राही मासूम रज़ा हिंदी-उर्दू साहित्य के एक प्रतिष्ठित लेखक, कवि, और उपन्यासकार थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं से सदैव समाज पर एक गहरी छाप छोड़ी हैं। राही मासूम रज़ा के उपन्यासों में समाज के विभिन्न पहलुओं का सजीव चित्रण मिलता है। राही मासूम रज़ा के उपन्यास में आपको उर्दू और हिंदी दोनों ही भाषाओं का अद्भुत संगम देखने को मिल जाता है। राही मासूम रज़ा के उपन्यास सरल भाषा और प्रभावशीलता का नेतृत्व करते हैं। राही मासूम रज़ा के उपन्यास सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखते हैं, जो समाज में व्याप्त भेदभाव को मिटाने की पैरवी करते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप राही मासूम रज़ा के उपन्यास पढ़कर अपने जीवन को नई दिशा प्रदान कर पाएंगे।
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राही मासूम रज़ा के बारे में
हिन्दी-उर्दू साहित्य की अनमोल मणियों में से एक बहुमूल्य मणि राही मासूम रज़ा थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन हिंदी-उर्दू साहित्य के प्रति समर्पित किया था। राही मासूम रज़ा एक लेखक, कवि, और उपन्यासकार भी थे। राही मासूम रज़ा का जन्म 1 सितंबर, 1925 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के गंगौली गाँव में हुआ था।
राही मासूम रज़ा ने घर से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा शुरू की, जिसके बाद उन्होंने ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय’ से ‘उर्दू साहित्य के भारतीय व्यक्तित्व’ पर पीएच.डी.की डिग्री हासिल की। राही मासूम रज़ा ने लेखन की शुरुआत शायरी से की थी, लेकिन बाद में उन्होंने हिंदी-उर्दू साहित्य की अनेक विधाओं में रचनाएं की।
राही मासूम रज़ा के उपन्यास भाव और भाषा शैली की दृष्टि से सरल, स्पष्ट और आकर्षक हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण उनकी जीवनी “छोटे आदमी की बड़ी कहानी” है। जीवनभर हिंदी-उर्दू साहित्य के प्रति समर्पित रहने वाले राही मासूम रज़ा को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए ‘पद्म श्री’, ‘पद्म भूषण’, ‘फिल्म फेयर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था। राही मासूम रज़ा का निधन 15 मार्च, 1992 को हुआ था।
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राही मासूम रज़ा के उपन्यास
राही मासूम रज़ा के उपन्यास पढ़कर आप अपने जीवन को सही दिशा देने का काम कर सकते हैं। राही मासूम रज़ा के उपन्यास हिंदी और उर्दू दोनों ही भाषों में लिखे गए थे, जो कुछ इस प्रकार हैं –
राही मासूम रज़ा के हिंदी उपन्यास
- आधा गाँव
- टोपी शुक्ला
- दिल एक सादा काग़ज़
- हिम्मत जौनपुरी
- ओस की बूँद
- असन्तोष के दिन
- कटरा बी आर्जू
- नीम का पेड़
- सीन : 75 इत्यादि।
राही मासूम रज़ा के उर्दू उपन्यास
- कारोबारे तमन्ना
- क़यामत
- मुहब्बत के सिवा इत्यादि।
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राही मासूम रज़ा का काव्य-संग्रह
राही मासूम रज़ा का काव्य-संग्रह को पढ़कर आप उनकी साहित्य की समझ को अच्छे से परख पाएंगे, जो कुछ इस प्रकार हैं –
- नया साल
- मैं एक फेरीवाला
- मौजे-गुल : मौजे सबा
- अजनबी शहर : अजनबी रास्ते
- अट्ठारह सौ सत्तावन
- रक्से-मय इत्यादि।
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FAQs
‘कारोबारे तमन्ना’ के लेखक राही मासूम रज़ा है।
‘आधा गाँव’ की रचना राही मासूम रज़ा ने की थी।
राही मासूम रज़ा का जन्म 1 सितंबर, 1925 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के गंगौली गाँव में हुआ था।
राही मासूम रज़ा का निधन 15 मार्च, 1992 को हुआ था।
“आधा गाँव” वर्ष 1966 प्रकाशित हुई थी।
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आशा है कि राही मासूम रज़ा के उपन्यास और उनके जीवन की आपको सम्पूर्ण जानकारी मिल गई होगी, साथ ही यह पोस्ट आपको इंफॉर्मेटिव और इंट्रस्टिंग लगी होगी। इसी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।