शेयर मार्केट को लेकर अक्सर आम लोगों के मन में यह बात रहती है कि शेयर मार्केट बरमुडा ट्राएंगल की तरह है, जिसमें कोई इन्वेस्टमेंट करेगा तो वह उसमें ही अटक जाएगा। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है, शेयर बाजार के बारे में आपको सही नॉलेज आपको इसका बादशाह बना सकती है। शेयर मार्केट में ही स्टॉक एक्सचेंज आता है। वहीं भारत और दुनिया में कई सारे स्टॉक एक्सचेंज हैं जहां रोज़ भाव गिरता और चढ़ता है। Share market kya hai के इस ब्लॉग में आप जानेंगे इसके पीछे की तमाम जानकारी और सिर्फ यही नहीं आप इसमें अपना करियर भी बना सकते हैं। आइए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
This Blog Includes:
- शेयर मार्केट क्या होता है?
- शेयर बाजार के महत्व क्या-क्या हैं?
- शेयर्स कब खरीदने चाहिए?
- शेयर बाजार में पैसे कैसे लगाएं?
- सपोर्ट लेवल क्या होता है?
- रेज़िस्टेंस लेवल क्या होता है?
- सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल में अंतर
- क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट?
- सेंसेक्स क्या होता है?
- निफ़्टी क्या होता है?
- शेयर बाजार कैसे समझें?
- SEBI क्या होता है?
- क्या शेयर मार्केट क्रैश होता है?
- शेयर बाज़ार से जुड़े अहम टर्म्स
- शेयर मार्केट को समझने के लिए बेस्ट किताबें
- शेयर मार्केटिंग पढ़ने के लिए बेस्ट इंस्टिट्यूट और कोर्सेज
- शेयर बाजार में करियर और स्कोप
- विश्व के प्रमुख शेयर बाज़ार कौन-कौन से हैं?
- FAQs
शेयर मार्केट क्या होता है?
शेयर बाज़ार की स्थापना वर्ष 1875 में की गई थी। शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट एक ऐसी मार्केट है, जहाँ बहुत सी कंपनीज़ के शेयर्स ख़रीदे और बेचे जाते हैं। मार्केट के अनुसार कई चीज़ों में फेर बदल और उतार चढ़ाव के चलते शेयर्स के प्राइज़ भी घटते और बढ़ते हैं जिसके चलते यहां कुछ लोग या तो बहुत पैसा कमा लेते हैं या अपना सारा पैसा गवा देते हैं। किसी कंपनी का शेयर खरीदने का मतलब है आपका उस कंपनी में पार्टनर बन जाना। जिसके कारण उस कंपनी की ग्रोथ और उसका मुनाफा आपका मुनाफा होता है। इस मुनाफे नुकसान पर हर सेकंड नज़र रखी जाती है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमाने की तरकीब और कम से कम नुकसान की तरकीब लगाई जाती है।
शेयर मार्केट में आप जितना भी पैसा लगाएंगे या कहिए कि जितनें भी शेयर्स खरीदेंगे उसी के हिसाब से कुछ प्रतिशत के मालिक उस कंपनी के हो जाते हैं। हर कंपनी की अपनी एक मार्केट वैल्यू होती है जिसके अनुसार ही उनके शेयर्स की कीमत भी निर्धारित होती है। हालांकि यह हर समय बदलती है जिसकी वजह से ही किसी का फायदा हुआ या नुकसान कैलकुलेट किया जाता है। यह सारा काम और खरीदना बेचना एक नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है। टेक्नोलॉजी में बढ़ोतरी के कारण अब आप अपने घर बैठे भी शेयर्स की हल चल जान सकते हैं साथ ही शेयर्स की खरीद बेच बेहद आसानी से कर सकते हैं।
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शेयर बाजार के महत्व क्या-क्या हैं?
शेयर बाजार के महत्व नीचे दिए गए हैं-
- उद्देश्य और ऑपरेशन: कंपनियों के पास पैसे जुटाने के कुछ महत्वपूर्ण स्थान में शेयर मार्केट भी है। इसमें कंपनियां अपने कंपनी का कुछ हिस्सा शेयर बाजार में IPO जारी कर रखते हैं। इसमें हिस्सेदारी देने के बदले पैसे मिलते हैं। इन पैसों को कंपनियों को वापस लौटाने की जरूरत नहीं होती है और कंपनियां पैसों का उपयोग अपने तरक्की में ही करते हैं, न कि डेब्ट की रकम जमा करने में, जिसमें उन्हें वो पैसे तो देने ही होते हैं, पर साथ ही ब्याज भी देना होता है।
- दाम पर प्रभाव: शेयर मार्केट में किसी स्टॉक के दाम को शुरुआत में कंपनी तय करती है, जिसके बाद लोगों के द्वारा ट्रेड के द्वारा इसका दाम घटता और बढ़ता है। किसी स्टॉक का कितना दाम होना चाहिए, यह आमतौर पर कंपनी के भविष्य में होने वाले लाभ के आसार के साथ साथ उस देश की महंगाई, अर्थव्यवस्था पर भी निर्भर करती है।
- क्रैश: शेयर मार्केट में क्रैश उसके भाव में काफी तेजी से गिरावट होने को कहते हैं। इसका सबसे बड़े कुछ कारणों में कंपनी का निशारजानक प्रदर्शन और उसके भविष्य में नुकसान होने की आशंका आदि हैं।
शेयर्स कब खरीदने चाहिए?
शेयर्स खरीदने से पहले आपको इस मार्केट का और यहाँ के काम करने के तरीके का ज्ञान होना आवश्यक है। इस ज्ञान में मार्केट के काम करने के तरीके के साथ साथ यहाँ कैसे और कब इन्वेस्ट किया जाए और कैसी कंपनी में पैसे लगाना आपको मुनाफा दिलवा सकता है इस सबकी जानकारी शामिल है। जिससे आपको मुनाफा ना भी हुआ तो आप नुकसान से बच सकते हैं। जब आपको ये भरोसा हो जाए कि आप इस विषय में सटीक और बेहतर जानकारी हासिल कर चुके हैं तभी इसमें निवेश का कदम उठाएं।
शेयर बाजार में रिस्क का जोखिम भी है, इसलिए यहाँ तभी निवेश करना चाहिए जब आपकी आर्थिक स्तिथि ठीक हो जिससे भविष्य में होने वाले नुकसान से आपको ख़ास फर्क न पड़ें हालांकि ऐसा ज़रूरी नहीं की नुकसान होना निश्चित है। अगर आप सोच समझकर इन्वेस्ट करते हैं तो काफी प्रॉफिट कमा सकते हैं। जैसे जैसे आपका इस क्षेत्र में ज्ञान और एक्सपीरियंस बढ़ेगा वैसे वैसे आप धीरे धीरे अपने इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने का जोख़िम उठा सकते हैं। फील्ड का ज्ञान होने के साथ महत्वपूर्ण बातों की अगर बात की जाए तो ये स्किल होना भी अनिवार्य है कि आप कंपनी एनालिसिस बेहतर तरीके से कर पाएं जिससे कंपनी फ्रॉड है या नहीं ये जानने के साथ साथ आपको उसके प्रॉफिट लॉस की खबर रहे। कंपनी का ग्रोथ ग्राफ देखकर ही आप उसपर भरोसा कर पाएंगे और उसमें अपनी पूंजी लगाने का रिस्क उठा पाएंगे जोकि बेहद ज़रूरी है।
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शेयर बाजार में पैसे कैसे लगाएं?
Share market kya hai ये जानने के साथ साथ आपको बहुत सी चीज़ों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है यहां जानिए स्टेप बाय स्टेप।
ट्रेडिंग खाता खोलें
शेयर मार्केट में शेयर्स खरीदने के लिए आपको एक डीमैट अकाउंट बनाना पड़ता है। इसके दो तरीके होते हैं। आइए इन तरीको के बारे में विस्तार से जानते हैं-
पहला तरीका
आप एक ब्रोकर के पास जाकर एक डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। मूल रूप से डीमैट अकाउंट में हमारे शेयर के पैसे रखे जाते हैं। अगर आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो आपका डीमैट अकाउंट होना बहुत ही ज़रूरी है।
कंपनी को जब मुनाफा होगा तब अपने आप आपके खरीदे हुए शेयर्स की वैल्यू बढ़ेगी। उसी अनुसार अगर आप अपने शेयर्स बेचते हैं और उससे मिलने वाला अमाउंट चाहते हैं तो वो आपके डीमैट अकाउंट में ही आएगा। फिर अगर आप चाहे तो उस डीमैट अकाउंट से अपने सेविंग्स बैंक अकाउंट में धन राशी ट्रांसफर कर सकते हैं। यह डीमैट अकाउंट आपके सेविंग्स अकाउंट से जुड़ा होता है। डीमैट अकाउंट बनाने के लिए आपका किसी भी बैंक में एक सेविंग्स अकाउंट होना अनिवार्य है और सबूत के लिए आपको पैन कार्ड की कॉपी और एड्रेस प्रूफ की ज़रूरत पड़ेगी।
दूसरा तरीका
वैसे तो आप किसी भी बैंक में जाकर अपना डीमैट अकॉउंट खुलवा सकते हैं। लेकिन एक ब्रोकर द्वारा अपना अकाउंट खुलवाएंगे तो आपको ज्यादा फायदा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आपको ऐसे अच्छा समर्थन मिलेगा और दूसरा आपके निवेश के हिसाब से ही वो आपको अच्छी कंपनी सजेस्ट करते हैं जहाँ आप अपने पैसे लगा सकते हैं।
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सपोर्ट लेवल क्या होता है?
सपोर्ट लेवल, चार्ट पर दर्शाया जाने वाला वो प्राइस पॉइंट जहाँ ट्रेडर्स शेयर्स खरीदने के मामले में मैक्सिमम डिमांड की उम्मीद रखते हैं। जब भी किसी कंपनी के एसेट की कीमत गिरती है उसकी वापस उछाल की संभावना बढ़ जाती है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफा होने की गुंजाइश बन जाती है। इसी कारण खरीदने वालो की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है। मार्केट में घुसने के इच्छुक खरीददार के द्वारा किसी भी एसेट का सपोर्ट लेवल निकाला जा सकता है। अगर ध्यान से देखा जाए तो प्राइज़ पॉइंट के आकार में भी बदलाव देखने को मिलता है यह प्रक्रिया ओवरप्राइज़्ड ट्रेंड्स के हिसाब से होती है। वहीँ इसमें ज्यादा एडवांस्ड वर्जन्स के सपोर्ट लेवल को आईडेंटीफाय करने के लिए दूसरे टेक्निकल इंडीकेटर्स और चार्टिंग टेक्नीक्स का इस्तमाल भी किया जाता है।
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रेज़िस्टेंस लेवल क्या होता है?
रेज़िस्टेंस लेवल, सपोर्ट लेवल से विपरीत लेवल माना गया है। ये एक तरह का प्राइज़ पॉइंट है जहाँ स्टॉक प्राइज़ के ऊपर जाने की उम्मीद नहीं रहती जिसके परिणाम में मार्केट में सेलर्स यानी एसेट बेचने वालो की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिलती है और खरीदने वालो की संख्या में गिरावट आती है। वहीँ ऐसे बहुत से एडवांस्ड टेक्निक्स हैं जिससे आप इन सभी चीज़ो को एनालाइज़ कर सही स्टेटस की पहचान कर सकते हैं जैसे रेज़िस्टेंस इंकॉर्पोरेटिंग बैंड्स, ट्रेंडलाइन्स और मूविंग एवरेजिज़ आदि।
सपोर्ट और रेज़िस्टेंस लेवल में अंतर
सपोर्ट और रेज़िस्टेंस किसी स्टॉक के चार्ट में, दो अलग अलग प्राइज़ पॉइंट्स होते है। जिनके विषय में जानना बहुत ही ज़रूरी होता है। Share Market Kya Hai जान्ने के साथ चलिए जानते हैं इन दोनों में अंतर-
सपोर्ट लेवल कैलक्युलेशन्स
अब सपोर्ट प्राइज़ के बारे में जान लेते हैं। सपोर्ट प्राइज़ चार्ट का वो प्राइज़ पॉइंट होता है, जहाँ से आगे विक्रेता के मुकाबले खरीदार की संख्या ज़्यादा होने की सम्भावना होती है, और इसलिए स्टॉक प्राइज़ सपोर्ट प्राइज़ पॉइंट से ऊपर की तरफ चढ़ने की संभावना होती है। वहीँ रेज़िस्टेंस प्राइज़ चार्ट का वो प्राइज़ पॉइंट होता है, जहाँ से आगे खरीदार के मुकाबले विक्रेता की संख्या ज्यादा होने की सम्भावना होती है, और इसलिए स्टॉक प्राइज़ रेज़िस्टेंस प्राइज़ पॉइंट से नीचे की तरफ गिरने की संभावना होती है।
सलाहकार की लें मदद
शेयर बाजार में बिना जानें उसमें पैसा लगाने से आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इससे बचने के लिए आप एक सलाहकार की मदद भी ले सकते हैं। यह सलाहकार कोई भी हो सकता है जिसे शेयर मार्केट के बारे में गहरी जानकारी हो उसे आपको अपना सलाहकार बनाना चाहिए।
क्यों डाउन होती है शेयर मार्केट?
शेयर बाजार के डाउन होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, जिन्हे नीचे दिए गए पॉइंटर्स में विस्तार से बताया गया है। Share Market Kya Hai जानने के साथ आइए उससे जुड़े इस पहलू को भी ध्यान से जानें-
- किसी भी बड़ी घटना से शेयर मार्केट डाउन होने के चान्सिज़ बढ़ जाते हैं। 2020 के शुरू में ही कोरोना वायरस के आने से देश विदेश की हर चीज़ में ही काफी बड़ा बदलाव देखनें को मिला है। जिससे कंज़्यूमर बिहेवियर में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है, वहीँ इससे दुनिया के लगभग सभी बिज़नेस को काफ़ी नुकसान पहुंचा है, ऐसे में लोग शार्ट टर्म अर्निंग के लिए अपने स्टॉक्स को बेच देते हैं। इससे शेयर मार्केट डाउन हो जाती है बड़ा उतार चढ़ाव देखने को मिलता है।
- फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स ,इस ग्लोबल रिस्क एवर्जन के दौरान मुख्य तौर पर एक्सचेंज ट्रेडिड फंड (ETF) के द्वारा बिक्री की जाती है इससे शेयर मार्केट में काफी गिरावट देखने को मिलती है। आंकड़ों के अनुसार मार्च 2021 में कोरोना काल के चलते लगभग INR 25,000 करोड़ के स्टॉक्स को भय के कारण बेच दिया गया था ।
- अगर कोई कंपनी लिस्टिंग एग्रीमेंट से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती है, तो उसे सैक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है।
- किसी कंपनी के ऑर्डर मिलने या छिन जाने, बेहतर नतीजे रहने, प्रॉफिट बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है। लिस्टेड कंपनी रोज़ कारोबार करती है और जिससे उसकी स्थितियों में रोज़ कुछ न कुछ बदलाव देखने को मिलता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से कंपनी के शेयर की कीमतों पर भी असर पढ़ता है।
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सेंसेक्स क्या होता है?
सेंसेक्स हमारे भारतीय स्टॉक मार्केट का बेंचमार्क इंडेक्स है जिसकी शुरुआत 1986 में हुई थी। यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड शेयर्स के भाव में होने वाली तेज़ी और मंदी को भी बताता है। सेंसेक्स के ज़रिए ही हम इसमें लिस्टेड 30 सबसे बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन की जानकारी हासिल होती है।
निफ़्टी क्या होता है?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी (NIFTY), नेशनल और फिफ्टी दो शब्दों से मिलकर बना हुआ शब्द है। इसको NIFTY 50 भी कहा जाता है। NIFTY, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया का एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क है। यह NSE में लिस्टेड 50 प्रमुख शेयर्स का इंडेक्स होता है। मुख्य रूप से NIFTY देश की 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों पर नज़र रखता है और इसमें सिर्फ वही 50 कंपनी के शेयरों को देखा जा सकता है जो लिस्टेड होती हैं।
शेयर बाजार कैसे समझें?
शेयर बाजार एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ से लोग कम समय में करोड़ों रूपए कमा सकते हैं। अगर आप शेयर मार्केट कैसे काम करता है समझते हैं और उसके अनुसार काम करने का अनुभव रखते हैं तो आपका ये सफर बहुत ही रोमांचक और मुनाफ़ा देने वाला हो सकता है। Share Market Kya Hai इसे बेहतर तरीके से जान्ने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को ध्यान से समझें और इनके अनुसार कदम लेने का प्रयास करें –
खुद रिसर्च करें
इंटेंस रिसर्च आपको शेयर बाजार का बादशाह बना सकती है क्योंकि ये रिसर्च और ज्ञान ही है जो की आपको यहाँ की बारीकियों के बारे में एक्सपर्ट बना सकता है। मदद के तौर पर आज कल बहुत से टी.वी. चैनल्स, यूट्यूब चैनल्स के साथ साथ ऑनलाइन कई मार्केट एक्सपर्ट्स मिल जाएंगे जो कि आपको शेयर्स की नॉलेज देने में कारगर साबित हो सकते हैं।
लॉन्ग टर्म गोल्स पर फोकस रखें
यह अच्छी तरह से जान लें कि इन्वेस्टमेंट किसी भी प्रकार की हो ये माना गया है कि सभी इन्वेस्टमेंट्स में से लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट्स आपको बेहतर परिणाम प्रदान करने में सक्षम साबित हो सकती है। ऐसे में आप भी अगर शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करना है तो उसे लॉन्ग टर्म मानकर ही निवेश करें तभी आपको इसमें मुनाफ़ा मिलने की संभावना मिल सकती है।
इन्वेस्टमेंट करते समय अच्छी कंपनीज़ पर दें ध्यान
कभी किसी के दोस्त या जानने वाले के कहने या बहकावे में आकर निवेश मत कीजिए। याद रहे आपको हमेशा उन कंपनीज़ के शेयर्स में इंवेस्ट करना चाहिए जिसके कार्य करने की प्रक्रिया को आप समझते हैं और भरोसा करते हैं। इसके अलावा पिछले सालों के ग्राफ को जांचना भी आवश्यक साबित हो सकता है जिससे आपको उस कंपनी के घाटे और मुनाफे का पता चल पाएगा।
सीखने के बाद ही आगे बढ़ें
कभी भी या कोई चीज़ में अपना हाथ आज़माने से पहले आपको उसके बारे में सही तरीके से ज्ञान अर्जित करने की आवश्यकता होती है जोकि अनिवार्य भी है। इसके लिए आपको पढ़ाई और रिसर्च के साथ-साथ एनालिटिकल स्किल्स का सदुपयोग करना ज़रूरी है। शेयर मार्केट में कई पड़ाव ऐसे आते हैं जहाँ आपकी स्किल्स काम में आती हैं और आपकी रिसर्च आपके सहायक एलिमेंट के रूप में काम करती है। तो जब तक आप ये न समझलें की आप अपने सामने आने वाली परेशानियों और मुश्किल समय के लिए तैयार हैं या नहीं आगे कदम ना बढ़ाएं।
SEBI क्या होता है?
SEBI की फुल फॉर्म Securities and Exchange Board of India होती है। SEBI उन लोगों को निर्देश जारी कर सकता है जो बाजार से जुड़े हैं और उसके पास स्टॉक एक्सचेंजों पर व्यापार और निपटान को रेगुलेट करने की शक्तियां हैं। SRCA ने SEBI को भारत में स्टॉक एक्सचेंजों और बाद में कमोडिटी एक्सचेंजों को पहचानने और रेगुलेट करने का अधिकार दिया है। यह पहले केंद्र सरकार द्वारा किया गया था।
क्या शेयर मार्केट क्रैश होता है?
शेयर बाजार में क्रैश का होना उसके भाव में काफी तेजी से गिरावट होने को कहते हैं। इसका सबसे बड़े कुछ कारणों में कंपनी का बेकार प्रदर्शन और उसके भविष्य में नुकसान होने की आशंका आदि हैं। कई बार लोगों में किसी स्टॉक के लिए भरोसा हो जाता है, जिससे उसके दाम में काफी बढ़ोत्तरी होने लगती है और जब लोगों का भरोसा उससे हट जाता है, तो उसके दाम में भी गिरावट हो जाती है और निवेश करने वालों के लाखों करोड़ों रुपये डूब भी जाते हैं।
कई सारे क्रैश में कुछ सबसे बड़े क्रैश 1929 में Wall Street क्रैश, 1973-4 का क्रैश, 1987 का Black Monday आदि हैं, जिसने लाखों लोगों का पैसा डूबा दिया था।
शेयर बाज़ार से जुड़े अहम टर्म्स
शेयर बाज़ार से जुड़े अहम टर्म्स नीचे दिए गए हैं-
- Broker
- Mutual Fund
- IPO
- Demat Account
- Trading Account
- Bull
- Bear
- Sensex
- Nifty
शेयर मार्केट को समझने के लिए बेस्ट किताबें
निम्नलिखित टेबल में आपको शेयर बाजार समझने के लिए बेस्ट बुक्स की लिस्ट दी रही है जिससे आपको Share Market Kya Hai जान्ने में सहायता प्राप्त होगी-
किताब का नाम | यहाँ से खरीदें |
टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलस्टिक की पहचान – गाइड टू टेक्निकल | यहाँ से खरीदें |
शेयर मार्किट गाइड (PB) पेपरबैक | यहाँ से खरीदें |
इंट्राडे ट्रेडिंग गाइड | यहाँ से खरीदें |
शेयर मार्केटिंग पढ़ने के लिए बेस्ट इंस्टिट्यूट और कोर्सेज
शेयर मार्केटिंग के लिए बेस्ट इंस्टिट्यूट्स और कोर्सिज़ की लिस्ट नीचे दी जा रही है जिनसे आपको Share Market Kya Hai के बारे में जानकारी मिलने के साथ साथ इसमें करियर बनानें में मदद मिल पाएगी-
इंस्टीट्यूट्स | Courses |
NCE अकादमी | -NCFM Certification -NCFM Foundation Courses -NCFM Intermediate Modules -NCFM Advanced Modules -NSE Academy’s Certified Market Professional (NCMP) Proficiency Certificate |
BSE अकादमी | -Certificate Program on Risk Management -Certificate Program on Stock Market -Certificate Program on Technical Analysis -Certificate Program on Bond Market -Certificate Program on Equity Research -Certificate Program on Investment Banking |
Nifty ट्रेनिंग अकादमी | -Diploma in Technical Analysis Course/Stock Market Beginners Course -Intraday Trading Course -Advanced Technical Analysis Course -Pure Profit Course with Software |
नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फाइनैंशियल मैनेजमेंट(NIFM) | -PG Diploma in Management (Financial Management) -Fellow Programme in Management (FPM) -PG Diploma in Research Analyst -NIFM Certification Preparation Module -NIFM Certified Smart Investor -NIFM Certified Technical Analyst |
नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ सेक्योरिटीज़ मार्केट (NISM) सर्टिफिकेशन | –National Series I: Currency Derivatives Certification Examination –National Series II A: Registrars and Transfer Agents (Corporate) Certification Examination –National Series II B: Registrars and Transfer Agents (Mutual Fund) Certification Examination –National Series III A: Securities Intermediaries Compliance (Non-Fund) Certification Examination –National Series III B: Issuers Compliance Certification Examination –National Series IV: Interest Rates Derivatives Certification Examination |
शेयर बाजार में करियर और स्कोप
सभी फ़ील्ड्स की तरह शेयर मार्केट में भी कोर्सिज़ के बाद आपको नौकरी प्राप्त करने की आवश्यकता होगी जिसके लिए उसमें आने वाले जॉब प्रोफाइल्स की जानकारी और उसमें सम्मिलित कार्य के बारे में नॉलेज होना आवश्यक है। करियर और स्कोप की बात की जाए तो मार्केट के बारे में सटीक ज्ञान और आपकी स्किल्स आपको इस फील्ड में अलग ऊंचाई तक लेके जा सकते हैं। Share Market Kya Hai ये जानने के बाद उसमें नियमित ग्रोथ और एक्सपीरियंस की भी आवश्यकता होती है जिसके लिए प्रैक्टिकल एक्सपोज़र काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आइए आगे मिलने वाली कुछ प्रोफाइल्स और उसमें आने वाले कार्यों पर एक नज़र डालते हैं-
कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट
इस जॉब में आपका काम मार्केट में उभरते ट्रेंड्स पर नज़र रखने के साथ शेयर मार्केट में पूंजी निवेश (कैपिटल मैनेजमेंट) संबंधी सलाह देना है। इस तरह की जानकारी रखने वाले व्यक्ति म्यूचुअल फंड्स एवं फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट से जुड़ी कंपनियों में कार्य करते हैं।
स्टॉक ब्रोकर
स्टॉक ब्रोकर और कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट का काम शेयर्स की खरीद और बिक्री के बारे में सलाह देना होता हैं। वैसे इस तरह का मश्वरा ब्रोकिंग कंपनियां भी प्रदान करती हैं। ऐसी कंपनियों में मुख्यतः फाइनैंशियल एनालिस्ट, अकाउंट्स, इकोनॉमिस्ट, इंडस्ट्री स्पेशलिस्ट सहित कई अन्य प्रोफेशनल्स कार्य करते हैं।
सिक्योरिटी एनालिस्ट
सिक्योरिटी एनालिस्ट का काम आमतौर पर कॉमर्स ग्रेजुएट या फिर इकोनॉमिस्ट करते हैं। इनका कार्य एडवाइज़र के रूप में इंश्योरेंस कंपनीज़, ब्रोकरेज फर्म, टॉप की फाइनैंशियल कंपनीज़ में मार्केट की सही जानकारी देना होता है।
मार्केटिंग एंड सेल्स रिप्रिज़ेंटेटिव्ज़
बांड्स, इंस्टिट्यूशनल एकाउंट्स खोलने, म्यूच्यूअल फंड्स आदि की बिक्री के लिए मार्केटिंग और सेल्स रिप्रिज़ेंटेटिव्ज़ को नौकरी पर रखा जाता है।
सिक्योरिटी रिप्रिज़ेंटेटिव्ज़
शेयर्स को खरीदने एवं बेचने से संबंधित जानकारी देने तथा नए ग्राहकों का खाता खोलने के लिए कंपनियां सिक्योरिटी रिप्रिज़ेंटेटिव्ज़ को रखती हैं।
विश्व के प्रमुख शेयर बाज़ार कौन-कौन से हैं?
नीचे विश्व के प्रमुख शेयर बाज़ार नीचे दिए गए हैं-
- Bombay Stock Exchange (BSE)
- National Stock Exchange (NSE)
- NASDAQ
- Tokyo Stock Exchange (TSE)
- London Stock Exchange (LSE)
- Shanghai Stock Exchange (SSE)
- Hongkong Stock Exchange (HSE)
FAQs
शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार होता है जहाँ पर अलग अलग कंपनियों के शेयर ख़रीदे और बेचे जाते हैं। ये किसी भी दूसरे सामान्य बाजार की तरह होता है जहाँ पर जाकर लोग शेयर की खरीद और बिक्री का काम करते हैं।
शेयर के खरीदने और बेचने का एक ही तरीका होता है जो कि स्टॉक एक्सचेंज में उपयोग किया जाता है, आप चाहे शेयर खरीदें या बेचे आपको इसके लिए डीमैट अकाउंट का उपयोग करना होगा। बिना डीमैट अकाउंट के आप न तो शेयर खरीद सकतें हैं और न ही शेयर बेच सकते हैं।
अभी के लिए, आपको शेयर बाज़ार की कुछ मूल बातों और रणनीतियों को जानना होगा। शुरुआत के लिए, यह पता लगाएं कि आप शेयरों में कितना निवेश करने के इच्छुक हैं और निवेश के लिए अपने लक्ष्य को तय करें।
आप एक दिन में INR 100-10,000 या यहां तक कि INR 20,000 भी लगा सकते हैं। लेकिन यह आपके जोखिम लेने पर निर्भर करता है। हाय रिस्क होने के कारण यह ज़रूरी है कि आप अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार ही निवेश करें।
अस्थिरता की अवधि के दौरान शेयर बाजार में निवेशित रहना आसान नहीं होता है। लेकिन यह दीर्घकालीन धन उत्पन्न करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।
शेयर बाज़ार के नियम नीचे दिए गए हैं-
1. उन स्टॉकब्रोकर्स के कांटेक्ट में न आएं जो रजिस्टर्ड नहीं हैं।
2. बोगस सूचना के आधार पर कोई फैंसला न लें।
3. लॉन्ग पीरियड के लिए इन्वेस्ट करें।
4. जोखिमों का पता लगाकर ही पैसा लगाएं।
5. सटीक समय पर ही शेयर में पैसा लगाएं।
उम्मीद है कि आपको हमारा ‘Share Market Kya Hai’ पर ब्लॉग पसंद आया होगा। अन्य हिंदी के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।
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रिचा जी आपका शुक्रिया, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर रहें।
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12 comments
Thanks 👍
Thankyou for giving me more information.
Sample tarike se samaghane ke liye thanks
aise artical jo har kisi ke mind me ek question rahta hai . wo sab answer mila , a lot of thank
शाहिद जी आपका आभार, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।
Very good article.. Nice
प्रल्हाद जी, आपका धन्यवाद।
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