NEET-UG परीक्षा के लिए योग्यता में सुधार करते हुए, नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने बारहवीं कक्षा के छात्रों को, उनके कोर मेन सब्जेक्ट में बायोलॉजी के बिना, परीक्षा के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
NMC के मेंबर EMRB डॉ. योगेन्द्र मलिक ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि “बायोलॉजी के बिना छात्रों को NEET-UG में बैठने की अनुमति देने का निर्णय उन छात्रों का समर्थन करने के लिए पेश किया गया है जो बाद में मेडिसिन लेने के लिए अपना मन बदलते हैं। अब फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स (PCM) के कॉम्बिनेशन वाले छात्रों को भी परीक्षा के लिए अनुमति दी जाएगी।
मलिक के मुताबिक ऐसा करने से छात्रों के लिए अवसर बढ़ेंगे। भविष्य की मेडिकल एजुकेशन इससे प्रभावित नहीं होगी। इससे अधिक छात्रों को परीक्षा देने की भी अनुमति मिलेगी, जो पहले प्रतिबंधित थी।
पहले यह था नियम
अब तक केवल फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी/बायोटेक्नोलॉजी और अंग्रेजी के साथ बारहवीं कक्षा या इसके समकक्ष उत्तीर्ण कैंडिडेट्स ही NEET के लिए योग्य थे, हालांकि, अब PCM अनुभाग के छात्र भी बायोलॉजी/बायोटेक्नोलॉजी विषयों की पढ़ाई किए बिना NEET-UG देने के लिए पात्र होंगे।
इससे पहले, NEET-UG परीक्षा में उपस्थित होने के लिए, कैंडिडेट्स को अंग्रेजी के साथ-साथ प्रैक्टिकल के साथ ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी/बायोटेक्नोलॉजी के दो साल के रेगुलर / कॉन्टिनियस पढ़ाई से गुजरना पड़ता था। NMC का दावा है कि नए फैसले से उन PCM छात्रों को फायदा होगा जिनके आवेदन पहले खारिज कर दिए गए थे।
बायोलॉजी आवश्यक विषय है
NRS मेडिकल कॉलेज, कोलकाता के फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. सौरभ चट्टोपाध्याय कहते हैं, “मेडिकल छात्रों के लिए बायोलॉजी आवश्यक है और कैंडिडेट्स को बायोलॉजी की पढ़ाई किए बिना मानव शरीर रचना विज्ञान का स्पष्ट विचार नहीं मिल सकता है।
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