संधि, हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है।
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Suryoday ka Sandhi Viched क्या है?
इस लेख में हम जानेंगे कि सूर्योदय का संधि विच्छेद क्या होगा। तो आईये आपको बताते हैं कि सूर्योदय का संधि विच्छेद होगा ‘सूर्य + उदय।‘। सूर्योदय शब्द में गुण स्वर संधि लागू होती है।
गुण संधि
यदि ‘अ’ या ‘आ’ के साथ इ/ई आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ बनता है। इस प्रकार से बनने वाले शब्दों को गुण संधि कहा जाता है।
इस संधि के 3 रूप होते हैं जो कि निम्नलिखित है-
- जब अ,आ के साथ इ, ई हो तो “ए” बनता है।
- जब अ,आ के साथ उ,ऊ हो तो “ओ” बनता है।
- जब अ,आ के साथ ऋ हो तो” अर” बनता है।
उदाहरण
- नर + इंद्र = नरेंद्र
- उप + ईक्षा = उपेक्षा
- महा + ईश = महेश
- ज्ञान + उदय = ज्ञानोदय
सूर्योदय से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
सूर्योदय से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- हम जयपुर के लिए सूर्योदय से पहले ही निकल गए।
- सूर्योदय होने के बाद प्राकृतिक दृश्य बड़ा ही सुहावना लग रहा था।
- सूर्योदय शब्द का पर्यायवाची क्या है?
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