नौसेना की पहली महिला पायलट ने भारत की नारी शक्ति का नेतृत्व करके उन सभी महिलाओं की प्रेरणा बनने का काम किया, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात कड़ा परिश्रम करती हैं। विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों को नौसेना की पहली महिला पायलट “लेफ्टिनेंट शिवांगी” के बारे में अवश्य पढ़ लेना चाहिए। लेफ्टिनेंट शिवांगी की कहानी भारत की हर उस बेटी के सपनों को नए पंख दे सकती है, जो साहस करके भारत राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान देना चाहती हैं। इस पोस्ट में आपको नौसेना की पहली महिला पायलट के बारे में जानने को मिलेगा, जिसके लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
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जानिए नौसेना की पहली महिला पायलट कौन थी?
भारतीय सेना में अपनी भागीदारी से मातृभूमि के प्रति अपने जीवन को समर्पित करने के उद्देश्य से “शिवांगी सिंह” ने 2 दिसंबर 2019 को भारतीय नौसेना में पायलट बनने का अपना सपना पूरा किया। यह एक ऐसा दिन था, जिस दिन वह भारतीय नौसेना में पायलट बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
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लेफ्टिनेंट शिवांगी के बारे में
भारत की बेटियों की प्रेरणा बनने के साथ-साथ, लेफ्टिनेंट शिवांगी ने भारतीय समाज की जागृत चेतना बनने का काम किया। लेफ्टिनेंट शिवांगी की जीवन यात्रा सरल व आसान नहीं रही है, आज उनकी सफलता के बारे में जानने के साथ-साथ आपको लेफ्टिनेंट शिवांगी के बारे में अवश्य जान लेना चाहिए।
15 मार्च 1995 को बिहार के मुजफ्फरपुर में लेफ्टिनेंट शिवांगी का जन्म हुआ। लेफ्टिनेंट शिवांगी के पिता जी हरि भूषण सिंह एक स्कूल शिक्षक और माता जी प्रियंका सिंह एक गृहिणी हैं। लेफ्टिनेंट शिवांगी को शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी)-पायलट प्रवेश योजना के तहत भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। लेफ्टिनेंट शिवांगी वर्ष 2019 से लेकर वर्तमान में भी भारतीय नौसेना में शामिल हैं।
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आशा है कि आपको इस पोस्ट के माध्यम से नौसेना की पहली महिला पायलट के बारे में पता चला गया होगा। इसी प्रकार की अन्य पोस्ट पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।