नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी (NEP 2020) आने के बाद एजुकेशन सिस्टम में लगातार बदलाव हो रहे हैं। अब साल में 2 बार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्ट्री ने 23 अगस्त को नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी के तहत स्टूडेंट्स के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) जारी कर दिया है।
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एजुकेशन मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया है कि बोर्ड परीक्षाएं साल में 2 बार आयोजित होंगी। इससे स्टूडेंट्स की समझ और स्किल का विकास होगा। इसके अलावा स्टूडेंट्स को एग्जाम क्लियर करने के लिए 2 मौके मिलेंगे।
NCF के तहत स्टूडेंट्स के लिए हुए बदलाव
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत स्टूडेंट्स के लिए किए गए बदलाव इस प्रकार हैंः
- बोर्ड परीक्षाएं साल में 2 बार आयोजित की जाएंगी और छात्रों को अच्छा स्कोर बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी।
- कक्षा 11,12 में विषयों का चयन केवल स्ट्रीम तक ही सीमित नहीं रहेगा, छात्रों को चयन में फ्लैक्सिबिलिटी मिलेगी।
- कक्षा 11, 12 के छात्रों को दो भाषाएं पढ़नी होंगी, कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए।
- बोर्ड परीक्षाएं कोचिंग, समझ और स्किल्स की उपलब्धि का आकलन करेंगी।
- 2024 एकेडमिक सेशन के लिए बुक्स डेवलप की जाएंगी।
- स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘ऑन डिमांड’ एग्जाम पेशकश करने की क्षमता डेवलप करेंगे।
- न्यू करिकुल फ्रेमवर्क में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CBSE) को भी शामिल किया गया है।
- CBSE के साथ ही अन्य राज्यों की ओर से आयोजित की जानें वाले बोर्ड परीक्षाएं साल में 2 बार होंगी।
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के बारे में
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) की रूपरेखा नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी के कार्यान्वयन को सक्षम करने के लिए बनाई गई है। मूलभूत चरण शिक्षा (3 से 8 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए) के लिए NCF अक्टूबर 2022 में सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान द्वारा शुरू किया गया था।
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