नारा लेखन हिंदी ग्रामर का अभिन्न अंग है। नारा लेखन सिर्फ हिंदी ग्रामर का ही नहीं बल्कि कई वर्षों से इंसानी जीवन का अभिन्न अंग भी रहा है। इसका प्रयोग अपनी बात सुनाने/कहने के लिए किया जाता रहा है। यह बहुत ही प्रभावशाली और क्रांतिकारी भी होता है। Slogan Writing in Hindi के बारे में नीचे महत्वपूर्ण सभी जानकारी उनके उदाहरण के साथ दी गई है। आइए Slogan Writing in Hindi क्या होता है इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
This Blog Includes:
- नारा लेखन क्या है?
- नारा लेखन में नारा क्या होता है?
- नारा लेखन किसे कहते हैं?
- नवीं कक्षा के लिए नारा लेखन के प्रश्न
- नारे किन विषयों पर लिख सकते हैं?
- नारों के प्रकार
- नारे/स्लोगन की विशेषताएं
- स्वतंत्रता आंदोलन के समय नारों की अहम भूमिका
- नारा लेखन का उद्देश्य
- नारा लेखन के फॉर्मेट
- नारा लेखन से फायदे
- कोरोना वायरस पर नारा लेखन
- समय पर नारा लेखन
- पर्यावरण पर स्लोगन
- FAQs
नारा लेखन क्या है?
हिंदी में उद्दोष, नीति वचन, प्रचार वाक्य, आह्वान वाक्य, सिद्धांत वाक्य नारे को भी कहा जाता है। जोर आवाज में शब्द, तेजी आवाज में ,बुलंद की जाने वाली सामूहिक या एकल आवाज, नारे कहा जाता है। व्यवहारिक परिचय में देखा जाए तो यह एक पुलिंग और संज्ञा है।
नारा लेखन में नारा क्या होता है?
नारा विभिन्न विषयों से संबंधित, समाज के किसी वस्तु की विशेषताओं को स्थापित, सार्थक, संक्षिप्त एवं प्रेरणादायक वाक्य को नारा या स्लोगन कहा जाता है। यह एक ऐसा वाक्य या शब्द है जो समूह के लोगों की जुबान पर चढ़ जाता है और लोगों को प्रेरित करने की क्षमता रखता है। इसकी हर एक शब्द में शक्ति होती है जो मन को अचूक प्रभाव डालती है जिससे मनुष्य के हृदय में जनमानस छा जाता है।
नारा लेखन किसे कहते हैं?
पक्ष, दल के उद्देश्य को अभिव्यक्त करने के लिए लयबंद, प्रेरणादायक, ऊर्जावान, विशेषता बताने वाले और तुकांत युक्त आदर्श विचार, लोगों को आकर्षित करने के लिए जो लिखा जाता है या बोल बोले जाते हैं, उसे नारा लेखन कहा जाता है। नारा लेखन में किसी सूक्ष्म सिद्धांत तत्व को अत्यंत सरल एवं सहज बना कर आम जनता को जोड़ने के लिए लिखा जाता है।नारा लेखन की बातें नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह से प्रभाव डालता है। राजनीतिक, धार्मिक, वाणी से विचार या उद्देश्य को बराबर अभिव्यक्त करने के लिए यादगार एवं आदर्श, वाक्य नारा लेखन उपयोग होते हैं।
नवीं कक्षा के लिए नारा लेखन के प्रश्न
नारा लेखन ज्यादातर 9वीं कक्षा में पूछे जाने वाला प्रश्न है इसके साथ-साथ नारा लेखन कई प्रतियोगी परीक्षा में पूछा जाता है और लेखन पर पूछे जाते हैं जो नीचे दिए गए हैं-
- नारा लेखन का प्रश्न लेखन विभाग में पूछा जाता है।
- नारा लेखन का प्रश्न 5 अंकों के लिए पूछा जाता है।
- यह प्रश्न में आपको विकल्प दिया जाता है और अपनी इच्छा से कोई भी एक विकल्प चुनकर नारा लेखन लिखना होता है।
- नारा लेखन में शब्दों की सीमा सीमित रखी जाती है उसमें केवल 20-30 शब्दों का उल्लेख कर सकता है।
नारे किन विषयों पर लिख सकते हैं?
नारे कई प्रकार के होते हैं, जिनपर लिखा जा सकता है, जैसे कि-
- सामाजिक
- धार्मिक
- राजनैतिक
- उत्साहदायक
- व्यवसायिक आध्यात्मिक
- प्रेरकात्मक नारे
- पर्यावरण
- प्रदूषण
- कोरोना वायरस
- भूखमरी
- गरीबी
- बेरोजगारी
नारों के प्रकार
नारा लेखन में तरह तरह के विषयों पर नारे पूछे जाते हैंनारों के प्रकार कुछ इस प्रकार है जो नीचे दिए गए हैं-
- सामाजिक
- धार्मिक
- उत्सव दायक
- राजनीतिक
- आध्यात्मिक
- व्यवसायिक
- प्रेरणात्मक
अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग उद्देश्य से अलग-अलग नारे लिखे जाते हैं।
नारे/स्लोगन की विशेषताएं
Slogan Writing in Hindi की विशेषताएं नीचे दी गई हैं-
- नारा काफी आम होना चाहिए जो सीधे लोगों को जोड़ सके।
- नारा अगर तुक व लय के साथ लिखा गया हो तो, बहुत प्रभावशाली होता है।
- नारों में सरल, लोकप्रिय शब्दों का प्रयोग होना चाहिए। जिससे नारा लोगों को सही से समझ आता है।
- स्लोगन या नारा बहुत ही संक्षिप्त और प्रभावशाली होना चाहिए। क्योंकि नारा जितना संक्षिप्त और प्रभावशाली होगा उतना ही प्रसिद्ध होगा।
- स्लोगन गंभीर अर्थ वाला होना चाहिए।
- नारे की शब्द सीमा अधिकतम 10-12 शब्दों की होनी चाहिए।
- नारों में विषय विशेषता का वर्णन सटीक होना चाहिए।
- नारे में हमेशा एक आदर्श संदेश होना चाहिए, जो लोगों को प्रेरित व जागृत कर सके।
- मौलिकता, रचनात्मकता व आकर्षक शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। यह नारे को प्रभावशाली बनाने में सहायक होते हैं।
- नारों को लिखते हुए शब्दों का उचित चयन व आपसी तालमेल आवश्यक है।
- नारों को लिखते हुए पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग किया जा सकता हैं।
- नारा एक से दो पंक्ति का हो सकता है।
स्वतंत्रता आंदोलन के समय नारों की अहम भूमिका
भारत समेत विश्व में नारा कहीं भी नया नहीं है। भारत में नारा का अपना एक पूरा इतिहास है, प्राचीन काल से ही नारों का विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है।लोगों को प्रेरित करने की क्षमता रखने के लिए और विश्व के सभी देशों में अलग-अलग उद्देश्य से नारा लिखा और बोला जाता है। आजादी के समय हमारे देश में बहुत सारे नारे प्रचलित हुए थे जिससे भारतीयों के लोगों में गहरा प्रभाव हुआ था। जैसे-
नारे | किन के द्वारा कहे गए |
करो या मरो | महात्मा गांधी |
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा | सुभाष चंद्र बोस |
वंदे मातरम | बकीम चंद्र चटर्जी |
जय हिंद | सुभाष चंद्र बोस |
स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा | बाल गंगाधर तिलक |
इंकलाब जिंदाबाद | भगत सिंह |
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है | राम प्रसाद बिस्मिल |
आराम हराम है | जवाहरलाल नेहरू |
जय जवान जय किसान | लाल बहादुर शास्त्री |
इसी तरह के कई सारे नारे, स्वतंत्रता आंदोलन के समय इतिहास बना गए थे। इन नारों ने हथियार से भी ज्यादा तीखा प्रहार किया था।
नारा लेखन का उद्देश्य
नीचे दिए गए निम्नलिखित वाक्य नारा लेखन के उद्देश्य हो सकता है-
- किसी व्यक्ति, सामाजिक, राजनीतिक संस्था या अन्य अभियान के लोगों का ध्यान खींचने के लिए नारा लेखन लिखा जाता है।
- समाज को एक आदर्श संदेश देने के लिए नारा लेखन लिखा जाता है।
- लोगों को किसी भी कार्य को विशेष प्रेरित करने के लिए नारा लेखन लिखा जाता है।
- सामाजिक अभिव्यक्ति को प्रकट करने के लिए नारा लेखन लिखा जाता है।
- समाज के लोगों को किसी उद्देश्य को प्रेरित या जागृत करने के लिए नारा लेखन लिखा जाता है।
जैसे-
- जल ही जीवन है!
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ!
- आत्म निर्भर भारत, समर्थ भारत!
- पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ!
- पेड़ लगाए धरती बचाए!
- पेड़ लगाए पर्यावरण बचाए!
Slogan Writing in Hindi के इस ब्लॉग में यह नारा पानी को बचाने के लिए और लोगों को जागरूक करने के लिए उद्देश्य से लिखा गया है।
नारा लेखन के फॉर्मेट
नारा लेखन के फॉर्मेट नीचे दिए गए हैं-
- नारा ऐसा होना चाहिए जो सीधा मनुष्य के दिलों में उतर जाए।
- नारा अच्छे दिखने के लिए उसे हमेशा तुक वह लय में लिखा जाना चाहिए।
- नारा हमेशा सरल प्रचलित और लोकप्रिय शब्दों में लिखा जाना चाहिए।
- नारे के शब्द सरल होनी चाहिए ताकि लोगों के जुबान पर जल्दी आ जाए।
- स्लोगन बहुत ही प्रभावशाली और संक्षिप्त होना चाहिए।
- 12-14 शब्दों की सीमा नारे की होनी चाहिए।
- नारे का उद्देश्य लोगों को प्रेरित और जागृत और आदेश संदेश फैलाने के लिए होना चाहिए।
- नारे में विषय की विशेषता का वर्णन सटीक में होना चाहिए।
- आकर्षक ,रचनात्मक मौलिकता और आकर्षक शब्दों का प्रयोग होना चाहिए।
- शब्दों का आपस में तालमेल और उचित चयन होना बहुत ही आवश्यक है।
- नारा लेखन में पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है।
- नारा एक या दो पंक्ति का होना चाहिए!
जैसे-
- जल है तो जीवन है!
- जल है तो कल है!
जैसे-
- “प्रकृति का ना करें हरण,
आओ मिलकर बचाएं पर्यावरण” - “देश को आगे बढ़ाना है,
निरक्षर को साक्षर बनाना है”
नारा लेखन से फायदे
Slogan Writing in Hindi के फायदे नीचे नीचे दिए गए हैं-
- नारा लेखन की शक्ति अचूक होती है जो मनुष्य के रहते हैं पर सीधा प्रभाव डालती है।
- नारा लेखन लोगों को प्रेरित करता है और जोर-जोर से बार-बार दोहराया जाता है, जिससे लोगों के मन पर और दिल पर जल्दी असर होता है।
- नारा लेखन के माध्यम बहुत कम शब्दों में अपने भावों को लिखा जाता है, ताकि वह जन-जन तक पहुंचा जा सके।
- नारा लेखन समाज में परिवर्तन के क्षमता और बहुत तीव्र असर करते हैं।
- नारा लेखन में लिखे गए नारों का प्रयोग हम हथियार के रूप में कर सकते हैं।
कोरोना वायरस पर नारा लेखन
कोरोना वायरस पर नारा लेखन के आईडिया इस प्रकार हैं:
- जीवन का यही है नारा
सुरक्षा भरा हो परिवार हमारा - कार्य में बरतो सुरक्षा
तो होगी हमारी सुरक्षा - हो धरती पर अगर जीवन को बढ़ाना
तो सुरक्षा के नियमो को अपनाना - सुरक्षित कार्य है कर्त्तव्य हमारा
सुरक्षित जीवन से जुड़ा है परिवार हमारा
समय पर नारा लेखन
समय पर नारा लेखन नीचे दिए गए हैं-
- समय फिरने पर मित्र भी शत्रु हो जाता है!
- समय बड़ा है बलवान अच्छे-अच्छे को बना दे पहलवान!
- जिसने समय को ना पहचाना उसने खुद को कभी ना जाना!
- समय और ज्वार किसी का इंतजार नहीं करते!
- समय का आईना कभी झूठ नहीं बोलता!
- समय सभी का सम्मान है एक गरीब तो एक महान है!
- समय का मान करो अपने जीवन का सम्मान करो!
- समय हमेशा कड़ी मेहनत करने वालों का मित्र रहा है
- बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता!
- भक्त धीरे धीरे से ही सही लेकिन बदलता जरूर है!
अपने सपनों की उड़ान,
आप जरूर भर पाएंगे।
यदि आप हम पर विश्वास जताऐंगे,
हम Leverage Edu आपको कामयाबी दिलाएंगे।
पर्यावरण पर स्लोगन
पर्यावरण पर स्लोगन नीचे दिए गए हैं-
- “प्रकृति का न करे हरण, आओ बचाये पर्यावरण।
- पर्यावरण का रखे ध्यान, तभी बनेगा देश महान।
- “पर्यावरण रक्षा करना है कर्त्तव्य हमारा, और सिर्फ यही है नारा हमारा।
- अपने पर्यावरण को मिलकर स्वच्छ बनाएं, आओ सभी पेड़-पौधे लगाएं।
- “पर्यावरण के लिए पेड़ लगाओ, देश बचाओ, दुनिया बचाओ।
- पर्यावरण की हो सुरक्षा, जिससे बढ़कर नहीं तपस्या।
- “अब बोलेगी चिड़िया डाली-डाली, पहले फैलाओ चारों तरफ हरियाली।
- जब प्रदुषण पर होगा नियंत्रण, तभी बचेगा हमारा पर्यावरण।
- “पर्यावरण की करो रक्षा, बच्चो को पहले ये शिक्षा।
- स्कूल-स्कूल ये पाठ पढाये, पर्यावरण की रक्षा कराये।
- “जन-जन को अब होश में लाना है, पर्यावरण को अब हमें बचाना है।
- जो करे पर्यावरण का सम्मान, वही है सच्चा इंसान।
FAQs
स्लोगन की समय-सीमा अधिकतम 10-12 शब्दों की होनी चाहिए।
नारा सामूहिक आवाज आवाज़ होती है। किसी माँग की और ध्यान दिलाने या प्रसन्नता और उत्साह व्यक्त करने के लिये बार बार बुलंद की जानेवाली सामूहिक आवाज को नारा कहते हैं।
नारा-लेखन करते समय लयात्मक शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए। लयबद्ध तथा तुकांत शब्दों का चयन नारा लेखन को प्रभावी एवं आकर्षक बनाने में सक्षम होता है।
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-
Slogan writing on Hindi Language , prepare it
-
Very nice
Love from Tripura-
आपका बहुत बहुत आभार
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5 comments
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Very nice
Love from Tripura
आपका बहुत बहुत आभार
THANK YOU SO MUCH FOR SUCH NICE AND INFORMATIVE CONTENT. VERY HELPFULL FOR THE STUDENTS AND TEACHERS TO UNDERSTAND THE CONCEPT.
आपका बहुत-बहुत आभार, ऐसे ही आप हमारे ब्लॉग्स पढ़ते रहिए।