पुराना किला नई दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित प्राचीन दीना-पनाह नगर का आंतरिक किला है। इस किले का निर्माण शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल में 1540 से 1545 के बीच करवाया था। किले के तीन बड़े द्वार हैं तथा इसकी विशाल दीवारें हैं। इसके अंदर एक मस्जिद है जिसमें दो तलीय अष्टभुजी स्तंभ है। हिन्दू साहित्य के अनुसार यह किला इंद्रप्रस्थ के स्थल पर है, जो पांडवों की विशाल राजधानी होती थी। इस ब्लॉग में पुराना किला के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
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पुराना किला का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि दिल्ली को सर्वप्रथम पांडवों ने अपनी राजधानी इन्द्रप्रस्थ के रूप में बसाया था वह भी ईसापूर्व से 1400 वर्ष पहले, परन्तु इसका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। आज दिख रहे पुराने किले के दक्षिण पूर्वी भाग में सन 1955 में परीक्षण के लिए कुछ खंदक खोदे गए थे और इस खुदाई में मिट्टी के पात्रों के टुकड़े आदि पाए गए वे महाभारत की कथा से जुड़े अन्य स्थलों से प्राप्त वस्तुओं से मिलते हैं। इससे इस पुराने किले के भूभाग को इन्द्रप्रस्थ रहे होने की मान्यता को काफी बल मिलता है। भले ही महाभारत को एक धर्मग्रंथ के रूप में देखते हैं लेकिन बौद्ध साहित्य “अंगुत्तर निकाय” में वर्णित महाजनपदों यथा काशी, कोशल अंग, मगध, अस्मक, अवन्ति, गांधार, चेदी आदि में से बहुतों का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है जो इस बात का संकेत है कि यह ग्रन्थ मात्र पौराणिक ही नहीं ऐतिहासिक भी है।
पुराना किला के महाभारत कालीन होने के प्रमाण
यहाँ पुराना किला के महाभारत कालीन होने के प्रमाणों के बारे में बताया जा रहा है :
- पुराने किले की पूर्वी दीवार के पास दुबारा खुदाई 1969 से 1973 के बीच की गई थी। वहां से महाभारत कालीन मानव बसावट के कोई प्रमाण तो नहीं मिले लेकिन मौर्य काल (300 वर्ष ईसापूर्व) से लेकर प्रारंभिक मुग़ल काल तक अनवरत वह भूभाग मानव बसावट से परिपूर्ण रहा।
- ऐसे प्रमाण मिलते हैं जिनमें काल विशेष के सिक्के, मनके, मिटटी के बर्तन, पकी मिटटी की (टेराकोटा) यक्ष यक्षियों की छोटी छोटी प्रतिमाएँ, लिपि युक्त मुद्राएँ (सील) आदि प्रमुख हैं जो किले के संग्रहालय में प्रर्दशित हैं।
- इतिहासकारों का कहना है कि मुग़ल सम्राट हुमायूँ ने यमुना नदी के किनारे उसी टीले पर जिसके नीचे इन्द्रप्रस्थ दबा हुआ है, अपने स्वयं की नगरी “दीनपनाह” स्थापित की थी। उसके बाद शेरशाह सूर (सूरी)(1538-45) ने जब हुमायूँ पर विजय प्राप्त की तो सभी भवनों को नष्ट कर वर्तमान दिल्ली, शेरशाही या “शेरगढ़” का निर्माण प्रारम्भ करवाया। इस बीच हुमायूँ ने पुनः संघटित होकर आक्रमण किया और अपनी खोई हुई सल्तनत वापस पा ली। किले का निर्माण कार्य हुमायूँ ने ही 1545 में पूर्ण कराया था।
पुराने किले की स्थापत्य कला
यहाँ पुराने किले की स्थापत्य कला के बारे में बताया जा रहा है :
- पुराना किला मूलतः यमुना नदी के तट पर ही बना था, इसके पास नदी को जोड़ती हुई एक खाई सुरक्षा के दृष्टि से बनी थी।
- इस किले की चार दीवारी लगभग 2.4 किलोमीटर लम्बी है और इसके तीन मुख्य दरवाज़े उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में हैं। इनमें से पश्चिमी दरवाज़े का प्रयोग आजकल किले में प्रवेश के लिए किया जाता है। उत्तर की ओर का द्वार “तलाकी दरवाजा” कहलाता है।
- इस किले में हुमायूं का पुस्कालय भी मौजूद है।
- यहाँ शेरशाह सूरी का बनाया हुआ शेर मंडल अश्तकोनीय दो मंजिला भवन भी मौजूद है।
पुराने किले में दर्शनीय स्थल
यहाँ पुराना किला में स्थित दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है :
- किला-ए-कुना मस्जिद: यह मस्जिद शेर शाह सूरी द्वारा निर्मित एक गुंबद वाली मस्जिद है।
- शेर मंडल: यह एक अष्टकोणीय दो मंजिला टॉवर जो हुमायूँ की निजी पुस्तकालय और वेधशाला के रूप में प्रयोग किया जाता था।
- पुराना किला संग्रहालय: यह पुराना किला का संग्रालय है। इसमें मुगलकालीन चीज़ें रखी हुई हैं।
- कैरोल मंजिल: यह एक मस्जिद है। इसका निर्माण अकबर की माँ ने कराया था। इस विशाल मस्जिद की ऊँचाई 550 मीटर है।
- शेरशाह सूरी गेट: यह के विशाल दरवाजा है। इसका निर्माण शेरशाह सूरी ने करवाया था। इसे लाल दरवाजा भी कहा जाता है। इसकी ऊंचाई 350 मीटर है।
FAQs
इस इमारत को किसी मुगल शासक ने नहीं बल्कि सूरी वंश के सम्राट शेरशाह सूरी ने किया था। हिंदू साहित्य के अनुसार ये किला इंद्रप्रस्थ नाम की जगह पर स्थित है, जो किसी समय में पांडवों की राजधानी होती थी।
बी. लाल के नेतृत्व में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 1954-55 और 1969-1973 में इस स्थल पर उत्खनन-अभियान चलाए थे, जिनमें चित्रित धूसर मृद्भाण्ड अर्थात पेंटेड ग्रे वेयर (पीजीडब्लू) किस्म की मिट्टी के बर्तनों के कुछ टुकड़े पाए गए थे। इन्हें इतिहासज्ञ महाभारत के समय (ईसा-पूर्व 1500-1000) का बताते हैं।
पुराना किला का निर्माण मुगल सम्राट हुमायूं ने 16वीं शताब्दी में अपने नए शहर दीनपनाह के एक हिस्से के रूप में कराया था।
आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में पुराना किला के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के अन्य दुर्ग और किलों का इतिहास पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।