RK Narayan Biography in Hindi: मालगुडी डेज़ बनाने वाले ‘आर.के. नारायण’ के बारे में कितना जानते हैं आप? 

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RK Narayan Biography in Hindi

RK Narayan Biography in Hindi: क्या आप जानते हैं ‘आर.के नारायण’ प्रारंभिक भारतीय अंग्रेजी साहित्य के सबसे महान उपन्यासकारों में से एक माने जाते हैं। उनका नाम भारतीय अंग्रेजी लेखन के आरंभिक समय में ‘मुल्कराज आनंद’ और ‘राजा राव’ के साथ ‘बृहत्त्रयी’ के रूप में प्रसिद्ध हैं। आर.के नारायण की काल्पनिक, अकाल्पनिक और पौराणिक रचनाओं को दुनियाभर के पाठक वर्ग में बहुत सराहा था। उन्होंने अपनी रचनाएँ दक्षिण भारत के एक काल्पनिक गांव मालगुडी को आधार बनाकर की थी। 

कुछ समय बाद मालगुडी पर 39 एपिसोड का एक धारावाहिक भी बनाया गया जिसे डी.डी नेशनल पर प्रसारित किया था। इस धारावाहिक को लोगों में बहुत पसंद किया था। आइए अब इस लेख में आर के नारायण का जीवन परिचय (RK Narayan Biography in Hindi) और उनकी साहित्यिक कृतियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

मूल नाम रासीपुरम कृष्णास्वामी अय्यर नारायणस्वामी 
उपनाम आर.के. नारायण (RK Narayan)
जन्म 10 अक्टूबर, 1906 
जन्म स्थान मद्रास (वर्तमान चेन्नई), तमिलनाडु 
पेशा लेखक 
पत्नी का नाम राजम 
प्रमुख कृतियाँद इंग्लिश टीचर, वेटिंग फ़ॉर द महात्मा, द मैन ईटर आफ़ मालगुडी आदि। 
प्रसिद्ध कहानियाँ लॉली रोड एंड अदर स्टोरीज, ए हॉर्स एंड टू गोट्स, अंडर द बैनियन ट्री एण्ड अद स्टोरीज़ आदि। 
सम्मान साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, बेन्सन मेडल आदि। 
संबंधी आर.के लक्ष्मण (भाई)- मशहूर भारतीय कार्टूनिस्ट, चित्रकार 
निधन 13 मई, 2001
जीवनकाल 94 वर्ष

आर.के. नारायण का आरंभिक जीवन – RK Narayan Biography in Hindi

आर.के. नारायण का पूरा नाम ‘रासीपुरम कृष्णास्वामी अय्यर नारायणस्वामी’ था। इनका जन्म 10 अक्टूबर, 1906 को तमिलनाडु के मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक शिक्षक थे जिसके कारण उनका स्थानांतरण अलग अलग स्थान पर होता रहता था। आर.के. नारायण की आरंभिक शिक्षा घर से ही शुरू हुई और पिता के मैसूर स्थनांतरण होने के बाद उन्होंने वर्ष 1926 में मैसूर के ‘महाराजा कॉलेज’ में दाखिला लिया और वहाँ से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। 

इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक स्कूल में अध्यापन कार्य किया लेकिन जल्द ही उन्होंने इस कार्य को छोड़ दिया और पूर्ण रूप से लेखन कार्य में जुट गए। वर्ष 1933 में उनका विवाह ‘राजम’ से हो गया। आपको बता दें कि आर. के नारायण के छोटे भाई ‘आर.के लक्ष्मण’ थे जो कि मशहूर भारतीय कार्टूनिस्ट, चित्रकार और हास्यकार थे। उन्होंने ही ‘मालगुडी डेज़’ (Malgudi Days) धारावाहिक में दिखाएं गए चित्रों को बनाया था। 

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प्रथम उपन्यास – ‘स्वामी एंड फ्रेंड्स’ 

RK Narayan Biography in Hindi में हम आपको बताते हैं कि आर.के नारायण ने अपना शुरूआती लेखन कार्य अंग्रेजी में किया। उनका प्रथम उपन्यास ‘स्वामी एंड फ्रेंड्स’ वर्ष 1935 में प्रकाशित हुआ था। इस उपन्यास में उन्होंने ‘स्वामीनाथन’ नाम के बालक की स्कूली जीवन की बेहद मनोरंजक घटनाओं का वर्णन किया था। इसके बाद उनका दूसरा उपन्यास वर्ष 1937 में ‘द बैचलर ऑफ आर्ट्स’ नाम से प्रकाशित हुआ। 

इस उपन्यास में आर.के नारायण ने ‘चंदन’ नाम के युवक को काल्पनिक आधार बनाकर शिक्षा, प्रेम और विवाह संबंधी सामाजिक ढांचे के बीच उठते विचारों को दर्शाया था। इस उपन्यास के बाद उनका तीसरा उपन्यास वर्ष 1938 में ‘द डार्क रूम’ नाम से प्रकाशित हुआ। जिसमें विवाह के बाद पुरुष और स्त्री के घरेलू कलह के बारे में बताया गया है। 

मालगुडी डेज़

क्या आप जानते हैं आर.के नारायण की बहुत सी रचनाएँ उनके द्वारा बनाए गए काल्पनिक गाँव ‘मालगुडी’ पर आधारित थी। उनके प्रथम उपन्यास ‘स्वामी एंड फ्रेंड्स’ में स्वामीनाथन नाम के स्कूली लड़के और उनके दल के मनोरजक कार्यों और और वहाँ रहने वाले स्थानीय लोगों के दैनिक जीवन का वर्णन हैं। जिसका बाद में ‘मालगुडी डेज़’ (Malgudi Days) नाम से एक धारावाहिक बनाया गया था और इस धारावाहिक को ‘डी.डी नेशनल’ पर प्रसारित किया गया था। यह एक लोकप्रिय टेलीविजन शो था जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया और जिसे लोग आज तक नहीं भूले हैं। मालगुडी डेज़ की कहानियां इतनी जीवंत होती थी कि लोग उन्हें अपने जीवन से जुड़ा महसूस करते थे। 

आर.के लक्ष्मण की तुलना प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता ‘विलियम फॉकनर’ से की जाती थी। विलियम फॉकनर ने भी एक काल्पनिक ग्राम की रचना की थी जिसमें फॉल्कनर ने वास्तविक जीवन की छोटी-मोटी गतिविधियों को वर्णन किया था। अंग्रेजी साहित्य में रचना करने वाले आर.के नारायण ने हिंदी भाषी समाज को ‘मालगुडी डेज़’ (Malgudi Days) से जोड़ा। जिसे लोग आज तक नहीं भूले और आर.के नारायण को घर-घर में लोकप्रिय बना दिया। इस टीवी सीरियल की अनूठी धुन आज भी याद की जाती हैं जिसे आज भी आसानी से पहचाना जा सकता हैं। 

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आर.के. नारायण की साहित्यिक कृतियाँ 

RK Narayan Biography in Hindi में अब हम उनकी प्रमुख साहित्यिक कृतियों के बारे में बता रहे है। जिन्हें आप नीचे दी गई तालिका में देख सकते हैं:-

प्रकाशित उपन्यास 

उपन्यास प्रकाशन वर्ष 
स्वामी एंड फ्रेंड्स वर्ष 1935 
द बैचलर ऑफ आर्ट्सवर्ष 1937 
द डार्क रूमवर्ष 1938 
द इंग्लिश टीचरवर्ष 1945
मिस्टर संपथवर्ष 1947
द फ़ाइनेंशियल एक्सपर्टवर्ष 1952
वेटिंग फ़ॉर द महात्मावर्ष 1955
द गाइडवर्ष 1958
द मैन इटर ऑफ़ मालगुडीवर्ष 1961
द वेंडर ऑफ़ स्वीट्सवर्ष 1967
द पेंटर ऑफ़ साइंसवर्ष 1976
टाल्केटिव मेनवर्ष 1976
ए टाइगर फॉर मालगुडी वर्ष 1983 
द वर्ल्ड ऑफ़ नागराजवर्ष 1990 
ग्रेन्डमदर्स टेलवर्ष 1992 

आर.के. नारायण के प्रसिद्ध कहानी संग्रह

कहानी संग्रह  प्रकाशन वर्ष 
मालगुडी डेज (Malgudi Days)वर्ष 1942
एन एस्ट्रोलॉजर्स डे एंड अदर स्टोरीजवर्ष 1947 
लॉली रोड एंड अदर स्टोरीज1956
अ हॉर्स एण्ड गोट्स एण्ड अदर स्टोरीज़वर्ष 1970
अं​डर द बैनियन ट्री एंड अदर स्टोरीज़वर्ष 1985

आर.के. नारायण के द्वारा लिखित कुछ प्रमुख निबंध 

  • नेक्स्ट सन्डे
  • रिलक्टेंट गुरु
  • अ व्रितेर्स नाईटमेयर
  • द वर्ल्ड ऑफ़ स्टोरी-टेलर

आर.के. नारायण की अन्य कृतियाँ 

  • माय डेज
  • माय डातेलेस डायरी
  • द एमराल्ड रूट
  • ‘गॉड्स
  • डेमोंस एंड ओठेर्स 

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आर.के. नारायण की उपलब्धियां 

आर.के. नारायण ने भारत में अंग्रेजी साहित्य के विकास में अपना अहम योगदान दिया हैं। आर के नारायण का जीवन परिचय (RK Narayan Biography in Hindi) में अब हम उनकी उपलब्धियों के बारे में जानेंगे। जो कि इस प्रकार हैं:-

  • वर्ष 1960 में आर.के. नारायण की कृति ‘द गाइड’ के लिए उन्हें ‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 
  • वर्ष 1964 में उन्हें ‘पद्म भूषण’ सम्मान से नवाजा गया था। 
  • इसके बाद वर्ष 2000 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया। 
  • यूनाइटेड किंगडम की ‘रॉयल सोसाइटी ऑफ लिटरेचर’ ने उन्हें ‘बेन्सन मेडल’ से सम्मानित किया था। 
  • इसके साथं ही वह ‘रॉयल सोसायटी ऑफ लिटरेचर’ के फेलो और ‘अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स’ के मानद सदस्य भी रहे हैं। 
  • आपको बता दें कि साहित्य में ‘नोबेल पुरस्कार’ के लिए भी उनका नाम नॉमिनेट हो चुका हैं। 
  • भारतीय अंग्रेजी साहित्य में आर.के. नारायण के विशेष योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1989 में राज्यसभा का मानद सदस्य चुना गया था। 
  • इसके अतिरिक्त आर.के. नारायण को ‘मैसूर विश्वविद्यालय’ और ‘यूनिवर्सिटी आफ लीड्स’ ने डॉक्टरेट की मानद उपाधियाँ प्रदान की हैं।

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आर.के नारायण का निधन 

आर.के नारायण ने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय ग्रामीण और शहरी जीवन की विसंगतियों व विडंबनाओं का सटीक चित्रण किया हैं। जिसमें आधुनिक शहरी जीवन और पुरानी परम्पराओं के बीच टकराव देखने को मिलता हैं। उनकी कई रचनाएँ काल्पनिक गांव मालगुडी के इर्द गिर्द नजर आती हैं। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन ही लेखन के लिए समर्पित कर दिया था और जीवन के अंतिम समय भी वह इस कार्य को बख़ूबी से कर रहे थे। वर्ष 2001 में स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन कुछ समय बाद की इस महान साहित्यकार ने 13 मई 2001 को 94 वर्ष की आयु में  दुनिया से अलविदा कह दिया। बता दें कि इस वर्ष आर.के नारायण की 22वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी। 

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FAQs

आर के नारायण का जन्म कब हुआ था?

आर.के. नारायण का जन्म 10 अक्टूबर, 1906 को तमिलनाडु के मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

आर के नारायण का पहला उपन्यास कौन सा था?

वर्ष 1935 में प्रकाशित ‘स्वामी एंड फ्रेंड्स’ आर के नारायण का पहला उपन्यास था।

आरके नारायण का असली नाम क्या है?

आर.के. नारायण का पूरा नाम ‘रासीपुरम कृष्णास्वामी अय्यर नारायणस्वामी’ था।

आरके नारायण इतने प्रसिद्ध क्यों हैं?

‘आर.के नारायण’ प्रारंभिक भारतीय अंग्रेजी साहित्य के सबसे महान उपन्यासकारों में से एक माने जाते हैं।

मालगुडी किसकी पुस्तक है?

मालगुडी की कहानियाँ अंग्रेजी साहित्य के भारतीय लेखक आर के नारायण द्वारा लिखित एक कहानी संग्रह है।

आशा है कि आपको मालगुडी डेज़ बनाने वाले आर के नारायण का जीवन परिचय (RK Narayan Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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