केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त नेशनल स्टीयरिंग कमिटी ने 28 जून को स्कूली शिक्षा के लिए नए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) को अंतिम रूप दे दिया है। मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि अप्रैल में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी NCF के ड्राफ्ट में दिए गए अधिकांश सुझाव अंतिम फ्रेमवर्क में रहेंगे, जो अगले कुछ दिनों में जारी होने की संभावना है।
जारी किए गए NCF के ड्राफ्ट में स्कूल शिक्षा प्रणाली में कई बदलावों का सुझाव दिया गया था। इसमें कक्षा 11 और 12 के लिए मॉड्यूलर परीक्षाएं शामिल थीं, कक्षा 12 के लिए सेमेस्टर सिस्टम की शुरूआत करने का विचार भी शामिल था।
समिति ने बैठक की और स्कूली शिक्षा के लिए NCF को अंतिम रूप दिया। अधिकारी ने कहा कि कक्षा 11 और 12 के लिए भारतीय भाषाओं को सीखना अनिवार्य करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
सेमेस्टर सिस्टम को लेकर NCF ड्राफ्ट में कहा गया था कि माध्यमिक चरण के इस चरण को सेमेस्टर में विभाजित किया जाएगा और सिलेबस एक सेमेस्टर के लिए होगा। स्टूडेंट्स को 12वीं कक्षा पूरी करने के लिए 16 च्वाइस-बेस्ड कोर्सेज पूरे करने होंगे।
यह भी पढ़ें- NEP 2020 में NCF के तहत बढ़ेगा देश के सभी IIT की शिक्षा का स्तर
क्या है नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क?
NCF (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क) न्यू एजुकेशनल पाॅलिसी 2020 के एग्ज़िक्यूशन का एक हिस्सा है। यह प्राइमरी एजुकेशन (3 से 8 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए) के लिए अक्टूबर 2022 में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा शुरू किया गया था।
इस एकेडमिक सेशन से लागू होंगे सुझाव
NCF में बदलावों को लेकर नई सिफारिशें देने का काम सेंट्रल गवर्मेंट द्वारा नियुक्त 12 सदस्यीय पैनल ने किया। इस पैनल के चेयरमैन ISRO के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन हैं। इस समिति ने NCF को लेकर कई सुझाव दिए हैं, जो इस एकेडमिक सेशन से लागू होंगे।
NCF के 5 भाग हैं
NCF (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क) के 5 भाग इस प्रकार हैं:
- शारीरिक विकास
- जीवन ऊर्जा का विकास
- भावनात्मक और मानसिक विकास
- बौद्धिक विकास
- आध्यात्मिक विकास
इसी और अन्य प्रकार की Leverage Edu न्यूज़ अपडेट्स के साथ बने रहिए।