राज्यसभा के प्रथम सभापति कौन थे?

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राज्यसभा के प्रथम सभापति कौन थे?

क्या आपको पता है कि राज्यसभा के प्रथम सभापति कौन थे? अगर नहीं तो यह लेख आपके लिए है। इस लेख में इससे जुड़ी जानकारी देंगे। बता दें कि राज्यसभा और लोकसभा से जुड़े सामान्य ज्ञान से परिचित रहना बहुत जरूरी है क्योंकि कई कॉम्पिटेटिव परीक्षाओं में इससे संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। ऐसे में आईये विस्तार से जानते हैं कि राज्यसभा के प्रथम सभापति कौन थे?

जानिए राज्यसभा के प्रथम सभापति कौन थे?

राज्यसभा के प्रथम सभापति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे। वे भारत के पहले उपराष्ट्रपति (1952-1962) और स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति भी थे। उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति होने के अलावा वह एक दार्शनिक , एक शिक्षक और एक लेखक भी थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन यानी 5 सितंबर को हर साल भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। आईये विस्तार से जानते हैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में।

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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को भारतीय शहर तिरुपति (अब आंध्र प्रदेश) में हुआ था। उनकी माता का नाम ‘सीताम्मा‘ और पिता का नाम ‘सर्वपल्ली वीरास्वामी‘ था। डॉ राधाकृष्णन का बचपन तिरुमनी गांव में ही व्यतीत हुआ। वहीं से इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद आगे की शिक्षा के लिए इनके पिता जी ने क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल, तिरुपति में दाखिला करा दिया। जहां वे 1896 से 1900 तक रहे। सन् 1900 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने वेल्लूर के कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने वेल्लोर के कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी की। बाद में मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और वर्ष 1906 में दर्शन शास्त्र में एम.ए.किया। बता दें कि उनकी पूरी शिक्षा स्काॅलरशिप के जरिए हुई थी। वर्ष 1909 में राधाकृष्णन ने ‘मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज’ में दर्शनशास्त्र के प्रोफ़ेसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की।

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आशा है कि आपको राज्यसभा के प्रथम सभापति कौन थे, के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। इसी तरह के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।

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