भारतीय शिक्षा के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि भारत का प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान आईआईटी भारत के बाहर किसी दूसरे देश में खुलने जा रहा है। IIT मद्रास अपनी एक ब्रांच अफ्रीकी देश तंजानिया के ज़ंज़ीबार शहर में खोलने जा रहा है। अच्छी बात यह है कि इस आईआईटी में अफ्रीकी स्टूडेंट्स के अलावा भारत के स्टूडेंट्स भी एडमिशन ले सकेंगे। इस कैम्पस के स्थापना के समय भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और तंज़ानिया के राष्ट्रपति डॉ हुसैन अली भी मौजूद थे।
तंज़ानिया और भारतीय स्टूडेंट्स के अलावा दूसरे देशों के स्टूडेंट्स भी ले सकेंगे एडमिशन
इस कैम्पस में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को IIT मद्रास के द्वारा डिग्री प्रदान की जाएगी। इस कॉलेज में तंज़ानिया और भारतीय स्टूडेंट्स के अलावा अन्य देशों के स्टूडेंट्स भी एडमिशन ले सकेंगे। इस IIT कैम्पस में इंजीनियरिंग की नवीन और विभिन्न डिसिप्लिनरी कोर्सेज की पढ़ाई कराई जाएगी।
भारत और तंज़ानिया के रिश्ते होंगे मजबूत
भारत सरकार के इस कदम से भारत और तंज़ानिया के रिश्तों में मजबूती आएगी। इस IIT कैम्पस में भारतीय और अफ्रीकी छात्र साथ साथ पढ़ेंगे। अकादमिक प्रोग्राम, कोर्सेज, छात्रों का चयन और अकादमिक डिटेल्स IIT मद्रास द्वारा होंगे जबकि पूंजी और ऑपरेशनल खर्च ज़ांज़ीबार-तंजानिया सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। यह IIT कैम्पस भारत और तंज़ानिया सरकार का एक जॉइंट प्रोजेक्ट होगा।
भारतीय उच्च शिक्षा का रोल मॉडल बनेगा यह कैम्पस
भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बताया कि यह कॉलेज उच्च शिक्षा और टेक्नोलॉजी एजुकेशन के क्षेत्र में पूरी दुनिया के सामने भारतीय शिक्षा व्यवस्था के एक रोल मॉडल के रूप में जाना जाएगा। इससे IIT मद्रास की शिक्षा और रिसर्च एंड डेवलपमेंट की गुणवत्ता में भी अच्छा सुधार होगा।
इसी और अन्य प्रकार के Leverage Edu न्यूज़ अपडेट्स के साथ बने रहिए।