हाल ही में दिनाँक 18 अप्रैल 2023 को IIT भुवनेश्वर में IIT परिषद की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक की अध्यक्षता की और देश की सभी 23 आईआईटी के निदेशकों और UGC के अध्यक्ष ममिदाला जगदीश कुमार ने विचार-विमर्श में भाग लिया।
IIT परिषद ने नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCF) पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। जिसके अनुसार “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020” में शिक्षा को अधिक समग्र और प्रभावी बनाने की बात पर चर्चा की गई। इस चर्चा में सामान्य (अकादमिक) शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण पर जोर देने की बात कही गई। जिसके लिए भारत सरकार ने UGC, AICTE, NCVET, NIOS, CBSE, NCERT, DGT, शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया।
उन्होंने परिषद को आगे बताया कि “NCF प्राथमिक, स्कूल, उच्च और व्यावसायिक शिक्षा और इसके प्रशिक्षण को शामिल करने वाला एक व्यापक क्रेडिट ढांचा है। जो विभिन्न आयामों में सीखने के श्रेय को एकीकृत करता है, यानी प्रासंगिक अनुभव और दक्षता/पेशेवर सहित शिक्षाविदों, व्यावसायिक कौशल और अनुभवात्मक शिक्षा स्तरों का अधिग्रहण करता है।
उन्होंने यह भी बताया कि IIT ने सेक्टरवाईस अवेयरनेस वर्कशॉप के आयोजन में अग्रणी भूमिका निभाई है, जो स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के शिक्षकों और प्रशासकों के लिए भी आयोजित की गई थी।
UGC के अध्यक्ष द्वारा दी गई प्रस्तुति के बाद, IIT परिषद ने सर्वसम्मति से NCF को अपनाने और इसे सभी IIT में लागू करने का निर्णय लिया। UGC के अध्यक्ष ने कहा, “IIT परिषद द्वारा एक NCF को अपनाना एक अच्छा निर्णय है क्योंकि यह जनरल (अकादमिक) एजुकेशन, टेक्निकल एजुकेशन, स्किल एंड वोकेशनल एजुकेशन में प्राप्त क्रेडिट की बेहतर समानता प्रदान करेगा।
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