Samas in Hindi : समास की परिभाषा क्या है और समास कितने प्रकार के होते हैं?

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Samas in Hindi

हिंदी व्याकरण में समास को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। समास शब्द – रचना की ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अर्थ से अलग और स्वतंत्र अर्थ रखने वाले दो या दो से अधिक शब्द मिलकर किसी अन्य शब्द की रचना करते हैं। हिंदी भाषा में समास कई प्रकार के होते हैं और इनकी विशेषताएं भी अलग-अलग होती हैं। हिंदी की परीक्षाओं के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं में समास की परिभाषा और समास विग्रह से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग Samas in Hindi में हम समास के बारे में विस्तार से जानेंगे।

This Blog Includes:
  1. समास की परिभाषा क्या है? (Samas Kya Hota Hai)
  2. समास की विशेषताएं क्या हैं?
    1. समास-विग्रह (Samas Vigrah) क्या है?
  3. संधि तथा समास में अंतर क्या है?
  4. समास (Samas in Hindi) के भेद क्या हैं?
    1. द्वंद्व समास क्या है?
    2. अव्ययीभाव समास क्या है?
    3. कर्मधारय समास क्या है?
    4. द्विगु समास क्या है?
    5. बहुव्रीहि समास क्या है?
    6. तत्पुरुष समास क्या है?
  5. तत्पुरुष समास की रचना
  6. तत्पुरुष समास के भेद
    1. कर्म तत्पुरुष (चिह्न-‘को’)
    2. करण तत्पुरुष (चिह्न-‘से’/के द्वारा’)
    3. संप्रदान तत्पुरुष (चिह्न- के लिए)
    4. अपादान तत्पुरुष ( चिन्ह-‘से’ अलग होने के अर्थ में)
    5. संबंध तत्पुरुष (चिह्न-‘का, के, की’)
    6. अधिकरण तत्पुरुष (चिह्न-‘में, ‘पर’)
  7. कारकीय-चिह्न रहित तत्पुरुष समास
  8. विभिन्न समासों में अंतर
    1. 1. कर्मधारय तथा द्विगु समास में अंतर
    2. 2. द्विगु तथा बहुव्रीहि समास में अंतर
  9. समास Worksheet
  10. MCQs
  11. समास पर 50 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर 
  12. FAQs

समास की परिभाषा क्या है? (Samas Kya Hota Hai)

अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के जोड़ से बना तीसरा नया शब्द या पद समास (Samas in Hindi) या समस्त पद कहलाता है और वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है।

Samas in Hindi
Source – Quora
  • समास-प्रक्रिया में जिन दो शब्दों का मेल होता है, उनके अर्थ परस्पर भिन्न होते हैं तथा इन दोनों के योग से जो एक नया शब्द बनाते हैं; उसका अर्थ इन दोनों से अलग होता है।
  • जैसा ऊपर बताया गया है, समास-रचना दो शब्दों या दो पदों के बीच होती है तथा इसमें पहला पद ‘पूर्वपद तथा दूसरा पद उत्तर पद कहलाता है। ‘पूर्वपद’ तथा ‘उत्तरपद’ के संयोग से जो नया शब्द बनता है,उसे समस्तपद कहते हैं। Samas in Hindi निम्नलिखित उदाहरण इस प्रकार हैं-
पूर्वपदउत्तरपदसमस्तपद
देशभक्तदेशभक्त
नीलागगननीलगगन
राष्ट्रनायकराष्ट्रनायक
नरनारीनर-नारी
प्रतिअक्षप्रत्यक्ष
पंचआननपंचानन
कालीमिर्चकालीमिर्च
दहीबड़ादहीवड़ा
अष्टअध्यायीअष्टाध्यायी

समास की विशेषताएं क्या हैं?

Samas Kise Kahate Hain जानने के साथ ही समास की विशेषताएं समझना जरूरी हैं। Samas in Hindi की विशेषताएं यहां दी जा रही हैंः

  • समास (Samas in Hindi) में दो पदों का जोड़ होता है।
  • दो पद मिलकर एक पद का रूप धारण कर लेते हैं।
  • दो पदों के बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
  • दो पदों में कभी पहला पद प्रधान और कभी दूसरा पद प्रधान होता है। कभी दोनों पद प्रधान होते हैं।
  • संस्कृत में समास होने पर संधि अवश्य होती है, किंतु हिंदी में ऐसी विधि नहीं है।

यहा भी पढ़ें- Mahatma Mein Kaun Sa Samas Hai – जानिये महात्मा में कौन सा समास है?

समास-विग्रह (Samas Vigrah) क्या है?

समस्त पद के दोनों पदों को अलग-अलग करने की प्रक्रिया समास-विग्रह कही जाती है। पदों को अलग-अलग करते समय दोनों पदों के बीच के विभक्ति/कारकीय-चिह्नों को भी जोड़ दिया जाता है; जैसे- ‘डाकगाड़ी समस्त पद का विग्रह होगा-‘डाक के लिए गाड़ी’ अर्थात दोनों पदों के बीच के कारकीय-चिह्न ‘के लिए’, जिसका लोप कर दिया गया था, उसे पुनः यथास्थान लगा दिया गया है। समास विग्रह के अन्य उदाहरण यहां दिए जा रहे हैंः

समस्तपदविग्रह
यशप्राप्तयश को प्राप्त
अकाल-पीड़ितअकाल से पीड़ित
असफलजो सफल न हो
दोपहरदो पहरों का समाहार
दाल-चावल दाल और चावल
देशवासीदेश का वासी
पीतांबर पीत (पीला) है जो अंबर (वस्त्र)
दशाननदस हैं आनन जिसके

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संधि तथा समास में अंतर क्या है?

Samas in Hindi और संधि में काफी अंतर होता है। दोनों की महत्ता भी अलग-अलग है। संधि का संबंध किसी शब्द की दो ध्वनियों के बीच जोड़ से होता है। इसमें पहली, दूसरी या दोनों ध्वनियों में परिवर्तन हो जाता है जबकि समास-प्रक्रिया का संबंध दो शब्दों के जोड़ से नया शब्द बनाने के साथ है। समास-प्रक्रिया में अर्थ की दृष्टि से दो भिन्न शब्द परस्पर मिलते है तथा किसी नए शब्द की रचना करते हैं। इसी तरह ‘संधि’ के अंतर्गत किसी शब्द की दो ध्वनियां परस्पर मिलती है तो समास’ में दो शब्दों का मेल होता है।

Samas in Hindi

समास (Samas in Hindi) के भेद क्या हैं?

Samas in Hindi के कुछ भेद होते हैं, जिन्हें समास के प्रकार भी कहा जाता है। यहां हम समास के भेद (Types of Samas in Hindi) के बारे में विस्तार से जानेंगेः

  • द्वन्द्व समास
  • अव्ययीभाव समास
  • तत्पुरुष समास
  • बहुव्रीहि समास 
  • कर्मधारय समास
  • द्विगु समास।

द्वंद्व समास क्या है?

द्वंद्व समास में कोई पद गौण नहीं होता बल्कि दोनों ही पद प्रधान होते हैं। समस्तपद बनाते समय दोनों पदों को जोड़ने वाले समुच्चयबोधक अव्ययों- ‘और’, ‘तथा’, ‘या’ आदि को हटा दिया जाता है तथा विग्रह करते समय इनको पुनः दोनों पदों के बीच जोड़ दिया जाता है; जैसे- राम-श्याम, इसका विग्रह होगा- राम और श्याम। द्वंद्व समास के उदाहरण इस प्रकार हैंः

समस्तपदविग्रह
दाल-चावलदाल और चावल
जल-थलजल और थल
माता-पितामाता और पिता
नदी-नालेनदी और नाले
बाप-दादीबाप और दादा
छोटा-बड़ाछोटा और बड़ा
राधा-कृष्णराधा और कृष्ण
पूर्व-पश्चिमपूर्व और पश्चिम
आगे-पीछेआगे और पीछे
गुण-दोषगुण और दोष
स्वर्ग-नर्कस्वर्ग और नर्क
अन्न-जलअन्न और जल
खट्टा-मीठाखट्टा और मीठा
रात-दिनरात और दिन
हार-जीतहार और जीत
पाप-पुण्यपाप और पुण्य
राजा-रंकराजा और रंक
जीवन-मरणजीवन और मरण।

अव्ययीभाव समास क्या है?

जिस समास का पहला पद कोई अव्यय (अविकारी शब्द) होता है, उस समास को अव्ययीभाव समास कहते हैं: जैसे- ‘यथासमय’ समस्तपद ‘यथा’ और ‘समय’ के योग से बना है। इसका पूर्वपद ‘यथा’ अव्यय है और इसका विग्रह होगा- ‘समय के अनुसार। अव्ययीभाव समास के उदाहरण इस प्रकार हैंः

समस्तपदअव्ययविग्रह
आजीवनजीवन भर
यथोचितयथाजितना उचित हो
यथाशक्तियथाशक्ति के अनुसार
भरपूरभरपूरा भरा हुआ
आमरणमरण तक
बेमिसालबेजिसकी मिसाल न हो
बेमौकेबेबिना मौके के
अनुरूपअनुरूप के अनुसार
बेखटकेबेबिना खटके के
प्रतिदिनप्रतिदिन-दिन/हर दिन
हरघड़ीहरघड़ी-घड़ी
प्रत्येकप्रतिएक-एक
बाअदबबाअदब के साथ
प्रत्यक्षप्रतिआँखों के सामने
Source- Rojgar with Ankit

कर्मधारय समास क्या है?

कर्मधारय समास के दोनों पदों के बीच दो तरह के संबंध हो सकते हैं-विशेषण-विशेष्य और उपमेय-उपमान। वस्तुतः उपमान भी उपमेय की विशेषता बताने का ही कार्य करता है। विशेषण-विशेष्य संबंध वाले कर्मधारय समास इस प्रकार हैं:

विशेषणविशेष्यसमस्तपदविग्रह
नीलगायनीलगायनीली है जो गाय
महाआत्मामहात्मामहान है जो आत्मा
भलामानसभलामानसभला है जो मानस
महादेवमहादेवमहान है जो देव
परनारीपरनारीपराई है जो नारी
उत्तमपुरुषपुरुषोत्तमउत्तम है जो पुरुष

अन्य उदाहरण

समस्तपदविग्रह
कालीमिर्चकाली है जो मिर्च
कापुरुषका (कायर) है जो पुरुष
सत्धर्मसत् (सच्चा) है जो धर्म
प्रधानमंत्रीप्रधान है जो मंत्री
अंधविश्वासअंधा है जो विश्वास
महाराजमहान है जो राजा
महर्षिमहान है जो ऋषि
अंधकूपअंधा है जो कूप

इस संबंध में पूर्वपद के स्थान पर कभी उपमेय आता है और उपमान, जिन्हें उदाहरण के साथ यहां बताया गया हैः

उपमेय + उपमानसमस्तपदविग्रह
भुज + दंडभुजदंडदंड के समान भुजा
कर + कमलकरकमलकमल के समान कर (हाथ)
उपमान+उपमेयसमस्तपदविग्रह
मृग + नयनमृगनयनमृग के समान नयन
कनक + लताकनकलताकनक के समान लता

उपमेय-उपमान- ‘उसके नेत्र मृग के समान हैं’ इस वाक्य में नेत्रों’ की उपमा ‘मृग’ से दी गई है। यहां ‘नेत्र’ उपमेय हैं तथा उपमान। जिस वस्तु व्यक्ति को उपमा दी जाती है, उसे ‘उपमेय’ तथा जिस वस्तु व्यक्ति से दी जाती है, उसे ‘उपमान’ कहते हैं, जिन्हें उदाहरण से समझेंगेः

समस्तपदउपमान-उपमेयविग्रह
घनश्यामघन+श्यामघन के समान श्याम/घनरूपी श्याम
कमलनयनकमल + नयनकमल के समान नयन/कमलरूपी नयन

अन्य उदाहरण

संसारसागरसंसार रूपी सागर
कंचनवर्णकंचन के समान वर्ण
देहलतादेह रूपी लता
चंद्रमुखीचंद्रमा के समान मुखवाली स्त्री
मुखचंद्रमुखरूपी चंद्र
क्रोधाग्निक्रोध रूपी अग्नि
वचनामृतअमृत के समान वचन
चरणकमलकमल के समान चरण
विद्याधनविद्या रूपी धन
प्राणप्रियप्राणों के समान प्रिय

द्विगु समास क्या है?

Samas in Hindi में द्विगु समास के बारे में यहां बताया जा रहा हैः

  • द्विगु समास भी तत्पुरुष समास का ही उपभेद है; अत: इसका भी पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान होता है। 
  • द्विगु समास’ तथा ‘कर्मधारय समास’ में सबसे बड़ा अंतर यही है कि द्विगु समास का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण होता है जबकि कर्मधारय समास का पूर्वपद अन्य कोई भी विशेषण हो सकता है।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि द्विगु समास का उत्तरपद किसी समूह का बोध कराता है। यदि विग्रह करते समय उत्तरपद के साथ समूह या समाहार शब्द का प्रयोग नहीं किया गया हो तो पूर्वपद संख्यावाची होते हुए भी यह ‘कर्मधारय समास’ कहलाएगा। ‘द्विगु समास’ के उदाहरण इस प्रकार हैं:
समस्तपदविग्रह-1 (कर्मधारय समास)विग्रह-II (द्विगु समास)
पंचतंत्रपाँच हैं तंत्र जोपाँच तंत्रों का समाहार
अष्टसिद्धिआठ सिद्धियां हैं जोआठ सिद्धियों का समाहार
चतुर्भुजचार भुजाएँ हैं जोचार भुजाओं का समाहार
चवन्नीचार आने हैं जोचार आनों का समाहार

अन्य उदाहरण

समस्तपदसमास-विग्रह
दुराहादो राहों का समाहार
सतसईसात सौ दोहों का समाहार
तिरंगातीन रंगों का समाहार
दशाननदस आननों (मुखों) का समाहार
पंचवटीपाँच वट वृक्षों का समूह
सप्ताहसात दिनों का समूह
पंजाबपाँच आबों का समाहार
अठन्नीआठ आनों का समाहार
नवग्रहनौ ग्रहों का समाहार
नवरत्ननव रत्नों का समाहार
शताब्दीसौ अब्दों (वर्षों) का समाहार
नवरात्रनव (नौ) रातों का समाहार
पंचमुखीपाँच मुखों का समाहार
त्रिफलातीन फलों का समाहार

बहुव्रीहि समास क्या है?

‘बहुव्रीहि समास’ वह समास है, जिसके दोनों पद गौण होते हैं। वस्तुत: बहुव्रीहि समास में न तो पूर्वपद प्रधान होता है और न ही उत्तरपद। बल्कि इसके दोनों पद परस्पर मिलकर किसी तीसरे बाहरी पद के बारे में कुछ कहते हैं और यह तीसरा पद ही ‘प्रधान होता है उदाहरण  के लिए, त्रिलोचन शब्द की रचना पर ध्यान दीजिए। यह शब्द ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दो पदों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है-तीन नेत्र। यदि इस शब्द का यही विग्रह किया जाए तो विशेषण (तीन) तथा विशेष्य। (लोचन) होने के कारण यह कर्मधारय समास का उदाहरण होगा तथा यदि विग्रह ‘तीन लोचनों का समाहार’ किया जाए तो यह द्विगु समास का उदाहरण होगा।

यदि इसका विग्रह किया जाए -तीन हैं नेत्र जिसके अर्थात महादेव तो यही उदाहरण बहुव्रीहि समास का हो जाएगा; क्योंकि इस विग्रह में ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दोनों पद मिलकर तीसरे पद ‘महादेव’ की विशेषता बता रहे हैं।

अन्य उदाहरण

समस्तपदविग्रहप्रधान पद
अंशुमालीअंशु (किरणें) हैं मालाएँ जिसकीसूर्य
चारपाईचार हैं पाए जिसकेपलंग
तिरंगातीन रंग हैं जिसकेभारतीय राष्ट्रध्वज
विषधरविष को धारण किया है जिसनेशिव
षडाननषट् (छह) हैं आनन (मुख) जिसकेकार्तिकेय
चक्रधरचक्र धारण किया है जिसनेविष्णु
गजाननगज के समान आनन है जिसकागणेश
घनश्यामघन के समान श्याम (काले) हैं जोकृष्ण
मेघनादमेघ के समान करता है नाद जोरावण-पुत्र इंद्रजीत
विषधरविष को धारण करता है जोसर्प
चतुराननविष को धारण करता है जोब्रह्मा
गिरिधरगिरि को धारण किया है जिसनेश्री कृष्ण
सुलोचनासुंदर लोचन हैं जिसकेविशेष स्त्री

तत्पुरुष समास क्या है?

Samas in Hindi में तत्पुरुष समास के बारे में यहां बताया जा रहा हैः

  • जिस समस्तपद में ‘पूर्वपद’ गौण तथा उत्तरपद’ प्रधान होता है, वहां तत्पुरुष समास होता है।
  • तत्पुरुष समास का पूर्वपद विशेषण होता है, अतः गौण होता है और उत्तरपद विशेष्य होने के कारण प्रधान होता है।
  • तत्पुरुष समास के विग्रह के समय समस्त कारकों के कारकीय-चिह्न जिनका समास करते समय दिया गया था, पुन: जोड़े जाते हैं; जैसे- रोगमुक्त रोग से मुक्त (‘से’ अपादान कारक का चिह्न), जीवनसाथी जीवन का साथी (‘का’ संबंध कारक का चिह्न) आदि। तत्पुरुष समास के उदाहरण इस प्रकार हैंः
समस्तपदपूर्वपद (गौण)कारकीय-चिह्नउत्तरपद (प्रधान)
युद्धक्षेत्र
युद्धकाक्षेत्र
गुरुदक्षिणागुरुके लिएदक्षिणा
यशप्राप्तयशकोप्राप्त
कुलश्रेष्ठकुलमेंश्रेष्ठ

तत्पुरुष समास की रचना

Samas in Hindi में तत्पुरुष समास की रचना तीन तरह से हो सकती है, जिसके बारे में यहां बताया जा रहा हैंः

1. संज्ञा • संज्ञा के मेल से; जैसे-

राजा का पुत्र -=राजपुत्र, उद्योग का पति = उद्योगपति, सिर का दर्द =सिरदर्द आदि।

2. संज्ञा + विशेषण के मेल से; जैसे-

धर्म से भ्रष्ट = धर्मभ्रष्ट, भय से मुक्त=भयमुक्त, दान में वीर =दानवीर आदि।

3. संज्ञा + कृदंत के मेल से; जैसे- 

रेखा से अंकित = रेखांकित, स्व द्वारा रचित = स्वरचित, तुलसी द्वारा कृत = तुलसीकृत आदि। आप देख सकते हैं कि तीनों ही प्रकार से बने तत्पुरुष समासों के पूर्वपद गौण तथा विशेषण का प्रकार्य करने के कारण व्याकरणिक कोटि की दृष्टि से विशेषण हैं। वस्तुतः विशेषण का कार्य विशेष्य के अर्थ क्षेत्र को सीमित करना होता है। इस दृष्टि से ‘दानपात्र’ (संज्ञा + संज्ञा) समस्तपद का पूर्वपद ‘दान’ उत्तरपद ‘पात्र’ के अर्थ को ‘दान’ तक ही सीमित कर रहा है, जिसका अर्थ है-पात्र केवल दान का है, किसी अन्य का नहीं।

इसी तरह ‘आनंदमग्न’ (संज्ञा विशेषण) समस्तपद का पहला पद ‘आनंद’ ‘मग्न’ के अर्थ-क्षेत्र को सीमित कर रहा है जिसका अर्थ है कोई व्यक्ति केवल आनंद में मग्न है किसी अन्य कार्यकलाप में नहीं। इसी तरह ‘तुलसीकृत’ (संज्ञा + कृदंत) समस्तपद का पहला पद ‘तुलसी’ अपने उत्तरपद ‘कृत’ के अर्थ-क्षेत्र को सीमित कर रहा है जिसका अर्थ है कि कोई वस्तु केवल ‘तुलसी’ के द्वारा कृत है, किसी अन्य के द्वारा नहीं।

तत्पुरुष समास के भेद

Samas in Hindi में तत्पुरुष समास के अंतर्गत दो प्रकार के समास आते हैंः

(क) कारकीय-चिह्न युक्त तत्पुरुष समास
(ख) कारकीय-चिह्न रहित तत्पुरुष समास।

(क) कारकीय-चिह्न युक्त तत्पुरुष समास– जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है इस वर्ग के तत्पुरुष समासों के दोनों पदों के बीच कोई न कोई कारकीय-चिह्न (कर्ता तथा संबोधन कारक को छोड़कर) अवश्य आता है तथा समस्तपद बनाते समय इनका लोप कर दिया जाता है और विग्रह करते समय उन्हें पुनः जोड़ दिया जाता है; जैसे-कष्टसाध्य = कष्ट से साध्य, बाढ़ पीड़ित=बाढ़ से पीड़ित आदि।

(ख) कारकीय-चिह्न रहित तत्पुरुष समास के निम्नलिखित भेद इस प्रकार हैंः

  • कर्म तत्पुरुष (चिह्न-को)
  • करण तत्पुरुष (चिह्न-से/के द्वारा)
  • संप्रदान तत्पुरुष (चिह्न-के लिए) 
  • अपादान तत्पुरुष (चिह्न- से अलग होना)
  • संबंध तत्पुरुष (चिह्न-का/की/के)
  • अधिकरण तत्पुरुष (चिह्न- में/पर)।

कर्म तत्पुरुष (चिह्न-‘को’)

समस्तपद  विग्रह
जेबकतराजेब को कतरनेवाला
यशप्राप्तयश को प्राप्त
सुखप्राप्तसुख को प्राप्त
गगनचुंबी‌गगन को चूमनेवाला
ग्रामगतग्राम को गत
विदेशगत     विदेश को गत
स्वर्गगत  स्वर्ग को गत
परलोकगमनपरलोक को गमन।

करण तत्पुरुष (चिह्न-‘से’/के द्वारा’)

समस्तपद       विग्रह
प्रेमाकुल   प्रेम से आकुल
कष्टसाध्य      कष्ट से साध्य
रेखांकित  रेखा से अंकित
प्रेमातुरप्रेम से आतुर
मदमस्त    मद से मस्त
तुलसीकृततुलसी से/के द्वारा कृत
शोकाकुल शोक से आकुल
भयग्रस्त भय से ग्रस्त
गुणयुक्त  गुणों से युक्त
हस्तलिखित  हाथ से लिखित
विरहाकुल  विरह से आकुल
मनचाहा      मन से चाहा
बाढ़पीड़ित बाढ़ से पीड़ित
स्वरचितस्व से/के द्वारा रचित।

संप्रदान तत्पुरुष (चिह्न- के लिए)

समस्तपद  विग्रह
मार्गव्ययमार्ग के लिए व्यय
रसोईघररसोई के लिए घर
मालगोदाम माल के लिए गोदाम
आरामकुरसी आराम के लिए कुरसी
दानपेटीदान के लिए पेटी
पूजाघरपूजाके लिए घर
दानपात्रदान के लिए पात्र
सत्याग्रहसत्य के लिए आग्रह
देशभक्तिदेश के लिए भक्ति
डाकगाड़ीडाक के लिए गाड़ी
प्रयोगशालाप्रयोग के लिए शाला
पाठशालापाठ के लिए शाला।

अपादान तत्पुरुष ( चिन्ह-‘से’ अलग होने के अर्थ में)

समस्तपदविग्रह
कर्महीनकर्म से हीन
कार्यमुक्तकार्य से मुक्त
विद्याहीनविद्या से हीन
नेत्रहीननेत्रों से हीन
धनहीनधन से हीन
भुखमराभूख से मरा
घरनिकालाघर से निकाला
ऋणमुक्तऋण से मुक्त
धर्मभ्रष्टधर्म से भ्रष्ट
सेवामुक्तसेवा से मुक्त
रोगमुक्तरोग से मुक्त।

संबंध तत्पुरुष (चिह्न-‘का, के, की’)

समस्तपदविग्रह
राजकुमारराजा का कुमार
राजपुत्रराजा का पुत्र
जीवनसाथीजीवन का साथी
घुड़दौड़घोड़ों की दौड़
राष्ट्रपतिभवनराष्ट्रपति का भवन
सिरदर्दसिर का दर्द
मृत्युदंडमृत्यु का दंड
प्राणनाथप्राणों का नाथ
मातृभक्तिमातृ की भक्ति
प्रसंगानुसारप्रसंग के अनुसार
गृहस्वामीगृह का स्वामी
कविगोष्ठीकवियों की गोष्ठी
ग्रामपंचायतग्राम की पंचायत
सेनानायकसेना का नायक
उद्योगपतिउद्योग का पति।

अधिकरण तत्पुरुष (चिह्न-‘में, ‘पर’)

समस्तपदविग्रह
जगबीतीजग पर बीती
शरणागतशरण में आगत पुरुषों में उत्तम
कलानिपुणकला में निपुण
व्यवहारकुशलव्यवहार में कुशल
देशाटनदेश में अटन
गृहप्रवेशगृह में प्रवेश
रेलगाड़ीरेल पर चलनेवाली गाड़ी
रसमग्नरस में मग्न
आपबीतीआप (अपने) पर बीती।

कारकीय-चिह्न रहित तत्पुरुष समास

इस वर्ग में दो तरह के समास आते हैं। सबसे पहले जिन समासों का पहला पद कोई ‘निषेधवाची अव्यय’ शब्द होता है तथा विग्रह करते समय (हिंदी में) पूर्वपद के स्थान पर अव्यय जोड़ दिया जाता है; जैसे-‘असभ्य’ समस्तपद का विग्रह होगा-‘न सभ्य। यह समास नञ् तत्पुरुष समास कहलाता है। दूसरे वे तत्पुरुष समास हैं जिनके दोनों पदों के बीच विशेषण-विशेष्य का अलावा उपमेय-उपमान का संबंध है तथा विग्रह करते समय उत्तरपद की विशेषता में सहयोग देनेवाले शब्द समूह को जोड़ दिया जाता है। इस वर्ग मे दो समास आते हैं-कर्मधारय तथा द्विगु समास, जिनके उदाहरण यहां बताए जा रहे हैंः

  • कर्मधारय समास : नीलगाय – नीली है जो गाय
  • कमलनयन – कमल रूपी नयन
  • द्विगु समास : पंचतंत्र – पाँच तंत्रों का समाहार
  • चतुर्भुज – चार भुजाओं का समाहार।

अन्य उदाहरण

समस्तपदविग्रह
असत्यन सत्य
अयोग्यन योग्य
अनपढ़न पढ़ा
अनिच्छान इच्छा
असंभवन संभव
अधर्मन धर्म
अनाथन नाथ
अनहोनीन होनी
अपठितन पठित
असफलन सफल
अमरन मर (जो न मरे)
अनुदारन उदार
Samas in Hindi

विभिन्न समासों में अंतर

Samas in Hindi समझने के साथ ही समास के विभिन्न भेदों में अंतर को जानना आवश्यक है जोकि यहां बताया जा रहा हैः

1. कर्मधारय तथा द्विगु समास में अंतर

कर्मधारय समासद्विगु समास
(क) कर्मधारय समास का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण के अलावा कोई भी विशेषण होता है।(ख) पूर्वपद प्राय: गुणवाचक विशेषण होता है।(ग) विग्रह करते समय उत्तरपद के साथ ‘समूह’ या ‘समाहार’ शब्द का प्रयोग नहीं किया जाता।(क) द्विगु समास का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण होता है।(ख) पूर्वपद संख्यावाचक ही होता है।(ग) विग्रह करते समय उत्तरपद के बाद ‘समूह या ‘समाहार’ शब्द का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाता है।

उदाहरण

समस्तपदविग्रह-I (कर्मधारय)विग्रह-II (द्विगु)
त्रिलोचनतीन नेत्रतीन नेत्रों का समाहार
चतुर्भुजचार भुजाएँचार भुजाओं का समाहार
चौराहाचार राहेंचार राहों का समाहार

2. द्विगु तथा बहुव्रीहि समास में अंतर

द्विगु समासबहुव्रीहि समास
(क) द्विगु समास में समस्तपद का पहला पद गौण होता है तथा उत्तरपद प्रधान।(ख) दुविगु समास का पहला पद संख्यावाची विशेषण होता है।(ग) विग्रह करते समय उत्तरपद के साथ ‘समूह’ या समाहार’ शब्द जोड़े जाते हैं।(क) बहुव्रीहि समास में समस्तपद के दोनों पद गौण होते हैं तथा तीसरा बाहरी पद प्रधान।(ख) बहुव्रीहि समास में समस्तपद के दोनों पद मिलकर तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं। (ग) विग्रह करते समय ‘समूह’/समाहार’ शब्द नहीं जोड़े जाते।

उदाहरण

समस्तपदविग्रह-1 (द्विगु)विग्रह-II (बहुव्रीहि)
तिरंगातीन रंगों का समाहारतीन रंग हैं जिसके अर्थात भारतीय राष्ट्रध्वज
दशाननदस मुखों का समाहारदस मुख हैं जिसके अर्थात रावण

समास Worksheet

Samas in Hindi
Source – Pinterest
Samas in Hindi
Source – Pinterest

MCQs

प्रश्न 1. समास का शाब्दिक अर्थ क्या होता है
A) संक्षेप
B) विस्तार
C) विग्रह
D) विच्छेद


उत्तर (A) संक्षेप।

प्रश्न 2. इन में से कौन सा अव्ययीभाव पद है
A) गृहागत
B) आचारकुशल
C) प्रतिदिन
D) कुमारी

उत्तर (C)
ट्रिक: पहला पद (प्रति) है।

प्रश्न 3. निम्न में कौन सा कर्मधारय समास है
A) चक्रपाणी
B) चतुर्युगम
C) श्वेतांबर
D) माता – पिता

उत्तर (C)
ट्रिक: श्वेतांबर – श्वेत है जो अंबर

प्रश्न 4. गजानन में कौन सा समास हैप्रश्न
A) द्वंद्व
B) बहुव्रीहि
C) तत्पुरुष
D) कर्मधारय

उत्तर (B)
ट्रिक: गज जैसा आनन वाला (गणेश)

प्रश्न 5. देवासुर में कौन सा समास है?
A) बहुव्रीहि
B) कर्मधारय
C) तत्पुरुष
D) द्वंद्व

उत्तर (D)
ट्रिक: देव और असुर एक दूसरे के विलोम शब्द है।

प्रश्न 6. वनगमन में कौन सा समास है?
A) बहुव्रीहि
B) द्विगु
C) तत्पुरुष
D) कर्मधारय

उत्तर (C)
ट्रिक: वनगमन – वन को गमन

प्रश्न 7. पंचतंत्र में कौन सा समास है?
A) कर्मधारय
B) बहुव्रीहि
C) द्विगु
D) द्वंद्व

उत्तर (C)
ट्रिक: पंचतंत्र – पाँच तंत्रों का समूह

प्रश्न 8. देशभक्ति कौन सा समास है?
A) द्विगु
B) तत्पुरुष
C) द्वंद्व
D) बहुव्रीहि

उत्तर (B)
ट्रिक: देशभक्ति – देश के लिए भक्ति

प्रश्न 9. कौन सा बहुव्रीहि समास का उदाहरण है
A) निशिदिन
B) त्रिभुवन
C) नीलकंठ
D) पुरुषसिंह

उत्तर (C)
ट्रिक: नीला है कंठ जिसका (शिव)

प्रश्न 10. त्रिलोचन में कौन सा समास है?
A) अव्ययीभाव
B) कर्मधारय
C) बहुव्रीहि
D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर (C)
ट्रिक: तीन आँखों वाला (शिव)

प्रश्न 11. चौराहा में कौन सा समास है?
A) बहुव्रीहि
B) तत्पुरुष
C) अव्ययीभाव
D) द्विगु

उत्तर (D)
ट्रिक: चौराहा – चार राहों का समूह

प्रश्न 12. दशमुख में कौन सा समास है
A) कर्मधारय
B) बहुव्रीहि
C) तत्पुरुष
D) द्विगु

उत्तर (B)
ट्रिक: दस हैं मुख जिसके (रावण)

प्रश्न 13. महादेव में कौन सा समास है?
A) तत्पुरुष
B) अव्ययीभाव
C) कर्मधारय
D) द्वंद्व

उत्तर (C)
ट्रिक: महादेव – महान है जो देव

प्रश्न 14. विशेषण और विशेष्य के योग से कौन सा समास बनता है
A) द्विगु
B) द्वंद्व
C) कर्मधारय
D) तत्पुरुष

उत्तर (C)
ट्रिक: पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य होता है

प्रश्न 15. किस शब्द में द्विगु समास है
A) आजीवन
B) भूदान
C) सप्ताह
D) पुरुषसिंह

उत्तर (C)
ट्रिक: सप्ताह – सात दिनों का समाहार

प्रश्न 16. किसमें सही सामासिक पद है
A) पुरुषधन्वी
B) दिवारात्रि
C) त्रिलोकी
D) मंत्रीपरिषद

उत्तर (B)

प्रश्न 17. द्विगु समास का उदाहरण है?
A) अन्वय
B) दिन-रात
C) चतुरानन
D) पंचतत्व

उत्तर (D)
ट्रिक: पंचतत्व – पाँच तत्व

प्रश्न 18. इनमें से द्वंद्व समास का उदाहरण है
A) पीताम्बर
B) नेत्रहीन
C) चौराहा
D) रुपया-पैसा

उत्तर (D)
ट्रिक: रुपया और पैसा

प्रश्न 19. अव्ययीभाव समास का एक उदाहरण यथाशक्ति का सही विग्रह क्या होगा?
A) जैसी शक्ति
B) जितनी शक्ति
C) शक्ति के अनुसार
D) यथा जो शक्ति

उत्तर (C)
ट्रिक: पहला पद (यथा) है।

प्रश्न 20. पाप-पुण्य में कौन सा समास है?
A) कर्मधारय
B) द्वंद्व
C) तत्पुरुष
D) बहुव्रीहि

उत्तर (B)
ट्रिक: पाप और पुण्य

समास पर 50 महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर 

समास पर पूछे जानें वाले प्रश्न उत्तर इस प्रकार हैंः

1. परमाणु शब्द में कौनसा समास होता है?

उत्तर-कर्मधारय समास

2.वातावरण का विग्रह और समास होगा?

उत्तर-वात का आवरण- तत्पुरूष

3. ‘मनोज’ शब्द में कौनसा समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि समास

4. काली मिर्च शब्द में कौन सा समास है? 

उत्तर- कर्मधारय

5. ‘हिमतनया’ शब्द में कौन-सा समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि समास

6. ‘क्रीडाक्षेत्र’ शब्द का सही विग्रह क्या है? 

उत्तर- क्रीड़ा के लिए क्षेत्र

7. ‘पर्णकुटी’ शब्द का समास है? 

उत्तर- तत्पुरुष

8. ‘मृत्युंजय’ शब्द में प्रयुक्त समास है? 

उत्तर- बहुव्रीहि

9. देशप्रेम में समास है? 

उत्तर- तत्पुरुष

10. आस-पास शब्द में कौन सा समास है?

उत्तर- द्वंद्व

11. राजसभा शब्द में कौनसा समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

12. नवरत्न में कौन सा समास है? 

उत्तर- द्विगु

13. देवालय में कौनसा समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

14. अनायास में कौन-सा समास है? 

उत्तर- अव्ययीभाव

15. जिस समास में दोनों पद प्रधान हों, वह कहलाता है?

उत्तर- द्वन्द्व समास

16. चन्द्रशेखर में कौनसा समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि

17. नेत्रहीन किस समास का उदाहरण है? 

उत्तर- तत्पुरुष

18. खरा-खोटा शब्द में कौनसा समास है?

उत्तर- द्वन्द्व

19. सपरिवार में कौन-सा समास है? 

उत्तर- बहुव्रीहि

20. शरणागत शब्द में कौनसा समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

21. घनश्याम में कौन सा समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि

22. नरोत्तम में कौन सा समास है?

उत्तर- सo तत्पुरुष(अधिकरण तत्पुरुष)    

23. चिड़ीमार में कौन सा समास है?

उत्तर- द्वितीया तत्पुरुष  

24. मृत्युंजय में कौन सा समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि

25. सप्तसिंधु में कौन सा समास है?

उत्तर- द्विगु

26. अनुरुप में कौन सा समास है?

उत्तर- अव्ययीभाव

27. यज्ञशाला में कौन सा समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

28. पापमुक्त में कौन सा समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

29. प्रतिकूल में कौन सा समास है?

उत्तर- अव्ययीभाव

30. प्रधानमंत्री में कौन सा समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि

31. ‘तिरंगा’ में कौन-सा समास है?

उत्तर- द्विगु

32.  ‘देव जो महान है’ यह किस समास का उदाहरण है?

उत्तर- कर्मधारय

33.  ‘चौराहा’ शब्द में कौन-सा समास है?

उत्तर- द्विगु

34. “राजपुत्र” में कौन-सा समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

35. ‘योगदान’ में कौन-सा समास है? 

उत्तर- तत्पुरुष

36. अगोचर में कौन-सा समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

37. ‘दशानन’ में कौन-सा समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि

38. चक्रपाणि में कौन सा समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि

39.साग-पात में कौन सा समास है?

उत्तर- कर्मधारय

40. शताब्दी शब्द में कौन सा समास होता है?

उत्तर- द्विगु

41. अव्ययीभाव समास का उदाहरण है?

उत्तर- भरपेट

42. स्वर्णघट का समास-विग्रह है?

उत्तर- स्वर्ण का घट

43. शाखामृग शब्द में समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि

44. रेलगाड़ी शब्द का सही समास-विग्रह है?

उत्तर- रेल पर चलने वाली गाड़ी

45. पर्णकुटी शब्द में समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

46. चतुर्भुज में कौन-सा समास है?

उत्तर- बहुव्रीहि

47. मतदाता शब्द में समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

48. नरेश शब्द का समास विग्रह होगा?

उत्तर- नरों का ईश

49. विद्यार्थी में कौन-सा समास है?

उत्तर- तत्पुरुष

50. तत्पुरुष समास में प्रधान पद माना जाता है?

उत्तर- उत्तरपद।

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FAQs

Samas in Hindi कितने प्रकार के होते हैं?

अव्ययीभाव समास
तत्पुरुष समास
कर्मधारय समास
द्विगु समास
द्वंद्व समास
बहुव्रीहि समास।

महाकवि कौन सा समास है?

कर्मधारय समास

समास के कितने पद होते हैं?

समास में दो पद होते हैं।

एक-एक शब्द में कौन सा समास है?

अव्ययीभाव समास

महाकाव्य समस्त पद में कौन सा समास है?

कर्मधारय समास

दोपहर में कौन सा समास होगा?

द्विगु समास


नीलकमल में कौन सा समास है?

कर्मधारय समास

देशांतर में कौन सा समास है?

तत्पुरुष समास

तत्पुरुष समास कितने प्रकार के होते हैं?

कर्म तत्पुरुष समास, करण तत्पुरुष समास, सम्प्रदान तत्पुरुष समास, अपादान तत्पुरुष समास, सम्बन्ध तत्पुरुष समास, अधिकरण तत्पुरुष समास आदि।

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