भारत सरकार देश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयास में लगी हुई है। इसी क्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देश में AI पर रिसर्च करने के लिए सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना करने के लिए प्रस्ताव मांगे थे। आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। इसलिए शिक्षा मंत्रालय विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च करने के लिए देश में सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना करना चाहता है, ताकि AI विषय को स्कूल और कॉलेज की शिक्षा में जोड़ा जा सके। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय को अलग अलग क्षेत्रों से कुल 55 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
इन क्षेत्रों के लिए मिले प्रस्ताव
शिक्षा मंत्रालय को AI के क्षेत्र में सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस को स्थापित करने के लिए कुल 55 प्रस्ताव मिले हैं। इसमें से प्रमुख क्षेत्र कृषि (16), स्वास्थ्य (24), और सुविधाजनक नगर आदि हैं।
इन क्षेत्रों पर दिया जाएगा विशेष ध्यान
मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन की तरफ से ओरल कैंसर, कार्डियोवस्कुलर रोग और खाद्य सुरक्षा के मामले में AI का लाभ उठाने से संबंधित पाठ्यक्रम उच्च शिक्षा में जोड़े जाने के फैसले पर विचार किया जा रहा है। यह भारत का इनोवेशन और आधुनिकता की तरफ बढ़ने के संकल्प का ही एक हिस्सा है।
AI के बारे में
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है- बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता (इंटेलेक्चुअल एबिलिटी)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह इंटेलीजेंट मशीनों, विशेष रूप से इंटेलीजेंट कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का साइंस और इंजीनियरिंग है अर्थात् यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस का एक सब-डिवीजन है और इसकी जड़ें पूरी तरह से कंप्यूटिंग सिस्टम पर आधारित हैं। AI का अंतिम लक्ष्य ऐसे उपकरणों का निर्माण करना है जो बुद्धिमानी से और स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें और ह्यूमन लेबर और मैनुअल काम को कम कर सकें।
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