प्रेमचंद दुनिया के मशहूर साहित्यकारों में से एक थे। उनके पास साहित्य का बारीकी से हुनहर था। उन्हें भारत का विलियम शेक्सपीयर भी कहा जाता है। दुनिया में उन्होंने साहित्य में काफी ख्याति प्राप्त की थी। प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1888 को लखनऊ, भारत में हुआ था। वे हिंदी और उर्दू भाषा के महान लेखक थे। उन्होंने कई प्रसिद्ध उपन्यास, कहानियां, और निबंध लिखे। प्रेमचंद को “उपन्यास सम्राट” कहा जाता है। प्रेमचंद जी अपने हुनहर के जबरदस्त धनी थे। लेकिन उनकी मृत्यु से हिंदी साहित्य को एक बड़ा नुकसान हुआ। आइए इस ब्लॉग में जानते हैं कि इस महान लेखक मुंशी प्रेमचंद की मृत्यु कब हुई?
प्रेमचंद की मृत्यु कब हुई?
प्रेमचंद की मृत्यु कब हुई | 8 अक्टूबर 1936 |
प्रेमचंद जी की मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 में ब्रिटिश इंडिया के बनारस में लम्बी बीमारी के चलते हुई थी। प्रेमचंद जी की मृत्यु 56 वर्ष की आयु में हुई थी। हालांकि उनकी मृत्यु के बाद भी प्रेमचंद जी दुनिया भर में सफल लेखक के तौर पर जाने जाते रहे थे।
प्रेमचंद के उपन्यास की लिस्ट
प्रेमचंद के उपन्यास की लिस्ट इस प्रकार है:
- वर्ष 1918: सेवासदन
- वर्ष 1920: वरदान
- वर्ष 1922: प्रेमाश्रम
- वर्ष 1925: रंगभूमि
- वर्ष 1926: कायाकल्प
- वर्ष 1927: निर्मला
- वर्ष 1931: गबन
- वर्ष 1933: कर्मभूमि
- वर्ष 1936: गोदान
- वर्ष 1944: मंगलसूत्र
प्रेमचंद के बारे में
मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस के निकट एक सुदूर कस्बे लमही में हुआ था। प्रेमचंद एक साधारण पृष्ठभूमि और छोटे परिवार से थे। उनके दादा गुरु सहाय राय एक पटवारी थे, और पिता अजायब राय एक पोस्टमास्टर थे। उनका जीवन बचपन से ही चुनौतियों से भरा रहा। जब प्रेम चंद केवल 8 वर्ष के थे, तब उनकी मां की बीमारी से मृत्यु हो गई। बता दें कि प्रेमचंद ने अपनी औपचारिक स्कूली शिक्षा 7 साल की उम्र में लेमही, बनारस के एक साधारण मदरसे में शुरू की थी।
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