Songs For Children’s Day in Hindi: गीत ही समाज की चेतना को जगाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, गीतों के माध्यम से ही समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन की गाथाओं को गाया जाता है। गीतों के माध्यम से ही मानव तनाव मुक्त होकर जीवन को सादगी और उत्साह के साथ जीना सीख पाता है। इसी प्रकार से बाल दिवस पर कुछ ऐसे अमर गीत लिखे जा चुके हैं, जिनकी धुन और शब्दों के धागों में बचपन के किस्सों को पिरोया जाता है। बता दें कि बाल दिवस के अवसर पर कुछ शानदार गीतों के माध्यम से आप इस दिन को खास अंदाज़ में मना पाएंगे। इस ब्लॉग में आप बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीत (Songs For Children’s Day in Hindi) पढ़ पाएंगे, जो आपकी बचपन की यादों को तरोताजा कर देंगी।
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कब है बाल दिवस?
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से अत्यंत स्नेह होने के कारण, हर वर्ष 14 नवंबर को उनके जन्मदिन की तिथि पर बाल दिवस मनाया जाता है। बाल दिवस के रूप में पंडित नेहरू के जन्मदिन को चुनने का विचार, वर्ष 1950 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा दिया गया था। यह विचार इतना लोकप्रिय हुआ कि वर्ष 1954 को पहली बार “बाल दिवस” बनाया गया और तभी से हर वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी पूरे देश में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाएगा, जिसका उद्देश्य बच्चों की अच्छी देखरेख और शिक्षा हेतु समाज को प्रेरित करना होता है।
बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीत – Songs For Children’s Day in Hindi
बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीत (Songs For Children’s Day in Hindi) के माध्यम से आप बचपन और बाल दिवस पर आधारित बच्चों पर लिखे गीत पढ़ पाएंगे, ये गीत आपको आपके बचपन से परिचित करवाएंगे। इस ब्लॉग में लिखे गीत आज अमर हो गए हैं क्योंकि उन गीतों के शब्दों ने बच्चों के बचपन की वकालत की है, ऐसे ही कुछ गीत निम्नलिखित हैं;-
- बच्चे मन के सच्चे, बच्चे तन के सच्चे
- बचपन की यादें हैं अनमोल
- हम भी अगर बच्चे होते
- लल्ला-लल्ला लोरी
- रोना कभी नहीं रोना
- चक्के पे चक्का, चक्के पे गाड़ी
- चुन-चुन करती आई चिड़िया
- काबुलीवाला-काबुलीवाला
- चन्दा है तू, मेरा सूरज है तू
- सा रे के सा रे, गा मा को ले कर गाते चले
लकड़ी की काठी
यह गीत मासूम फिल्म का गीत है, जो कि गुलज़ार साहब द्वारा लिखा गया गीत है। Songs For Children’s Day in Hindi के माध्यम से इस गीत के बोल निम्नलिखित हैं-
लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा घोड़ा पहुंचा चौक में चौक में था नाई घोड़ेजी की नाई ने हज़ामत जो बनाई चग-बग चग-बग चग-बग चग-बग घोड़ा पहुंचा चौक ... दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा घोड़ा था घमंडी पहुंचा सब्जी मंडी सब्जी मंडी बरफ़ पड़ी थी बरफ़ में लग गई ठंडी चग-बग चग-बग चग-बग चग-बग घोड़ा था घमंडी ... दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा घोड़ा अपना तगड़ा है देखो कितनी चरबी है चलता है महरौली में पर घोड़ा अपना अरबी है चग-बग चग-बग चग-बग चग-बग घोड़ा अपना तगड़ा है ... बांह छूड़ा के दौड़ा घोड़ा दुम उठा के डौड़ा लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी
यह गीत बूट पॉलिश फिल्म का गीत है, जो कि गीतकार शैलेन्द्र द्वारा लिखा गया गीत है। Songs For Children’s Day in Hindi के माध्यम से इस गीत के बोल निम्नलिखित हैं-
नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है मुट्ठी में है तकदीर हमारी हमने किस्मत को बस में किया है भोली-भाली मतवाली आँखों में क्या है आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली आने वाली दुनिया का सपना सजा है नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी... भीख में जो मोती मिले लोगे या न लोगे ज़िन्दगी के आँसुओं का बोलो क्या करोगे भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे ज़िन्दगी के आँसुओं की माला पहनेंगे मुश्किलों से लड़ते-फिरते जीने में मज़ा है नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी... हमसे न छुपाओ बच्चों हमें तो बताओ आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओ आने वाली दुनिया में सबके सर पे ताज होगा न भूखों की भीड़ होगी, न दुखों का राज होगा बदलेगा ज़माना ये सितारों पे लिखा है नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी...
नन्हा-मुन्ना राही हूं
यह गीत ‘सन ऑफ़ इण्डिया’ फिल्म का गीत है, जो कि गीतकार शकील बदायुनी द्वारा लिखा गया गीत है। Songs For Children’s Day in Hindi के माध्यम से इस गीत के बोल निम्नलिखित हैं-
नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग, जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद ... रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम आगे ही आगे बढ़ाउंगा कदम दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थम! नन्हा ... धूप में पसीना बहाउंगा जहाँ हरे-भरे खेत लहराएंगे वहाँ धरती पे फ़ाके न पाएंगे जनम आगे ही आगे ... नया है ज़माना मेरी नई है डगर देश को बनाउंगा मशीनों का नगर भारत किसी से न रहेगा कम आगे ही आगे ... बड़ा हो के देश का सितारा बनूंगा दुनिया की आँखों का तारा बनूंगा रखूँगा ऊंचा तिरंगा हरदम आगे ही आगे ... शांति कि नगरी है मेरा ये वतन सबको सिखाऊंगा प्यार का चलन दुनिया में गिरने न दूंगा कहीं बम आगे ही आगे ...
चन्दा मामा दूर के
यह गीत ‘वचन’ फिल्म का गीत है, जो कि गीतकार रवी द्वारा लिखा गया गीत है। Songs For Children’s Day in Hindi के माध्यम से इस गीत के बोल निम्नलिखित हैं-
चंदामामा दूर के, पुए पकाएं बूर के आप खाएं थाली में, मुन्ने को दें प्याली में प्याली गई टूट मुन्ना गया रूठ लाएंगे नई प्यालियाँ बजा बजा के तालियाँ मुन्ने को मनाएंगे हम दूध मलाई खाएंगे, चंदामामा ... उड़नखटोले बैठ के मुन्ना चंदा के घर जाएगा तारों के संग आँख मिचौली खेल के दिल बहलाएगा खेल कूद से जब मेरे मुन्ने का दिल भर जाएगा ठुमक ठुमक मेरा मुन्ना वापस घर को आएगा, चंदामामा ...
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिन्दुस्तान की
यह गीत ‘जागृति’ फिल्म का गीत है, जो कि गीतकार प्रदीप द्वारा लिखा गया गीत है। Songs For Children’s Day in Hindi के माध्यम से इस गीत के बोल निम्नलिखित हैं-
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम ... उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है बाट-बाट पे हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की, इस मिट्टी से ... ये है अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे बोल रही है कण कण से कुरबानी राजस्थान की देखो मुल्क मराठों का ये यहाँ शिवाजी डोला था मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था हर पावत पे आग लगी थी हर पत्थर एक शोला था बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था यहाँ शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की इस मिट्टी से ... जलियाँ वाला बाग ये देखो यहाँ चली थी गोलियाँ ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियाँ एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियाँ मरनेवाले बोल रहे थे इनक़लाब की बोलियाँ यहाँ लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की इस मिट्टी से ... ये देखो बंगाल यहाँ का हर चप्पा हरियाला है यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की इस मिट्टी से ...
इचक दाना, बिचक दाना
यह गीत ‘श्री 420’ फिल्म का गीत है, जो कि गीतकार हसरत जयपुरी द्वारा लिखा गया गीत है। Songs For Children’s Day in Hindi के माध्यम से इस गीत के बोल निम्नलिखित हैं-
ईचक दाना बीचक दाना दाने ऊपर दाना, ईचक दाना छज्जे ऊपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, ईचक दाना एक जानवर ऐसा जिसके दुम पर पैसा सर पे भी ताज है बादशाह के जैसा ओ~ बादल देखे छम-छम नाचे अल्बेला मसताना, ईचक दान बोलो क्या? मोर ईचक दाना, बीचक दाना ... हरी थी मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी राजा जी के बाग़ में दुशाला ओढ़े खड़ी थी ओ~ कच्चे-पक्के बाल हैं उसके मुखड़ा है सुहाना, ईचक दाना बोलो क्या? बुड्ढी भुट्टा छोटी सी छोकरी लाल्बाई नाम है पहने वो घाघरा एक पैसा दाम है ओ~ मुँह में सबके आग लगाये आता है रुलाना, ईचक दाना बोलो क्या? बोलो न मिचर्ई ईचक दाना बीचक दाना दाने ऊपर दाना, ईचक दाना छज्जे ऊपर लड़की नाचे, लड़का है दीवाना, ईचक दाना चालें वो चलकर दिल में समाया आ ही गया वो, किया है सफ़ाया तुम भी देखो बचकर रहना चक्कर में न आना, ईचक दाना ग़म? धत! हम!
तारे ज़मीन पर
यह गीत ‘तारे ज़मीन पर’ फिल्म का गीत है, जो कि गीतकार प्रसून जोशी द्वारा लिखा गया गीत है। बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीतों (Songs For Children’s Day in Hindi) में से एक गीत ये भी है, जिसके बोल निम्नलिखित हैं-
देखो इन्हें ये हैं ओस की बूँदें पत्तों की गोद में आसमां से कूदे अंगड़ाई लें फिर करवट बदल कर नाज़ुक से मोती हंस दे फिसल कर खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर ये तो हैं सर्दी में धूप की किरणें उतरें जो आँगन को सुनहरा सा करने मन के अंधेरो को रोशन सा कर दें ठिठुरती हथेली की रंगत बदल दें खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर जैसे आँखों की डिबिया में निंदिया और निंदिया में मीठा सा सपना और सपने में मिल जाए फरिश्ता सा कोई जैसे रंगों भरी पिचकारी जैसे तितलियाँ फूलों की क्यारी जैसे बिना मतलब का प्यारा रिश्ता हो कोई ये तो आशा की लहर हैं ये तो उम्मीद की सहर हैं खुशियों की नहर हैं खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर देखो रातों के सीने पे ये तो झिलमिल किसी लौ से उगे हैं ये तो अंबियो की खुश्बू हैं बागों से बह चले जैसे काँच में चूड़ी के टुकड़े जैसे खिले खिले फूलों के मुखड़े जैसे बंसी कोई बजाए पेड़ों के तले ये तो झोंके हैं पवन के हैं ये घुंघरू जीवन के ये तो सुर हैं चमन के खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर मुहल्ले की रौनक गलियाँ हैं जैसे खिलने की ज़िद पर कलियाँ हैं जैसे मुट्ठी में मौसम की जैसे हवायें ये हैं बुज़ुर्गों के दिल की दुआएं खो ना जाएँ ये तारे ज़मीं पर कभी बातें जैसे दादी नानी कभी चले जैसे मम मम पानी कभी बन जाएँ भोले सवालों की झड़ी सन्नाटे में हँसी के जैसे सूने होठों पे खुशी के जैसे ये तो नूर हैं बरसे गर तेरी किस्मत हो बड़ी जैसे झील में लहराए चंदा जैसे भीड़ में अपने का कंधा जैसे मनमौजी नदिया झाग उड़ाए कुछ कहे जैसे बैठे बैठे मीठी सी झपकी जैसे प्यार की धीमी सी थपकी जैसे कानों में सरगम हरदम बजती ही रहे जैसे बरखा उडाती है निंदिया खो ना जाएँ ये, खो ना जाएँ ये खो ना जाएँ ये, खो ना जाएँ ये खो ना जाएँ ये, खो ना जाएँ ये
बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीतों का महत्व
बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीतों के महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है,
- बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीत आपको बचपन की अच्छी यादों को सहजकर रखने में और उन यादों को फिर से जीने के लिए प्रेरित करेंगे।
- बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीत आप में सकारात्मकता का संचार करेंगे, साथ ही आपको खुश रहना सिखाएंगे।
- बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीत आपको जीवन भर प्रेरित करने का काम करेंगे, साथ ही इन गानों से आप अपने जीवन के सुनहरे लम्हों को फिर से जी पाएंगे।
- बाल दिवस के लिए लोकप्रिय गीत आपके भीतर के बच्चे को हमेशा जीवित रखने का प्रयास करेंगे, साथ ही इनसे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
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