कूटनीतिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण संकेत था।
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1959: प्रिंस फिलिप
1959 में ब्रिटिश शाही परिवार के सदस्य प्रिंस फिलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक, ने मुख्य अतिथि के रूप में भारत का दौरा किया। उनकी उपस्थिति ने दोनों देशों के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत किया।
1961: क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय
1961 का गणतंत्र दिवस ऐतिहासिक था, जब यूनाइटेड किंगडम की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने राजपथ की परेड में हिस्सा लिया। उनकी उपस्थिति भारत और ब्रिटेन के संबंधों का एक विशेष प्रतीक बनी।
1964: लॉर्ड लुइस माउंटबेटन
1964 में लॉर्ड लुइस माउंटबेटन, जो भारत के आखिरी वायसराय और पहले गवर्नर-जनरल थे, ने गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया। माउंटबेटन ब्रिटिश सेना के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भी रह चुके थे। उन्होंने 1959 से 1965 तक ब्रिटिश सशस्त्र बलों का नेतृत्व किया। उनकी उपस्थिति भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके ऐतिहासिक योगदान और दोनों देशों के संबंधों को दर्शाती है।
1993: जॉन मेजर
1993 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन मेजर ने गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उनके दौरे ने दोनों देशों के राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को गहरा किया।
2021 का निमंत्रण
2021 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को भी गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया गया था। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण वे परेड में शामिल नहीं हो सके।
भारत-ब्रिटेन के ऐतिहासिक संबंधों की झलक: गणतंत्र दिवस परेड में यूके की भागीदारी
“भारत में गणतंत्र दिवस परेड में यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधियों को कितनी बार आमंत्रित किया गया है?” इसका उत्तर पांच बार है। ये अवसर भारत और ब्रिटेन के बीच गहरे ऐतिहासिक और कूटनीतिक संबंधों को दर्शाते हैं। हर बार की उपस्थिति ने दोनों देशों की साझेदारी और मित्रता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। यूके के प्रतिनिधियों की भागीदारी भारत-ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाती है। 1956 से 1993 तक, इन प्रतिनिधियों ने न केवल दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाया। यूनाइटेड किंगडम की गणतंत्र दिवस पर मौजूदगी यह साबित करती है कि भारतीय गणराज्य केवल राष्ट्रीयता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मित्रता का एक पुल भी है।
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कैसे किया जाता है गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट का चयन
भारत में हर साल गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चयन एक महत्वपूर्ण और सोच-समझकर किया जाता है। यह प्रक्रिया भारतीय अधिकारियों द्वारा लगभग छह महीने पहले शुरू होती है, और इसमें कई बातों का ध्यान रखा जाता है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पूर्व एंबेसडर मानबीर सिंह ने बताया कि मुख्य अतिथि का चयन करते समय सबसे पहले इस बात पर गौर किया जाता है कि उस देश के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध कैसे रहे हैं। इसके अलावा, उस देश की सैन्य, राजनीति और आर्थिक स्थिति का भारत से क्या संबंध है, यह भी महत्वपूर्ण कारक होता है। सभी पहलुओं पर सोच-विचार करने के बाद, अंतिम फैसला विदेश मंत्रालय करता है।
यह प्रक्रिया दिखाती है कि गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चुनाव केवल एक सम्मान नहीं होता, बल्कि यह भारत और अन्य देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए एक सोचा-समझा कदम होता है। यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधियों का चयन भी इस प्रक्रिया का हिस्सा है, जो दोनों देशों के संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
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आशा है, इस ब्लाॅग में आपको भारत में गणतंत्र दिवस परेड में यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधियों को कितनी बार आमंत्रित किया गया है के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य जीके या ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।