रक्त उबल पड़ना मुहावरे का अर्थ (Rakt Ubal Padna Muhavare Ka Arth) होता है। जब किसी व्यक्ति किसी बात से अधिक जोश आ जाता है। तो उसके लिए हम रक्त उबल पड़ना मुहावरे का प्रयोग करते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप रक्त उबल पड़ना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
रक्त उबल पड़ना मुहावरे का अर्थ क्या है?
रक्त उबल पड़ना मुहावरे का अर्थ (Rakt Ubal Padna Muhavare Ka Arth) होता है- जोश आ जाना, अत्याधिक क्रोध आ जाना आदि।
रक्त उबल पड़ना व्याख्या
इस मुहावरे में “रक्त उबल पड़ना मुहावरे का अर्थ” जब रोहन के पिता जी को घर के मालिक ने कुछ कह दिया, तब रोहन के रक्त उबल पड़ा।
रक्त उबल पड़ना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
रक्त उबल पड़ना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- मैं झूठे और गलत बात करने वालों को देखकर मेरा रक्त उबल पड़ता है।
- दीया किसी गलत बात को बर्दास्त नहीं कर पाती है, गलत बात पर उसका रक्त उबल पड़ता है।
- जमींदार ने श्याम लाल का खेत जप्त कर लिया, अब जब श्याम लाल जमींदार को देखता है तो उसका रक्त उबल पड़ता है।
- कई बार रक्त में उबल पड़ने से दो परिवारों के संबंध भी खराब हो जाते हैं।।
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आशा है कि रक्त उबल पड़ना मुहावरे का अर्थ (Rakt Ubal Padna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।