मुंह में लगाम न होना मुहावरे का अर्थ (Muh Me Langgam Na Hona Muhavare Ka Arth) होता है। जब कोई व्यक्ति किसी बात को बिना सोचे समझे किसी के भी सामने बोलने लगता है, तो उसके लिए हम मुंह में लगाम न होना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप मुंह में लगाम न होना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
मुंह में लगाम न होना मुहावरे का अर्थ क्या है?
मुंह में लगाम न होना मुहावरे का अर्थ (Muh Me Langgam Na Hona Muhavare Ka Arth) होता है- बिना सोचे समझे बोलना आदि।
मुंह में लगाम न होना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “मुंह में लगाम न होना मुहावरे का अर्थ” रिया के मुंह में लगाम नहीं है वो किसी के भी सामने कुछ भी बोल देती है।
मुंह में लगाम न होना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
मुंह में लगाम न होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- दीपक इतना न समझ है की वो बोलते समय नहीं सोचता वो क्या कह रहा है उसके मुंह में लगाम नहीं है।
- मैंने अक्सर लोगों को बिना सोचे समझे बोलते देखा है, मानो उनके मुंह में लगाम न नहीं होती है।
- दिया जितनी शांत है, जिया उतनी ही न समझ उसके मुंह में लगाम नहीं होती है वो कभी भी कुछ बोल देती है।
- घर में आए रिश्तेदारों के सामने शुभम ने ऐसी बात कह दी, जिससे वो बोल पड़े इसके मुंह में लगाम नहीं है।
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आशा है कि मुंह में लगाम न होना मुहावरे का अर्थ (Muh Me Langgam Na Hona Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।