President Election Process in India: वर्तमान में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आजाद भारत की पहली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति हैं। वहीं, भारत की पूर्व राष्ट्रपति रहीं ‘श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल’ के बाद द्रौपदी मुर्मू भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर जीत हासिल की, जिसमें उन्हें कुल वैध मतों का 64.03% मत प्राप्त हुआ। बताना चाहेंगे भारत के संवैधानिक प्रावधान के अनुसार भारत में हमेशा एक राष्ट्रपति होगा। वहीं सरकार की कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होती है। वे देश के उच्चतम निर्वाचित पद के पदाधिकारी होते हैं तथा उन्हें संविधान के उपबंधों एवं राष्ट्रपतीय और उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन अधिनियम, 1952 के अनुसार निर्वाचित किया जाता है।
बता दें कि UPSC परीक्षा समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में राष्ट्रपति चुनाव (President Election Process in India) से संबंधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में राष्ट्रपति के निर्वाचन में कौन भाग नहीं लेता है? के बारे में बताया गया है।
राष्ट्रपति के निर्वाचन में कौन भाग नहीं लेता है?
राष्ट्रपति का निर्वाचन एक निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा सभी राज्यों की विधान सभाओं तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, पुडुचेरी तथा जम्मू-कश्मीर विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं। इन सदनों के नामनिर्दिष्ट सदस्यों को राष्ट्रपति निर्वाचन में मतदान देने का अधिकार नहीं होता है। इसी तरह, राज्य विधान परिषदों के सदस्य भी इस निर्वाचन में निर्वाचक नहीं होते हैं।
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राष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है?
भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के द्वारा किया जाता है। बताना चाहेंगे राष्ट्रपति के चुनाव में, अलग-अलग राज्यों के विधायकों के मतों का मूल्य भी भिन्न होता है। संविधान के अनुच्छेद 33 में मतों के मूल्य की गणना की पद्धति दी गयी है। किसी विशिष्ट राज्य के विधायकों के मतों की मूल्य की गणना उस राज्य की जनसंख्या को उस राज्य के विधान सभा में कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या से विभाजित कर और उसके बाद भागफल को 1000 से विभाजित कर किया जाता है। यदि 1000 से विभाजन के बाद शेषफल 500 से कम है तो उसे उपेक्षित किया जाना होता है, और यदि शेषफल 500 या अधिक होता है, तो मत का मूल्य। अंक से बढ़ जाएगा।
वहीं लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के मतों का मूल्य समान रहता है फिर चाहे वे किसी भी राज्य के निवासी हो। उनके मामले में सभी राज्यों तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर के सभी विधायकों के मतों के कुल मूल्य को लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या से विभाजित कर (यह विभाजन करते समय यदि शेषफल आधे से अधिक होता है, तो मतों का मूल्य। अंक बढ़ जाएगा, और अन्यथा शेषफल को अनदेखा कर दिया जाएगा) मतों का मूल्य निर्धारित किया जाता है।
FAQs
वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु तथा उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ हैं।
भारत के राष्ट्रपति के लिए निर्वाचन का उपबंध संविधान के अनुच्छेद-54 में किया गया है, जिसके अनुसार राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल के माध्यम से किया जाता है।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति (1952-1962) थे।
राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है। वर्षों की यह अवधि राष्ट्रपति पद अभिग्रहण करने की तारीख से आरंभ होती है।
भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व के तहत एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के द्वारा किया जाता है।
आशा है कि आपको इस लेख में राष्ट्रपति के निर्वाचन में कौन भाग नहीं लेता है? (President Election Process in India) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान और ट्रेंडिंग इवेंट्स से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।