बीकानेर का किला : जानिए राजस्थान के इस प्राचीन विशाल किले के बारे में 

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Bikaner ka kila

अगर राजस्थान को किलों का राज्य कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यहां अभी भी प्राचीन राज किले मौजूद और सुरक्षित हैं। इनके रख-रखाव को राजस्थान और केंद्र सरकार देखती हैं। राजस्थान में अनेक किले और विशाल दुर्ग मौजूद हैं। बीकानेर का किला भी राजस्थान के मुख्य दुर्गों में से एक है। यह राजस्थान की प्रमुख ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। बीकानेर के किले का निर्माण महाराजा राय सिंह ने 1589-94 AD में कराया था। यहाँ Bikaner ka kila के बारे में बताया जा रहा है। 

बीकानेर के किले का इतिहास 

बीकानेर के किले का (Bikaner ka kila) निर्माण महाराजा रायसिंह 1589-94 AD के समय हुआ था और शहरपनाह के कोट दरवाजे से लगभग 300 गज की दूरी पर है। इसकी परिधि (सरकम्फ्रेंस) 1078 गज है। भीतर प्रवेश करने के लिए दो प्रधान द्वार हैं, जिनके बाद फिर तीन या चार दरवाजे हैं। कोट में स्थान-स्थान पर प्राय: 40 फुट ऊँची बुर्जे हैं और चारों ओर खाई बनी हुई है, जो ऊपर 30  फुट चौड़ी होकर नीचे तंग होती गई है। इस खाई की गहराई 20  से 50  फुट तक है। प्रसिद्ध है कि इस किले पर कई बार आक्रमण हुए पर शत्रु बल पूर्वक इस पर कभी अधिकार न कर पाए।

बीकानेर किला की स्थापत्य कला 

यहाँ बीकानेर किला (Bikaner ka kila) की स्थापत्य कला के बारे में बताया जा रहा है-

  • बीकानेर के किले के भीतर प्रवेश करने के लिए दो प्रधान द्वार हैं, जिनके बाद फिर तीन या चार दरवाजे हैं। कोट में स्थान-स्थान पर प्राय: 40  फुट ऊँची बुर्जे हैं और चारों ओर खाई बनी हुई है, जो ऊपर 30  फुट चौड़ी होकर नीचे तंग होती गई है। इस खाई की गहराई 20  से 50 फुट तक है।
  • बीकानेर के किले की ऊंचाई लगभग 230 फ़ीट है। यह भारत के सबसे ऊंचे किलों में से एक है।  
  • किले के एक हिस्से में बीकानेर राज्य के उत्तरी भाग के रंगमहल, बड़ोपल आदि गांवों से प्राप्त पकी हुई मिट्टी की बनी बहुत प्राचीन वस्तुओं का बड़ा संग्रह है। 
  • खुदाई के काम की ईंटों में हड़जोरा (Acanthus) की बहुत ही सुंदर पत्तियां बनी है। इसके अतिरिक्त उनपर मथुरा शैली और किसी-किसी पर गंधार शैली की छाप स्पष्ट प्रतीत होती है। इनमें से एक में बैठे हुए दो बैलों की आकृतियां बनी हुई है। दूसरे में एक राक्षस का सिर हड़जोरा की पत्तियों के मध्य बना हुआ है। 
  • इण्ड़ोपर्सिपोलिटन शैली के शिरस्तंभों में हाथी और गरुड़ तथा सिंह की सम्मिलित आकृतियां है। पकी हुई मिट्टी के सिरे बनावट से बहुत प्राचीन दिखते हैं। इनमें तथा अन्य आकृतियों में मथुरा शैली का अनुकरण मिलता है। इनमें कुछ वैष्णव मूर्तियों का भी संग्रह मिलता है।

बीकानेर के किले से जुड़े रोचक तथ्य 

यहाँ बीकानेर के किले (Bikaner ka kila) से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताया जा रहा है-

  • बीकानेर का किला लगभग 100 वर्षों से भी अधिक पुराना है। 
  • बीकानेर के किले को एक समय में अजेय किला माना जाता था क्योंकि इसको जीत पाना लगभग नामुमकिन था।  
  • बीकानेर के किले (Bikaner ka kila) को भारत के सबसे ऊंचे किलों में से एक माना जाता है। 
  • बीकानेर के किले में एक संग्रालय है जिसमें भगवान कृष्ण की दुर्लभ प्राचीन मूर्तियां स्थित हैं। 
  • इस किले में सुरक्षा की दृष्टि से बहरी दीवारों के ऊपर लगभग 37 से अधिक बुर्जों को बनाया गया था, जिसमे हथियार से युक्त सैनिक खड़े रहते थे।
  • इस किले के भीतर कई प्रसिद्ध मंदिर स्थित है जिसमे “हर मंदिर” शाही लोगो के लिए और “रतन बेहरी मंदिर” सामान्य जनता के लिए था। 

बीकानेर किला के भीतर स्थित प्रमुख दर्शनीय स्थल 

यहाँ बीकानेर किला (Bikaner ka kila) के भीतर स्थित प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में बताया जा रहा है-

मंदिर 

बीकानेर का किला (Bikaner ka kila) के अंदर हर मंदिर और रतन बेहरी मंदिर। हर मंदिर विशेष रूप से मंदिर में रहने वाले राज परिवार के लोगों के लिए किया गया था जबकि रतन बेहरी मंदिर आम जनता के लिए दर्शनीय था। ये दोनों ही मंदिर बहुत ही सुंदर हैं। 

द्वार 

बीकानेर के किले (Bikaner ka kila) का प्रवेश द्वार ‘कर्णपोल’ है। इसके आगे के दरवाजों में एक सूरज पोल है, जिसके दोनों पार्श्वो पर विशालकाय हाथी पर बैठी हुई दो मूर्तियां हैं, जो प्रसिद्ध वीर जयमल मेड़तिया (राठौड़) और पत्ता चूंड़ावत (सीसोदिया) की (जो चितौड़गढ़ में बादशाह अकबर के मुकाबले में वीरतापूर्वक लड़कर मारे गए थे) बतलाई जाती हैं। आगे बहुत बड़ा चौक है, जिसमें एक तरफ पंक्ति बद्ध मरदाने और जनाने महल हैं। ये महल बड़े भव्य एवं सुंदर बने हुए हैं। इन महलों के भीतर कई जगह कांच की पच्चीकारी और सुनहरी कलम आदि का बहुत सुन्दर काम है, जो भारतीय कला का उत्तम नमूना है। इन राजमहलो की दीवारों पर रंगीन पलस्तर किया हुआ है, जिससे उनका सौंदर्य बढ़ गया है।

संग्रहालय 

बीकानेर के किले के भीतर एक विशाल संग्रहालय स्थित है। इस संग्रहालय में भगवान कृष्ण की कई दुर्लभ और प्राचीन मूर्तियां स्थित हैं। यह संग्रहालय बीकानेर किले के मुख्य आकर्षणों में से एक है। दूर दूर से लोग इसे देखने के लिए आते हैं।  

बगीचे 

बीकानेर किले के भीतर दो खूबसूरत बगीचे मौजूद हैं। ये बगीचे बहुत ही सुंदर हैं। किले के कर्ण पोल के सामने सूरसागर के निकट विशाल और मनोहर गंगानिवास पब्लिक उद्यान है। इसी उद्यान में एक तरफ एजर्टन टैंक भी बना है। 

महल 

बीकानेर के किले के अंदर सुंदर महल स्थित हैं। इनमें से महाराजा गजसिंह का फूलमहल, चन्द्रमहल, गजमंदिर तथा कचहरी, महाराजा सूरतसिंह का अनुपमहल प्रमुख हैं। इन महलों में दलेल निवास और गंगा निवास नामक विशाल कक्ष मुख्य है। गंगा निवास में लाल रंग के खुदाई के काम हुए पत्थर लगे हैं। छत की लकड़ी पर भी खुदाई का काम है। इसका फर्श संगमरमर का बना है। इन सभी महलों की दीवारों पर नक्काशी द्वारा सुंदर चित्र उकेरे गए हैं। इसके अलावा इन महलों के द्वारों को भी सुंदर चित्रकारी के द्वारा सजाया गया है जिनकी ख़ूबसूरती देखते ही बनती है।  

FAQs 

बीकानेर में कुल कितने किले हैं? 

बीकानेर में कुल 6 किले हैं।

बीकानेर का पुराना नाम क्या है?

बीकानेर का पुराना नाम जंगलदेश था।

बीकानेर में कौन सा महल है?

लालगढ़ महल बीकानेर का एक मशहूर महल है जिसे अब एक हैरिटेज होता में तब्दील कर दिया गया है। लालगढ़ महल दुनिया के सबसे महंगे हैरिटेज होटलों में से एक है।

उम्मीद है कि इस ब्लॉग में आपको Bikaner ka kila इस बारे में जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही अन्य रोचक और महत्वपूर्ण ब्लॉग पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ बने रहिए।

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